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Rajat Sharma’s Blog: तेजी से फैलने वाली और ज्यादा घातक है कोरोना की दूसरी लहर

यह पहले से ज्यादा खतरनाक है और इसके फैलने की रफ्तार भी पहले से कहीं ज्यादा तेज है। इस महामारी की पहली लहर के दौरान जिस रफ्तार से मामले बढ़े थे उसकी तुलना में मौजूदा रफ्तार करीब तीन गुना ज्यादा है। 

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published : April 03, 2021 15:16 IST
India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma
Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma

कोरोना महामारी की दूसरी लहर पूरे देश को अपनी चपेट में ले चुकी है। यह पहले से ज्यादा खतरनाक है और इसके फैलने की रफ्तार भी पहले से कहीं ज्यादा तेज है। शुक्रवार को कोरोना के नए मामलों की संख्या 90 हजार के आंकड़े को छू गई। 24 घंटे में कुल 89,129  मामले सामने आए। इससे एक दिन पहले कुल 81,466 नए केस सामने आए थे।

 
सबसे ज्यादा बुरा हाल महाराष्ट्र का है जहां कोरोना के 47,827नए मामले आए हैं। शुक्रवार को देशभर में इस वायरस के संक्रमण से कुल 714 लोगों की मौत हुई जिसमें अकेले महाराष्ट्र में 220 मौतें दर्ज की गई हैं। इस महामारी की पहली लहर के दौरान जिस रफ्तार से मामले बढ़े थे उसकी तुलना में मौजूदा रफ्तार करीब तीन गुना ज्यादा है। पिछले साल 17 सितंबर को एक दिन में कोरोना के सर्वाधिक 98,795 मामले दर्ज किए गए थे और मौजूदा लहर को देखें तो यह तेज गति से इस आंकड़े की ओर बढ़ रही है। 
 
यह महामारी तेजी से कर्नाटक( शुक्रवार को 4,991 नए मामले ), दिल्ली (3,594), तमिलनाडु (3,290), पंजाब (2,903), गुजरात (2,640), और मध्य प्रदेश (2,777) में फैल रही है। कोरोना के 80 प्रतिशत से ज्यादा नए मामले इन राज्यों में हैं। शुक्रवार को स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने यह स्पष्ट कर दिया कि महामारी की दूसरी लहर पहले की तुलना में ज्यादा घातक और खतरनाक है। विशेषज्ञों ने यह अनुमान जताया है कि अगले कुछ दिनों में हालात ऐसे हो सकते हैं जब रोजाना एक लाख से ज्यादा कोरोना के मामले सामने आएंगे, इसलिए कोरोना के गाइडलाइंस का पालन करने के लिए और सख्ती बरतने की जरूरत है। 
 
यह चेतावनी बिल्कुल स्पष्ट है कि अगर अब भी नहीं संभले तो फिर अमेरिका और ब्राजील जैसे हालात होने में वक्त नहीं लगेगा। हमें भी उन्हीं चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है जिनका सामना अमेरिका और ब्राजील ने किया है। ये दोनों देश मौजूदा समय में कोरोना की लिस्ट में शीर्ष पर हैं। पिछले साल सितम्बर में जब यह महामारी अपने चरम(पीक) पर थी तो रोजाना 97 हज़ार नए मामले आते थे। पॉजिटिविटी और मृत्यु दर भी बढ़ रही और ये हम सभी के लिए अत्यंत चिंता की बात है।
 
केंद्र ने 11 राज्यों को 'गंभीर चिंता वाले राज्यों' के रूप में पहचान की है जहां कोरोना के नए मामले और इससे होनेवाली मौतों में वृद्धि हो रही है, लेकिन रोकथाम के उपायों को लागू करने में कोई सराहनीय पहल नहीं हुई है। कैबिनेट सचिव ने शुक्रवार को सभी राज्यों को निर्देश दिया कि वे अपने राज्य प्रशासन को सक्रिय करें और महामारी को फैलने से रोकने के लिए सभी संसाधनों का इस्तेमाल करें।
 
