118 देशों में फैल चुके कोरोना वायरस को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा महामारी घोषित किए जाने के बाद भारत समेत दुनिया भर के शेयर बाजार धराशायी हो गए। हालांकि इन बुरी खबरों के बीच एक अच्छी खबर भी आई है: इजरायल के वैज्ञानिकों ने जैविक तंत्र और वायरस के गुणों को समझने में सफलता हासिल करने का दावा किया है और कहा है कि वे इस महामारी का टीका खोजने के बिल्कुल करीब हैं। टीका तैयार होने से पहले इसे कई तरह के टेस्ट से गुजरना होगा और इसे पूरी तरह तैयार होने में अभी कई महीने और लग सकते हैं।
भारत में कोरोना वायरस से पहली मौत की खबर कर्नाटक से आई, जहां सऊदी अरब की यात्रा करके आए एक 76 वर्षीय बुजुर्ग की इस वायरस के चलते जान चली गई। दिल्ली सरकार ने 31 मार्च तक सभी स्कूलों, कॉलेजों और सिनेमा हॉलों को बंद करने का आदेश दिया है। पूरे भारत में अब तक लगभग 80 मामलों की पुष्टि की गई है। कोरोना वायरस को लेकर फैली इस दहशत का कुछ बेइमान लोगों ने फायदा उठाने की कोशिश की है। अच्छा मुनाफा कमाने के लिए इन लोगों ने इस्तेमाल हो चुके मास्क को रिसाइकल करके और नकली सैनिटाइजर बनाकर बाजार में उतार दिया। मास्क और सैनिटाइजर की अचानक बढ़ी बिक्री से फायदा उठाते हुए वे काफी पैसे बना रहे थे।
मुझे गुरुवार को अपने व्हाट्सऐप पर एक वीडियो मिला जिसमें मास्क को रिसाइकल किया जा रहा था। जब हमारे रिपोर्टर से इसकी जांच की तो हमने पाया कि इन्हें महाराष्ट्र के भिवंडी में पुलिस ने जब्त किया था। स्थानीय पुलिस ने इमरान नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया है, जिसने दावा किया था कि उसे अमित ठक्कर नाम के शख्स ने इन रिसाइकल किए गए मास्क को सड़क किनारे फेंकने के लिए कहा गया था। इमरान के मुताबिक, अमित पहले इलेक्ट्रॉनिक्स के बिजनेस में था, लेकिन कोरोना वायरस के खौफ के कारण मास्क की बढ़ती डिमांड तको देखकर उसने 15 दिन पहले अचानक मास्क रिसाइकल करने का काम शुरू कर दिया।
इमरान ने बताया कि पिछले दिनों अमित ठक्कर ने रोजाना 50 हजार से एक लाख मास्क मार्केट में बेचे भी हैं। जब इस गोरखधंधे का वीडियो वायरल हुआ, तो उन्होंने इमरान को उन्हें निपटाने के लिए कहा और जब पुलिस ने कदम रखा। चूंकि पुराने यूज्ड मास्क को धोकर दोबारा मार्केट में बेचने का वीडियो वायरल हो गया, इसलिए ऐक्शन के डर से अमित ठक्कर ने इमरान को मास्क ठिकाने लगाने के लिए कह दिया। इमरान ने ये मास्क सड़क पर फेंक दिए जिसके बाद वह पुलिस की गिरफ्त में आ गया।
हरियाणा के गुरुग्राम के पास स्थित मनेसर के एक कारखाने में नकली सैनिटाइजर बनाया जा रहा था। इसे कार के लुब्रिकेंट से तैयार किया जाता था। टबों में भरे नीले रंग के रासायनिक पदार्थ को 'वीरो' सैनिटाइजर के नाम से लेबल की गई बोतलों में पैक किया जाता था। खाद्य और औषधि विभाग ने कारखाने में छापा मारा और लगभग 5,000 बोतलें जब्त कीं। इसी तरह, श्रीनगर में ड्रग इंस्पेक्टरों ने छापा मारा और 50 लीटर से अधिक नकली सैनिटाइजर जब्त किया जिसे थिनर, ग्लिसरीन, पानी और लेमन फ्लेवर से तैयार किया गया था।
ऐसी नापाक हरकतों को अंजाम देने वाले लोग समाज के दुश्मन हैं, और ऐसे समय में जबकि पूरी दुनिया जानलेवा कोरोना वायरस से लड़ने की कोशिश कर रही है, उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए। ये लोग पाप कर रहे हैं। मैंने उच्च अधिकारियों को इन छापों की डीटेल भेजी है और मुझे उम्मीद है कि सरकार लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने वाले इन तत्वों के खिलाफ कड़ा कदम उठाएगी। (रजत शर्मा)
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