पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के मंगलवार की रात अचानक हुए निधन से देशभर में शोक की लहर दौड़ गई। मैं सुषमा जी को करीब तीन दशकों से जानता था। उनकी सबसे बड़ी खूबी उनकी कम्यूनिकेशन स्किल थी। वह अपनी शानदार भाषण कला के लिए जानी जाती थीं, और जब वह बोलती थीं तो उनके मुंह से शब्द ऐसे निकलते थे मानो उनके ऊपर देवी सरस्वती का आशीर्वाद हो। मुश्किल से मुश्किल विषय को भी सुषमा स्वराज बड़ी सहजता, सरलता और पूरी दृढ़ता के साथ लोगों के सामने रख देती थीं।
उनकी दूसरी बड़ी खूबी राजनीति में उनकी स्वच्छ छवि थी। काफी लंबे राजनीतिक करियर के बावजूद उनके ऊपर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं था। उनकी छवि बेदाग थी। सुषमा जी की तीसरी बड़ी खूबी यह थी कि वह अपने मन की बात कहने में पीछे नहीं हटती थीं, और जो उन्हें सही लगता था वह साफ-साफ कहती थीं। उन्होंने हमेशा किसी को अच्छा या बुरा लगने की परवाह किए बगैर अपनी बात रखी। वह किसी की आलोचना करते वक्त अपने मन की बात स्पष्ट रूप से उसके सामने कह देती थीं।
सुषमा जी एक अच्छी इंसान थीं, आम लोगों की पहुंच में रहती थीं और वह मुश्किल में फंसे लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहती थीं। ट्विटर पर उनके फॉलोवर्स, चाहे वे भारत के हों या किसी अन्य देश के, इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं। जब भी लोगों को वीजा संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा, तो बतौर विदेश मंत्री सुषमा जी हमेशा उनकी मदद के लिए मौजूद रहती थीं। उनकी वजह से तमाम चेहरों पर मुस्कान आई। इनमें भारतीय, पाकिस्तानी समेत दुनिया के तमाम देशों के लोग शामिल थे।
इन सभी गुणों ने सुषमा जी के कद को बहुत बड़ा बना दिया था। उनकी अनुपस्थिति निश्चित रूप से आने वाले कई सालों तक सबको महसूस होती रहेगी। (रजत शर्मा)
देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’07 अगस्त 2019 का पूरा एपिसोड