Wednesday, November 20, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. Rajat Sharma’s Blog: सुशांत की मौत के मामले में रिया पर कसता जा रहा है शिकंजा

Rajat Sharma’s Blog: सुशांत की मौत के मामले में रिया पर कसता जा रहा है शिकंजा

डॉक्टर चावड़ा ने पटना पुलिस को बताया कि फरवरी और मार्च में सुशांत की तबीयत में सुधार हुआ, लेकिन जब उन्होंने दवाइयां लेनी बंद कर दी, उनकी हालत खराब होती चली गई।

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: September 05, 2020 19:02 IST
Rajat Sharma Blog, Sushant Case Drugs Angle, Sushant Singh Rajput, Rhea Chakraborty- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.

मुंबई की NDPS कोर्ट ने शनिवार को अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती के भाई शौविक और सुशांत सिंह राजपूत के हाउस मैनेजर सैमुअल मिरांडा को 9 सितंबर तक के लिए NCB रिमांड पर भेज दिया, जबकि एक अन्य ड्रग पेडलर कैजान इब्राहिम को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

शौविक का पक्ष रखने अदालत पहुंचे रिया के वकील सतीश मनेशिंदे ने रिमांड के लिए सरकारी वकील की दलील का विरोध करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल के घर से ड्रग्स जैसी कोई भी चीज बरामद नहीं हुई है, और सभी इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को जांचकर्ता अपने साथ लेकर चले गए। मानशिंदे ने अदालत को बताया कि शौविक का कोई पिछला आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, वह जांच एजेंसियों के साथ सहयोग भी कर रहा है, इसलिए उसे रिमांड पर लेने की कोई जरूरत नहीं है। अदालत ने हालांकि आदेश दिया कि शौविक और सैमुअल दोनों को 5 दिन के लिए NCB की कस्टडी में रिमांड पर भेजा जाए।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारियों ने शुक्रवार की रात शौविक और सैमुअल मिरांडा को पेडलर्स से ड्रग्स खरीदने के आरोप में गिरफ्तार किया था। NCB अधिकारियों दोनों को एक ड्रग पेडलर कैजान इब्राहिम के साथ शनिवार को एनडीपीएस की अदालत में पेश किया।

एनसीबी अधिकारियों के मुताबिक, ड्रग पेडलर बासित परिहार, जो पहले से ही 9 सितंबर तक रिमांड पर है, ने माना है कि सैमुअल मिरांडा को सप्लाई करने के लिए वह ड्रग पेडलर्स जैद विलात्रा और कैजान इब्राहिम से मारिजुआना और हैश खरीदा करता था। सैमुअल मिरांडा बाद में इन्हीं ड्रग्स को सुशांत के घर तक पहुंचाता था। शौविक और सैमुअल मिरांडा के ऊपर NDPS ऐक्ट के तहत मादक पदार्थों के उत्पादन, निर्माण, कब्जे, बिक्री, खरीद और परिवहन से संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। इस अपराध में एक वर्ष के कारावास और जुर्माने की अधिकतम सजा है।

NCB के अधिकारी इस मामले में रिया चक्रवर्ती की भूमिका की भी जांच कर रहे हैं, और उसे रविवार को पूछताछ के लिए बुलाया है। ऐसी संभावना भी जताई जा रही है कि वह गिरफ्तार भी हो सकती है। NCB के अधिकारियों के पास रिया और उसके ग्रुप के लोगों के बीच हुई वे वॉट्सऐप चैट्स हैं जिनमें वे साफ-साफ मारिजुआना के क्यूरेटेड फॉर्म बड जैसे ड्रग्स के बारे में बात कर रही हैं। इन ड्रग्स को बॉलीवुड में 5,000 रुपये प्रति ग्राम के हिसाब से बेचा गया था। रिया ने अपने टीवी इंटरव्यू में कहा था कि ‘सुशांत सिंह राजपूत मारिजुआना का सेवन करते थे और नियमित तौर पर ड्रिंक भी किया करते थे।’

हालांकि, रिया और शौविक के घर से कोई मादक पदार्थ नहीं मिला है, लेकिन NCB के अधिकारियों का कहना है कि अन्य लोगों और रिया के बीच वॉट्सऐप पर हुई बातचीत साजिश और उकसावे की ओर इशारा करती है। NCB के अधिकारियों ने शुक्रवार को रिया और शौविक के घरों पर छापा मारा और शाम को उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया। NCB के अधिकारियों ने कहा है कि जैद विलात्रा ने एजेंसी को दिए अपने बयान में खुलासा किया है कि बासित परिहार, एक ड्रग पेडलर, शौविक चक्रवर्ती के कहने पर उससे और कैजान इब्राहिम से मारिजुआना और गांजा खरीदकर उन्हें सैमुअल मिरांडा को डिलीवर करता था। एनसीबी अधिकारियों ने कहा कि ड्रग्स पैसे शौविक Google पे अकाउंट के जरिए देता था।

