ऐक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के रहस्य की जांच करने वाले CBI अफसर पहले दिन से ही तेजी से काम करना शुरू कर चुके हैं। उन्होंने इस मामले की अलग-अलग ऐंगल से जांच करने के लिए शुक्रवार को खुद को 5 टीमों में बांटा। पहली टीम ने संदिग्धों से पूछताछ करने का काम शुरू कर दिया है, दूसरी टीम सभी सबूतों और दस्तावेजों की जांच करने में लगी है, तीसरी टीम का काम सबसे अहम है- यह पता लगाना कि क्या इसमें किसी तरह का फाउल प्ले या कवर अप हुआ है, चौथी टीम सुशांत के घर जाकर क्राइम सीन को रीक्रिएट करेगी, और फॉरेंसिक विशेषज्ञों की पांचवी टीम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और विसरा रिपोर्ट की जांच करेगी। साथ ही यह टीम एक डमी टेस्ट भी कर सकती है।
पहली टीम उन 4 चश्मदीदों से पूछताछ करेगी जो सुशांत के बेडरूम का दरवाजा तोड़े जाने के वक्त वहां मौजूद थे। ये 4 चश्मदीद हैं- नीरज कुमार, दीपेश सावंत, केशव और सिद्धार्थ पिठानी। इनमें से पहले 3 सुशांत के घरेलू नौकर थे जबकि पिठानी उनका क्रिएटिव मैनेजर था। नीरज वह पहला शख्स है जिससे CBI ने शुक्रवार को पूछताछ की। उससे सुशांत के साथ हुई उनकी आखिरी बातचीत के बारे में पूछा गया जैसे कि अभिनेता ने आखिरी बार क्या खाया या पिया, दरवाजा खोलने की कोशिश किसने की, चाभी वाले को किसने बुलाया, पुलिस को सूचना किसने दी और दरवाजा खुलने पर उसने क्या देखा।
इंडिया टीवी के रिपोर्टर सचिन चौधरी ने ताला तोड़ने वाले रफीक से बात की, जिसने कहा कि उसे दोपहर करीब 1 बजे एक फोन आया था कि एक बेडरूम का ताला खोलना है। जब वह वहां गया, तो उसने कमरे के बाहर 3-4 लोगों को खड़े देखा। रफीक ने उन्हें बताया कि यह एक कंप्यूटराइज्ड लॉक है और इसे खोलने में कम से कम एक घंटा लगेगा। ‘वे लोग जल्दी में थे और उन्होंने मुझसे हथौड़े से ताला तोड़ने को कहा।’ रफीक ने कहा कि जवब वह ताला तोड़ रहा था, तो वे लोग यह सुनने की कोशिश कर रहे थे कि कमरे से कोई आवाज आ रही है या नहीं। उन्होंने उससे कहा कि अगर कमरे के अंदर सोया शख्स जाग जाता है तो वह ताले को तोड़ना बंद कर दे।
रफीक ने कहा कि जैसे ही उसने ताला तोड़ा, वहां मौजूद लोगों ने उससे अपने औजार समेटकर चले जाने को कहा। उसे कमरे के अंदर झांकने की इजाजत नहीं दी गई। रफीक ने कहा कि उसने तुरंत अपने औजार समेटे और वहां से चला गया। उसने कहा कि उसे एक घंटे के बाद मुंबई पुलिस का फोन आया जिन्होंने उसे अपने दफ्तर आने के लिए कहा। रफीक ने इंडिया टीवी से कहा, ‘मैं छठी मंजिल पर गया जहां ढेर सारे पुलिसवाले मौजूद थे। इसके बाद मुझे पता चला कि ऐक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत हो गई है। उसने कहा, ‘जब मैं पहली बार फ्लैट में गया था तो मैंने वहां सुशांत की बहन को नहीं देखा था, लेकिन बाद में जब पुलिस मुझे फ्लैट में ले गई, तो वहां पर उनकी बहन मौजूद थीं।' रफीक ने जोर देकर कहा कि उन्हें कमरे के अंदर देखने नहीं दिया गया था। उसने बताया, ‘पुलिस ने मुझे दो-तीन बार फोन किया, और मैंने उन्हें वही बात बताई। मुझे कमरे के अंदर कुछ भी देखने की इजाजत नहीं थी।’
सुशांत के परिजन 2 जायज सवाल उठा रहे हैं: दरवाजे का ताला टूटते ही चाभी वाले को वहां से क्यों भेज दिया गया? जब चाभी वाले को बुलाया गया तो सुशांत की बहन को इसकी जानकारी क्यों नहीं दी गई? सीबीआई को इन सवालों के जवाब तलाशने होंगे। CBI ने शुक्रवार को सुशांत के नौकर नीरज से पूछताछ की। इंडिया टीवी की रिपोर्टर प्रिया ने बाद में नीरज से पूछा कि उसने CBI अधिकारियों को क्या बताया।
नीरज ने कहा, ‘बॉस सुबह 6 बजे उठे थे, अच्छे मूड में थे, और वह छत पर टहले भी थे। मैंने उन्हें एक गिलास ठंडा पानी दिया। सर ने मुझसे पूछा कि क्या सब कुछ ठीक है। मैंने कहा, हां। वह खुशदिल लग रहे थे। फिर वह अपने बेडरूम में चले गए। सर के साथ यह मेरी आखिरी मुलाकात थी और मैं नीचे चला गया। कुक ने उनसे पूछा था कि वह नाश्ते के लिए क्या पसंद करेंगे। बॉस ने एक गिलास नारियल पानी और अनार का जूस लाने को कहा। शेफ ने उनके कमरे के अंदर जाकर ये चीजें दीं और वहां से चला गया। सुबह करीब 10.30 बजे शेफ ग्लास लेने के लिए गया, लेकिन दरवाजा अंदर से बंद था। जब सर घर पर होते थे तो आमतौर पर हम ही दरवाजा खोलते थे, लेकिन उस दिन दरवाजा अंदर से बंद था।’