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार शाम अपने लाइव स्पीच में इस बात की चेतावनी दी कि अगले दो दिनों में लॉकडाउन लागू करने पर फैसला हो सकता है। ठाकरे ने कहा, 'मैं इसकी अभी घोषणा तो नहीं कर रहा हूं लेकिन पूर्ण लॉकडाउन की चेतावनी दे रहा हूं । मैं देखूंगा कि क्या हम कोरोना के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए एक व्यावहारिक समाधान ढूंढ सकते हैं।'
 
महाराष्ट्र सरकार पूरे राज्य के स्तर पर लॉकडाउन लागू करने की बजाय  मुंबई, पुणे, ठाणे और नागपुर जैसे आठ क्षेत्रों में लॉकडाउन लागू कर सकती है, जहां कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पुणे में रोजाना 12 घंटे के कर्फ्यू की पहले ही घोषणा की जा चुकी है। छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने कोरोना हॉटस्पॉट बन चुके दुर्ग और बेमेतरा जिले में 9 दिनों का लॉकडाउन किया है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छिंदवाड़ा जिले में तीन दिनों के पूर्ण लॉकडाउन का आदेश दिया है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा, खरगोन, रतलाम, ग्वालियर, उज्जैन, विदिशा और नरसिंहपुर जिलों में वीकेंड लॉकडाउन लगाया गया है। यानि शनिवार रात 9 बजे से सोमवार शाम 6 बजे तक इन शहरों में लॉकडाउन लागू रहेगा। कर्नाटक में राज्य सरकार ने आठ जिलों में नए प्रतिबंध लगाए हैं, जिनमें स्कूल, जिम और स्विमिंग पूल को बंद करना शामिल है। पंजाब के अधिकांश शहरों में पहले से ही रात का कर्फ्यू लगा हुआ है।
 
केवल नाइट कर्फ्यू, आंशिक लॉकडाउन जैसे फैसले करने, कागजों पर योजना बनाने, आदेश देने से क्या होगा। जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। महाराष्ट्र में सरकार ने सख्त नियम तो पहले से बना रखे हैं लेकिन मुश्किल ये है कि नियमों का पालन नहीं हो रहा है। न सरकार पालन करवा रही है और न लोग सरकारी नियमों को मान रहे हैं। शुक्रवार की रात को अपने प्राइम टाइम शो 'आज की बात' में हमने दिखाया कि कैसे महाराष्ट्र के सतारा जिले के बसावत बावन इलाके में होली के तुरंत बाद बगड़ यात्रा उत्सव को मनाने के लिए हजारों लोग इकट्ठा हो गए। इस यात्रा में हजारों लोगों की भीड़ ने भाग लिया। यह कोरोनावायरस को एक खुला निमंत्रण है क्योंकि यह भीड़ में तेजी से फैलता है। 
 
इंडिया टीवी संवाददाता ने बताया कि पिछले एक महीने से इस यात्रा को लेकर जिला प्रशासन, पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच लोगों के बीच मीटिंग चल रही थी कि यात्रा को होने दिया जाए या नहीं। लेकिन होली पर जब यात्रा नहीं हुई तो पुलिस भी निश्चिंत हो गई। लेकिन होली के चार दिन के बाद हजारों लोग अचानक सड़कों पर आ गए। हालांकि जब इस भीड़ की तस्वीरें  पुलिस को दिखाई गई और प्रशासन से सवाल पूछे तो  पुलिस ने कोविड नियमों के उल्लंघन के मामले में एफआईआर दर्ज की और यात्रा के आयोजन करने को लेकर 50 गांववालों को हिरासत में ले लिया। वहीं गांववालों का तो कहना है कि जब चुनावी रैलियां हो सकती हैं तो फिर किसी को धार्मिक यात्रा में क्या दिक्कत है?
 