अब रिया चक्रवर्ती पर भी शिकंजा कसता जा रहा है क्योंकि ड्रग्स खरीदने के लिए उसके क्रेडिट कार्ड्स इस्तेमाल होते थे। इंडिया टीवी के रिपोर्टर राजेश कुमार ने बताया कि रिया के क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कम से कम बारह बार ड्रग्स खरीदने के लिए किया गया था। NCB अब रिया से पूछताछ करने वाली है और उसके लिए जांचकर्ताओं के सामने खुद को बेगुनाह साबित कर पाना बेहद मुश्किल नजर आ रहा है।

शुरुआत में ये वॉट्सऐप चैट्स रिया के सैलफोन से डिलीट कर दिए गए थे, लेकिन बाद में प्रवर्तन निदेशालय की निगरानी में इन्हें क्लोन करके हासिल कर लिया गया और फिर एनसीबी को दे दिया गया। वॉट्सऐप पर हुई ये बातचीत स्पष्ट रूप से पेडलर से प्रतिबंधित ड्रग्स की खरीद में उसकी संलिप्तता की ओर इशारा करती है। NCB के मुताबिक, शौविक पेडलर्स के सीधे संपर्क में था और उनके क्रेडिट कार्ड्स के जरिए गूगल पे अकाउंट से भुगतान की बात भी सामने आई है। NCB ने अपने काम को पेशेवर तरीके से अंजाम दिया है। इसने पहले संदिग्ध ड्रग पैडलर्स पर शिकंजा कसा और फिर रिया के भाई और सैमुएल मिरांडा को अपने घेरे में ले लिया।

इस बीच सीबीआई ने शनिवार को एम्स के डॉक्टरों, सुशांत की बहन मीतू सिंह और सुशांत के स्टाफ नीरज, केशव और सिद्धार्थ पिठानी की मौजूदगी में सुशांत सिंह राजपूत की ‘आत्महत्या’ का रिकंस्ट्रक्शन किया। मीतू सिंह बाद में अपना बयान देने के लिए DRDO गेस्ट हाउस में स्थित CBI के कैंप ऑफिस गईं।

CBI द्वारा सुशांत सिंह राजपूत की मौत के केस की जांच करते हुए अब 15 दिन बीत चुके हैं, लेकिन लगता है कि इस मामले को लॉजिकल कन्क्लूजन तक ले जाना जांच एजेंसी के लिए बहुत बड़ी चुनौती है। साइकाइट्रिस्ट्स अलग-अलग बयान दे रहे हैं। एक एक्सपर्ट ने कहा कि सुशांत बाइपोलर डिसऑर्डर से पीड़ित थे, जबकि दूसरे साइकाइट्रिस्ट ने कहा कि उन्हें कभी नहीं लगा कि सुशांत बाइपोलर हैं। एक साइकाइट्रिस्ट ने कहा कि सुशांत में सुसाइडल टेंटेंसी थी, जबकि दूसरे डॉक्टर ने कहा कि सुशांत डिप्रेशन से पीड़ित हो सकते हैं, लेकिन उनमें आत्महत्या की कोई प्रवृत्ति नहीं थी। कुल मिलाकर 5 डॉक्टरों ने अलग-अलग समय पर सुशांत का इलाज किया था, और CBI के लिए यह मानना मुश्किल है कि किस डॉक्टर का आंकलन सही है।

शुक्रवार की रात अपने प्राइम टाइम शो 'आज की बात' में हमने पटना पुलिस को दिए गए और हमारे पटना के रिपोर्टर नीतीश चंद्र द्वारा भेजे गए डॉक्टर कर्सी बोमी चावड़ा के एक बयान को दिखाया। डॉक्टर कर्सी चावड़ा ने 7 महीने तक सुशांत का इलाज किया था। दिवंगत अभिनेता की मौत के कुछ दिन पहले तक वह उनका इलाज कर रहे थे। डॉक्टर चावड़ा ने पटना पुलिस को बताया कि सुशांत गंभीर अवसाद से पीड़ित थे, लेकिन उन्हें बाइपोलर डिसऑर्डर नहीं था। उन्होंने कहा कि सुशांत में सुसाइडल टेन्डेंसी भी नहीं थी, लेकिन जब उन्होंने नियमित रूप से दवाएं लेना बंद कर दिया तो उनकी समस्या और गंभीर हो गई।

डॉक्टर चावड़ा, जो कि हिंदुजा अस्पताल में बतौर सीनियर साइकाइट्रिस्ट काम करते हैं, ने नवंबर 2019 से इस साल जून तक सुशांत का इलाज किया था। उन्होंने 27 नवंबर को सुशांत को हिंदुजा अस्पताल में भर्ती करवाया, अगले दिन उनकी जांच की। सुशांत ने उनसे कहा था कि उन्हें अच्छा नहीं लग रहा, उदास सा महसूस हो रहा है और डर लग रहा है। सुशांत की कार्डियो, न्यूरोलॉजिकल और गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल जांच की गई, लेकिन वह शारीरिक रूप से फिट पाए गए। 30 नवंबर को रिया ने डॉक्टर को फोन कर कहा कि सुशांत सिगरेट पीना चाहते हैं, जिसके जवाब में डॉक्टर ने कहा कि अस्पताल में धूम्रपान की इजाजत नहीं है और यदि वह चाहें तो डिस्चार्ज हो सकते हैं। सुशांत को उसी दिन अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी।

