लोकसभा में बुधवार को राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर एक तीखी बहस देखने को मिली जिसकी शुरुआत कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने की। उन्होंने सदन के अंदर 'ऑडियो क्लिप सुनाने' का प्रस्ताव रखकर एक ताजा विवाद खड़ा करने की कोशिश की। इस ऑडियो में कथित तौर पर गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे और एक स्थानीय पत्रकार के बीच हुई बातचीत दर्ज है, जिसमें विश्वजीत राणे राफेल डील का जिक्र कर रहे हैं। हालांकि विश्वजीत राणे और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने इससे इनकार किया है।
लोकसभा अध्यक्ष द्वारा जब राहुल से यह पूछा गया कि क्या वे इस ऑडियो की सत्यता को प्रमाणित करने के लिए तैयार हैं, राहुल गांधी पीछे हट गए। ऐसा लगता है कि वो इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं थे कि यह ऑडियो क्लिप सही है या नहीं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बाद में बिल्कुल सही कहा कि राहुल गांधी ये जानते हैं कि यह टेप 'फर्जी और मनगढ़ंत' है, इसलिए जब टेप की सत्यता को प्रमाणित करने की बात आई तो वे पीछे हट गए।
अपने भाषण में राहुल ने वही आरोप लगाए जो पिछले 6 महीने में वे करीब 600 बार लगा चुके हैं। उन्होंने अपने आरोपों को दोहराया कि राफेल विमान को ऊंचे दामों पर खरीद कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्योगपति अनिल अंबानी की जेब में 30 हजार करोड़ रुपये डाल दिये।
पिछले 6 महीने में पीएम मोदी, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारामन और वित्त मंत्री अरुण जेटली संसद के अंदर और संसद के बाहर राफेल डील को लेकर जवाब दे चुके हैं, लेकिन राहुल फिर भी वही के वही सवाल उठाते रहे। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में गया था जहां अरूण शौरी, यशवन्त सिन्हा और प्रशान्त भूषण जैसे दिग्गजों ने इस केस की सुनवाई में हिस्सा लिया। सभी पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस सौदे को क्लीन चिट दे दी। और इसके बाद भी राहुल गांधी लगातार आरोपों को दोहरा रहे हैं।
मंगलवार तक राहुल ये आरोप लगा रहे थे कि सरकार सदन के अंदर बहस करने से भाग रही है, लेकिन बुधवार को बहस के दौरान उन्हें अपनी बात रखने का पूरा मौका मिला। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बाद में राहुल गांधी द्वारा लगाए गए एक-एक आरोप का साफ-साफ और सीधा-सीधा जवाब दिया। शाम में एक बार फिर राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्हीं आरोपों को दोहराया। उनके पास कहने के लिए कुछ भी नया नहीं था।
अब सवाल ये है कि राहुल गांधी ऐसा क्यों कर रहे हैं? इसकी एक बड़ी वजह ये लगती है कि बीजेपी ने 2014 के पिछले लोकसभा चुनाव में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस को साफ कर दिया था। प्रधानमंत्री मोदी बार-बार यह दावा करते रहे हैं कि साढ़े चार साल से उनकी सरकार पर कोई दाग नहीं लगा है।
राहुल गांधी बार-बार वही बातें दोहराकर मोदी सरकार के दामन पर एक दाग लगाने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं। लेकिन मैं कांग्रेस के ऐसे कई नेताओं को जानता हूं जिन्होंने मुझसे निजी तौर पर कहा कि राफेल जैसे मुद्दे का मतदाताओं पर कोई असर नहीं पड़ा, और मोदी पर किसी भी तरह के भ्रष्टाचार का इल्जाम चिपकना बहुत मुश्किल होगा। इसलिए लोकसभा चुनाव के लिए उन्हें कुछ और रणनीति बनानी चाहिए। (रजत शर्मा)