सतारा जिला पुणे के बिल्कुल पास है और पुणे कोरोना का बड़ा हॉटस्पॉट बन चुका है। इसके बाद भी सतारा में प्रशासन इस यात्रा को रोकने में विफल रहा। अकेले पुणे शहर में एक दिन में 9 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। अगर प्रशासन समय पर कार्रवाई करता तो महामारी को फैलने से रोका जा सकता था।
 
मुंबई में भी कमोबेश ऐसे ही हालात हैं। यहां प्रशासन ने पाबंदियां लगाई थीं लेकिन हर रोज लोकल ट्रेन, स्टेशन और बाजारों में भीड़ जस की तस है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। इसका नतीजा ये हो रहा है कि कोरोना के मरीजों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। मुंबई में चौबीस घंटों में 8, 832 केस सामने आए हैं। चिंता की बात ये है कि धारावी (एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी) जैसे घनी आबादी वाले इलाके में कोरोना की रफ्तार नियंत्रण से बाहर हो गई है। 
 
कई लोगों को लगता  है कि कोरोना उन्हें नहीं होगा। यह धारणा उनके मन में है कि वे उनकी रोग प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत है और कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा। ऐसे लोगों को मैं बताना चाहता हूं कि कोरोना किसी को नहीं छोड़ता। बड़े-बड़े लोगों को छोटी-छोटी गलतियां भारी पड़ जाती हैं। अब सचिन तेंदुलकर को ही लीजिए। वे स्पोर्टस पर्सन हैं, फिट हैं और अभी-भी खेलते हैं। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हैं, भीड़भाड़ में नहीं जाते, सोशल डिस्टेंसिंग अपनाते हैं लेकिन इसके बाद भी कोरोना सचिन तेंदुलकर तक पहुंच गया और एक हफ्ते में ऐसी हालत हो गई कि सचिन को हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ा। अब सवाल ये है कि सचिन तेंदुलकर ने गलती क्या की? असल में सचिन रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज़ में हिस्सा लेने के लिए रायपुर गए थे। यहां उन्होंने इंडिया लेजेंड्स की कप्तानी की थी और फाइनल मुकाबले में श्रीलंका को हराने के बाद जब वो मुंबई लौटे तो उनके साथ कोरोना वायरस भी उनके घर पहुंच गया।
 
अब रॉबर्ट वाड्रा को ही लें।  मैं उन्हें अच्छी तरह जानता हूं कि वो फिटनेस के मामले में कोई समझौता नहीं करते। रोजाना जिम जाते हैं और बहुत फिट हैं। फिर भी कोरोना राबर्ट वाड्रा तक पहुंच गया। उनमें किसी तरह का कोई लक्षण नहीं है इसलिए वो फिलहाल घर में ही आइसोलेटेड हैं।  ऐसे और भी उदाहरण हैं जैसे अभिनेत्री आलिया भट्ट शारीरिक रूप से फिट हैं, लेकिन कोरोना से संक्रमित हो गईं। सुपरस्टार आमिर खान, वे अपना बेहद ख्याल रखते हैं, कोविड गाइडलाइंस का पालन करते हैं फिर भी वे घर में आइसोलेटेड हैं। बीजेपी सांसद मनोज कोटक दो बार वायरस से संक्रमित हुए। मिलिंद सोमन जो हमेशा शारीरिक रूप से फिट रहते हैं उनकी भी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 
 
दिल्ली में भी कोरोना तेज रफ्तार से बढ रहा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को केंद्र से अपील की कि वह 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन लगाने की इजाजत दे। हालांकि उन्होंने लॉकडाउन से इनकार कर दिया। एक सवाल के जवाब में केजरीवाल ने कहा कि अगर हालात बिगड़े तो लॉकडाउन भी एक विकल्प होगा लेकिन वो लॉकडाउन का फैसला जनता से पूछकर करेंगे। 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन देने के लिए, बड़ी संख्या में वैक्सीन के साथ ही स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की भी जरूरत होगी। अच्छी बात ये है कि जिस रफ्तार से कोरोना बढ़ रहा है वैक्सीनेशन भी उसी तेजी से हो रहा है। वैक्सीन लगवाने के लिए लोगों में उत्साह दिख रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अब तक 7 करोड़ से ज्यादा लोगों ने वैक्सीन के लिए अपना नाम रजिस्टर्ड कराया है, इनमें से  3.75 करोड़ लोग वैक्सीन ले चुके हैं। 
 