नीरज ने आगे कहा, ‘हमने सोचा कि सर सो रहे होंगे, और हम उन्हें डिस्टर्ब नहीं करना चाहते थे। सिद्धार्थ ने, जो कि उस वक्त नीचे थे, सर को 2 बार कॉल किया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। इसके बाद उन्होंने सर की बहन को फोन किया, जिन्होंने सिद्धार्थ से कहा कि वह सर को फोन करेंगी और यदि उन्होंने फिर भी फोन नहीं उठाया तो वह आ जाएंगी। उन्होंने सिद्धार्थ से किसी भी तरह दरवाजा खोलने के लिए कहा।’ नीरज के मुताबिक, CBI ने उनसे पूछा कि उन्होंने डुप्लीकेट चाभी से दरवाजा क्यों नहीं खोला। नीरज ने कहा, ‘मैंने उनसे कहा कि हमने चाभी खोजने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे और फिर चाभी वाले को बुलाने का फैसला किया गया। चाभी वाला आया और उसने कहा कि ताला तोड़ने में सिर्फ 5 मिनट लगेंगे जबकि इसे चाभी से खोलने में कम से कम एक घंटा लग जाएगा। हमने उसे ताला तोड़ने के लिए कहा। जैसे ही ताला टूटा, हमने चाभी वाले से दरवाजा खुलने से पहले ही जाने के लिए कह दिया। इसके बाद हम अंदर दाखिल हुए।
नीरज ने कहा, ‘सबसे पहले सिद्धार्थ अंदर गए, उनके बाद दीपेश और सबसे बाद में मैं। केशव चाभी वाले को नीचे छोड़ने गया था। सुशांत की बॉडी देखकर सिद्धार्थ बुरी तरह घबरा गए और कमरे से बाहर निकल गए। हम भी यह सब देखकर स्तब्ध रह गए। हमारे दिमाग ने प्रैक्टिकली काम करना बंद कर दिया था। सर सीलिंग फैन से लटक रहे थे।’ यह तो वक्त ही बताएगा कि CBI नीरज के बयान पर किस हद तक भरोसा करती है। नीरज ने इंडिया टीवी से कहा, ‘रिया मैम घर का खर्च देख रही थीं क्योंकि वह सर के करीब थीं। रिया मैम हमें सर से ज्यादा ऑर्डर देती थीं। ज्यादातर कैश वही संभालती थीं। व्यावहारिक तौर पर वह हमारी मालकिन थीं। मैम ही सर को दवाएं देती थीं, हमने उन्हें कभी भी दवाई नहीं दीं। सर जब यूरोप गए थे तो ठीक थे, लेकिन वहां से वापस आने के बाद वह बीमार लग रहे थे।’
नीरज ने आगे कहा, ‘8 जून को लंच तैयार था, लेकिन रिया ने मुझे उनका सामान पैक करने के लिए कहा। मैंने 2 सूटकेस में उनके सामान पैक किए। उस दिन सर ने दोपहर का खाना खाने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि उनका मूड ठीक नहीं है।’ नीरज ने यह भी कहा कि सुशांत ने उससे एक बार पूछा था कि क्या उसे फ्लैट के अंदर अजीब-सी आवाजें सुनाई देती हैं। इस पर उसने कहा था, हां, उसने भी कुछ अजीब आवाजें सुनी हैं। सुशांत ने तब उससे कहा कि वह अपने फार्महाउस में पूजा करवाएंगे।
CBI ने अब तक सुशांत के 3 सेलफोन, उनके लैपटॉप और उस मग को अपने कब्जे में ले लिया है जिसमें उन्होंने उस सुबह जूस पिया था। इसके अलावा सुशांत के कमरे की बेडशीट, कंबल और 13 एवं 14 जून के CCTV फुटेज भी CBI ने अपने कब्जे में लिए हैं। CBI अधिकारी सुशांत के फ्लैट पर जल्द ही क्राइम सीन को भी रीक्रिएट करेंगे। CBI सुशांत का पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों से भी पूछेगी कि विसरा रिपोर्ट में सुशांत के पेट में जूस की मौजूदगी क्यों नहीं दर्ज की गई, जबकि उनके नौकरों ने बताया कि उन्होंने उस सुबह एक ग्लास जूस लिया था। CBI को यह भी पता लगाना होगा कि ताला टूटते ही चाभी वाले को वहां से जाने के लिए क्यों कहा गया।
अभी तक सामने आए सभी बयान और सबूत यही इशारा कर रहे हैं कि सुशांत किसी फाइनेंशियल या प्रोफेशनल दिक्कत का सामना नहीं कर रहे थे, वह लोकप्रिय भी थे और पेशेवर तौर पर सफल भी, उनकी किसी से कोई दुश्मनी भी नहीं थी, और नेपोटिज्म की बात में भी कोई दम नहीं निकला। ऐसे में सवाल उठता है कि सुशांत की मौत के पीछे की वजह क्या थी? CBI को इन सभी सवालों के जवाब ठोस सबूतों के साथ देने होंगे, और यह कोई आसान काम नहीं है। (रजत शर्मा)
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