कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नेपाल के रास्ते तिब्बत से 12 दिनों की कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू कर दी है। आज उन्होंने काठमांडू के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा की। दिल्ली में 29 अप्रैल को आयोजित एक रैली में उन्होंने यह घोषणा की थी कि वे कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाएंगे। उन्होंने बताया था कि इस यात्रा पर जाने का विचार कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान 'मौत के काफी करीब' से गुजरने के बाद आया। 26 अप्रैल को कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए दिल्ली से हुबली जाते समय राहुल गांधी का चार्टर्ड विमान अचानक 8 हजार फीट तक नीचे आ गिरा। कुछ सेकेंड्स के फासले से एक बड़ा हादसा टल गया था।
शुक्रवार को नागरिक उड्डयन मंत्रालय (डीजीसीए) की जांच रिपोर्ट सामने आई जिसमें कहा गया है कि विमान में आई तकनीकी खराबी को पायलट ने समय रहते सही कर लिया अन्यथा विमान हादसे का शिकार हो सकता था। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर यह देरी 20 सेकेंड की भी होती तो विमान क्रैश हो सकता था। राहुल गांधी और उनके साथियों को एक चमत्कार ने बचा लिया।
ऐसी नाजुक स्थिति में कोई भी घबरा भी जाता। हालांकि राहुल गांधी ने इसके बाद कैलाश मानसरोवर की यात्रा का संकल्प लिया। शुक्रवार को बीजेपी ने यह सवाल उठाया कि आखिर चीनी दूतावास के काउंसलर ने उन्हें सीऑफ करने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर एंट्री पास क्यों मांगा था। पार्टी के प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि इस यात्रा के राजनीतिक निहितार्थ भी हैं।
यह तीर्थयात्रा राहुल गांधी की निजी आस्था का मामला है, इसलिए उसे व्यक्तिगत ही रहने दिया जाए तो बेहतर होगा। राहुल की इस यात्रा को राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। (रजत शर्मा)