शुक्रवार की रात मैंने अपने शो ‘आज की बात’ में कोरोना वायरस से पीड़ित एक महिला मरीज का वीडियो दिखाया था। वह आईसीयू के अपने बिस्तर से बोल रही थी और उसने सभी को इस खतरनाक वायरस को हल्के में न लेने की हिदायत दी। जिंदगी की लड़ाई लड़ रही इस महिला को सांस लेने में मदद करने के लिए उसके शरीर से ट्यूब्स लगाए गए थे। उसके चेहरे पर चकत्ते पड़े हुए थे और वह बार-बार खांस रही थी।
भारत में रहने वाले हम सभी लोगों को इस महिला की बात सुननी चाहिए। वह कह रही है कि वह कुछ दिन पहले तक बिल्कुल ठीक थी, लेकिन जब कोरोना वायरस ने उसे अपनी चपेट में लिया तो उसने इसके लक्षणों को अनदेखा किया और दोस्तों से मिलती जुलती रही। महिला दुनिया को बता रही है कि प्रारंभिक अवस्था में ही वायरस के लक्षणों को नजरअंदाज न करें और हेल्थ केयर अथॉरिटी से अपनी समस्याओं को कतई न छिपाएं। अच्छी बात यह है कि 10 दिन पहले इस महिला की हालत गंभीर थी और अब वह ठीक हो रही है।
हमारी सरकार यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश कर रही है कि भारत स्टेज 3 (कम्युनिटी स्टेज) में न पहुंचे, लेकिन कोरोना वायरस की जांच में पॉजिटिव पाए गए कुछ लोग इसे अपनी लापरवाही और गैर-जिम्मेदाराना हरकतों के चलते फैला रहे हैं। ताजा उदाहरणों में से एक बॉलीवुड गायिका कनिका कपूर हैं, जो 8 मार्च को लंदन से लौटीं, अपने माता-पिता से मिलीं और लखनऊ के एक होटल में रुकीं। इस होटल में उन्होंने राजनेताओं, उद्योगपतियों और मशहूर हस्तियों के साथ होली और अन्य पार्टियों में हिस्सा लिया। उन्होंने सेल्फ-क्वारंटाइन में रहने की एयरपोर्ट ऑफिसर्स की सलाह को नजरअंदाज कर दिया।
कनिका को अब लखनऊ के केजीएमयू के आइसोलेशन वॉर्ड में रखा गया है और यूपी पुलिस ने उनके खिलाफ लापरवाही के लिए प्राथमिकी दर्ज की है। वह पार्टियों के दौरान बुखार से पीड़ित थीं, लेकिन उन्होंने यह बात नहीं बताई। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके बेटे एवं बीजेपी सांसद दुष्यंत सिंह, बीएसपी नेता अकबर अहमद डम्पी, कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद और यूपी के स्वास्थ्य मंत्री इन पार्टियों में शामिल थे। कनिका के परिवार के सदस्यों को भी क्वारंटाइन में रखा गया है। कनिका ने कहा कि चार दिन पहले उन्हें फ्लू के लक्षण थे और जांच के दौरान वह कोरोना पॉजिटिव पाई गईं। होटल के जिस कमरे में वह रुकी थीं, उसे सील करके सील कर दिया गया है और उनके माता-पिता के घर को सैनिटाइज किया गया है।
कहानी यहीं खत्म नहीं होती। बीजेपी सांसद दुष्यंत सिंह ने गुरुवार को संसद की कार्रवाई में हिस्सा लिया और निशिकांत दुबे एवं मनोज तिवारी सहित कई सांसदों से मिले। तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन परिवहन पर स्थायी समिति की बैठक के दौरान उनके पास बैठे थे। डेरेक और कई अन्य नेताओं ने अब सेल्फ-क्वारंटाइन का विकल्प चुना है। कनिका कपूर के संपर्क में आने वाले लोगों, चाहे वह वसुंधरा हों या उनके बेटे दुष्यंत, को जवाबदेह नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि उन्हें नहीं पता था कि गायिका में कोरोना वायरस के लक्षण हैं। सवाल यह उठता है कि: ऐसे समय में जब कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लोगों को 'सोशल डिस्टैंसिंग' का संदेश दिया जा रहा हो, इन पार्टियों की जरूरत क्या थी।
यह वायरस बहुत क्रूर है। यह अपनी चपेट में आए लोगों के बीच अंतर नहीं करता, चाहे वे जानबूझकर आए हों या अनजाने में। इससे सतर्कता और सावधानी के जरिए ही बचा जा सकता है। लोगों को रेस्तरां में पार्टियां करने और वहां भोजन करने से बचना चाहिए, लेकिन कुछ लोग इन दिशानिर्देशों को धता बताने की कोशिश करते हैं। यह 'हीरोगिरी' नहीं है, बल्कि खुदकुशी के जैसा है। सबसे ज्यादा हैरानी की बात यह है कि कनिका जैसी पढ़ी-लिखी शख्स ने जानबूझकर इन मानदंडों की अवहेलना की और लोगों से मिलती रहीं।
एक व्यक्ति की गलती वायरस को 10 अन्य लोगों में फैला सकती है, और ये 10 लोग इसे 100 या 1000 और इससे भी ज्यादा अन्य लोगों तक फैला सकते हैं। महामारी ऐसी ही होती है। एक बार इसके चलते होने वाले अकल्पनीय नुकसान के बारे में सोचें। मैं सभी से यह अपील करता हूं कि वह राष्ट्र के नाम प्रधानमंत्री के संबोधन को ध्यान से देखें, और मानदंडों का पालन करें। कृपया इस संदेश को सभी के बीच फैलाएं। उन्हें बताएं कि 'कर्फ्यू' का मतलब 'केयर फॉर यू' भी है। (रजत शर्मा)
देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 20 मार्च 2020 का पूरा एपिसोड