राहुल गांधी सोमवार को दिल्ली में जब कांग्रेस अध्यक्ष पद का नामांकन दाखिल करने गए थे उसी समय कांग्रेस दफ्तर के बाहर पार्टी के नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा कि राजवंश में उत्तराधिकार की प्रक्रिया मुगलों के समय में भी थी जैसे अकबर के बाद जहांगीर, जहांगीर के बाद शाहजहां और शाहजहां के बाद औरंगजेब आए। दिल्ली से एक हजार किलोमीटर दूर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिशंकर अय्यर की इस टिप्पणी का जिक्र करते हुए गुजरात की चुनावी रैली में कहा, अगर कांग्रेस 'औरंगजेब राज' में विश्वास करती है तो ये उसे मुबारक ।
इस संदर्भ में दो बातें मैं कहना चाहूंगा। पहला यह कि कांग्रेस के नेता सार्वजनिक तौर पर कुछ भी कहें वो जानते हैं कि अगर कांग्रेस को एक रखना है तो कांग्रेस का अध्यक्ष पद नेहरू-गांधी परिवार के पास ही रखना पड़ेगा। उनके पास यही एक रास्ता है। दूसरी बात जो बेहद रोचक है, वह यह कि मणिशंकर अय्यर को हर बार गलत मौके पर इस तरह की अजीब टिप्पणियां करने की आदत सी है। उन्होंने ताजपोशी के दिन राहुल गांधी की तुलना औरंगजेब से कर दी। 2014 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (AICC) के सेशन में नरेन्द्र मोदी को चायवाला कहा था। मणिशंकर अय्यर ने कहा था कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री तो नहीं बन पाएंगे। वे चुनाव हार जाएंगे। बेहतर होगा वह AICC के अगले सेशन में चाय का स्टॉल लगा लें। इस स्टॉल के लिए जगह का इंतजाम वह करवा देंगे। नरेंद्र मोदी को लेकर मणिशंकर अय्यर की 'चायवाला' टिप्पणी की चोट से आज तक कांग्रेस उबर नहीं पाई है। अब कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी को तय करना होगा कि ऐसे नेताओं का क्या करना है जो इस तरह की बयानबाजी करते हैं। (रजत शर्मा)