वैक्सीनेशन बहुत जरूरी है। मैं फिर से सभी से अपील करूंगा कि अपना नाम कोविन (CoWin) ऐप पर रजिस्टर्ड करें, अपॉइंटमेंट लें और नजदीक के वैक्सीनेशन सेंटर पर जाकर वैक्सीन लें।  देरी मत कीजिए। लोगों की इन गलत धारणाओं से निकलें जिसमें कुछ लोग यह कहते हैं कि वो पूरी तरह स्वस्थ हैं, उनकी इम्युनिटी अच्छी है, उन्हें वैक्सीन की क्या जरूरत है? हमने लोगों को ये कहते सुना कि गांव के लोगों को कोरोना नहीं होता। कोई कहता था कि मेहनत करने वालों को कोरोना नहीं होता। कुछ लोग कहते थे कि कोरोना धूप में मर जाता है। जो लोग धूप में रहते हैं, खेत में पसीना बहाते हैं उन्हें कोरोना नहीं होता। उन विशेषज्ञों की सुनें जिनका कहना है कि कोरोना किसी को भी हो सकता है और आपकी इम्युनिटी कितनी भी अच्छी क्यों न हो कोरोना कितना खतरनाक हो सकता है, इसका अंदाजा इन्फेक्शन होने के बाद ही होता है। जब कोरोना वायरस आपकी कोशिकाओं, और अंगों पर आक्रमण करना शुरू कर देता है, तब पता चलता है कि एक रोगी को किस हालात से गुजरना पड़ता है। अगर इम्युनिटी अच्छी भी है तो वैक्सीन लेने से आप और बेहतर तरीके से कोरोना से लड़ पाएंगे। अस्पताल में भर्ती होने की नौबत से बच सकते हैं और आप घर पर रहकर भी स्वस्थ हो सकते हैं। 
 
सुपरस्टार सलमान खान की फिटनेस तो सब जानते हैं। सलमान नियमित रूप से जिम जाते हैं, फिटनेस का पूरा ख्याल रखते हैं इसके बाद भी उन्होंने वैक्सीन लगवाई। अभिनेता सैफ अलीखान भी फिट हैं, एक्सरसाइज करते हैं लेकिन उन्होंने भी वैक्सीन ली। रवि शास्त्री प्लेयर्स के साथ ही रहते हैं। जिम से लेकर मैदान तक दिनभर दौड़ते हैं, फिर भी उन्होंने कोरोना के वैक्सीन डोज़ ली है। मलाइका अरोड़ा फिटनेस पर ध्यान देने वालों में है रोल मॉडल हैं, फिर भी उन्होंने वैक्सीन ली है। 
 
कहने का मतलब ये है कि एक तो कोरोना से डरिए लेकिन वैक्सीन लगाने से मत डरिए। वैक्सीन जरूर लगवाइए। दूसरी बात ये है कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। कोरोना वायरस का हमला होने पर वैक्सीन ही जिंदगी की गारंटी है। अगर वैक्सीन लगी होगी तो कोरोना का संक्रमण होने पर भी आपको हॉस्पिटल तक नहीं जाना पड़ेगा। इसलिए वैक्सीन जरूर लगवाइए। एक और बात कहना चाहता हूं, वैक्सीन लगवाने के लिए भीड़ मत लगाइए। रजिस्ट्रेशन करवाइए और अपनी बारी का इंतजार कीजिए। और अंत में वह बात जो बेहद जरूरी है- वैक्सीन लगने के बाद भी कोरोना के दिशानिर्देशों का पालन कीजिए। मास्क लगाइए, हाथ समय-समय पर धोते रहिए, सेनेटाइजर का इस्तेमाल कीजिए और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कीजिए। हम सब साथ मिलकर इस महामारी को हराएंगे। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 02 अप्रैल, 2021 का पूरा एपिसोड

 

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