डॉक्टर ने कहा कि वह सुशांत की मौत से पहले उनसे 9 बार मिले, और फोन पर भी बात की, लेकिन सुशांत की तरफ से ज्यादातर रिया चक्रवर्ती ही बात करती थी। डॉक्टर चावड़ा ने कहा कि वह दो बार, 1 दिसंबर और 5 दिसंबर को, सुशांत की जांच करने के लिए रिया के घर गए। उन्होंने कहा कि हालांकि उनके लक्षणों में कुछ सुधार हुआ था लेकिन सुशांत उदास दिखे और उनमें मोटिवेशन की कमी थी। 20 दिसंबर को रिया ने डॉक्टर को यह बताने के लिए फोन किया कि सुशांत की हालत में सुधार हो गया है और इसके 3 दिन बाद उसने बताया कि वे एक नए अपार्टमेंट में शिफ्ट हो गए हैं। डॉक्टर चावड़ा सुशांत को बधाई देने के लिए उनके नए अपार्टमेंट गए और उन्हें खुश पाया। 9 जनवरी को रिया ने एक बार फिर उन्हें यह पूछने के लिए फोन किया कि क्या सुशांत को फिर से अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता है। डॉक्टर ने कहा कि वह अभी छुट्टी पर जा रहे हैं और वापस आने के बाद बताएंगे कि क्या कर सकते हैं। 20 जनवरी को डॉक्टर चावड़ा को बताया गया कि सुशांत अपनी बहनों से मिलने चंडीगढ़ जा रहे हैं।

डॉक्टर चावड़ा ने पटना पुलिस को बताया कि फरवरी और मार्च में सुशांत की तबीयत में सुधार हुआ, लेकिन जब उन्होंने दवाइयां लेनी बंद कर दी, उनकी हालत खराब होती चली गई। डॉक्टर ने जब 20 मार्च को फोन किया तो रिया ने उन्हें बताया कि सुशांत पिछले 15 दिनों से दवाएं नहीं ले रहे हैं। डॉक्टर चावड़ा ने पटना पुलिस से कहा कि सुशांत को ऐसा नहीं करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि अगले 2 महीनों तक सुशांत की तरफ से कोई फोन नहीं आया। डॉक्टर चावड़ा ने खुलासा किया कि रिया ने उन्हें 3 जून को ही बता दिया था कि वह अगले दिन सुशांत का फ्लैट छोड़कर जाने वाली है। इसका मतलब यह है कि रिया 5 दिन पहले ही सुशांत को छोड़कर जाने का मन बना चुकी थी, क्योंकि वह 8 जून को वहां से चली गई।

 डॉक्टर चावड़ा ने सुशांत को फ्लूनिल 20 एमजी का कैप्सूल प्रेस्क्राइब किया गया था। ये एक एंटी डिप्रेसेंट है, जो डिप्रेशन या ऑब्सेसिव कंपलसिव डिसऑर्डर या पैनिक डिसऑर्डर के ट्रीटमेंट में इस्तेमाल किया जाता है। इस दवा को वक्त पर लेना जरूरी होता है और इसे डॉक्टर को बताए बिना बंद नहीं कर सकते क्योंकि इससे विड्रॉल सिम्टम्स भी आ सकते हैं। सुशांत एटीवान दवा भी ले रहे थे, जो कि लोराजेपाम नाम की दवा का ब्रैंड नेम है। यह दवा दिमाग के कुछ न्यूरो ट्रांसमीटर्स की ऐक्टिविटी को बढ़ाने में मदद करती है। एटीवान भी एंजाइटी और सीज़र डिसऑर्डर के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। सुशांत को क्विटिपिन 50 एमजी टैबलेट भी दी गई थी। यह एक एंटीसाइकेटिक मेडिसिन है जिसका इस्तेमाल सिजोफ्रेनिया या अन्य मानसिक विकारों के इलाज के लिए किया जाता है।

अब यह साफ है कि सुशांत विड्रॉल सिम्टम्स से जूझ रहे थे क्योंकि उन्होंने डॉक्टर से कंसल्ट किए बिना ही दवाएं लेना बंद कर दिया था। डॉक्टर चावड़ा ने यह भी कहा कि सुशांत नियमित तौर पर मारिजुआना का सेवन करते थे और हो सकता है कि उनकी मानसिक हालत को बिगाड़ने में नारकोटिक्स का भी रोल रहा हो। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 04 सितंबर, 2020 का पूरा एपिसोड

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement