बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच पाकिस्तान ने मंगलवार को ऐलान किया कि उसने जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के भाई और बेटे के अलावा 42 अन्य लोगों को हिरासत में ले लिया है। इसके अलावा हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन को भी प्रतिबंधित संगठनों की लिस्ट में डाल दिया है।
मसूद अजहर का भाई अब्दुल रऊफ असगर वह शख्स है जिसने 1999 में एयर इंडिया के विमान आईसी-814 के हाईजैक की योजना बनाई थी और अब जैश के आतंकी ऑपरेशन्स को चला रहा है। पुलवामा हमले के बाद भारत की तरफ से पाकिस्तान को जो डोजियर सौंपा गया उसमें मसूद अजहर के बेटे हम्माद और भाई रऊफ का नाम भी शामिल है। हालांकि पाकिस्तान की तरफ से जो लिस्ट जारी की गई है उसमें जैश प्रमुख मसूद अजहर का नाम नहीं है फिर भी ऐसी खबरें हैं कि उसे कभी-भी गिरफ्तार किया जा सकता है। पाकिस्तान के गृह सचिव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आतंकियों की हिरासत की जानकारी देने के बाद कहा कि अगर भारत द्वारा दिए गए सबूत कार्रवाई योग्य नहीं पाए जाएंगे तो हिरासत में लिए गए इन दहशतगर्दों को छोड़ दिया जाएगा।
अब आपको लग रहा होगा कि पाकिस्तान ने दहशतगर्दी के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है,लेकिन ये सही नहीं है। असल में पाकिस्तान ने दिखावे के लिए कार्रवाई की है। हिरासत में लेने का मतलब है इन आतंकवादियों को उनके घर में कन्फाइन्ड करना, यह गिरफ्तारी नहीं हैं। आपको याद होगा कि 26/11 के मुंबई हमले के बाद जब पूरी दुनिया पाकिस्तान के खिलाफ हो गई थी, उस वक्त भी पाकिस्तान ने हाफिज सईद और उसके साथियों को इसी तरह हिरासत में लेकर उनके द्वारा चलाए जा रहे संगठन पर बैन लगाया था। लेकिन हाफिज सईद ने पाकिस्तान हाईकोर्ट में सरकार के फैसले को चुनौती दी। पाकिस्तान सरकार का वकील सुनवाई में पेश ही नहीं हुआ और भारत ने जो सबूत दिये थे उन्हें अदालत में नहीं रखा। लिहाजा हाईकोर्ट ने लश्कर प्रमुख हाफिज सईद को रिहा कर दिया।
ऐसी भी खबरें हैं कि पाकिस्तान सरकार अपने यहां पनपने वाले जैश और लश्कर के आतंकवादियों को पैरामिलिट्री फोर्स में शामिल करने की योजना बना रही है। अगर इमरान खान के इस प्लान में सबकुछ ठीक रहा तो आने वाले दिनों में मसूद अजहर और हाफिज़ सईद पाकिस्तान सेना और वहां की सिक्योरिटी फोर्स के जनरल की वर्दी में नजर आएंगे। पाकिस्तान आर्मी और वहां की सिक्योरिटी फोर्सेस इन्हें अपनी यूनिट में शामिल करनेवाली है जिससे ये आतंकवादी स्वतंत्र रूप से वर्दी में घूम सकें और पाकिस्तान खुद को अंतरराष्ट्रीय दबाव से भी बचा सके।
एक तरफ पाकिस्तान आतंकियों पर एक्शन का ड्रामा कर रहा है तो दूसरी तरफ लगातार अफवाहें उड़ा रहा है और झूठ का सिलसिला जारी रखे हुए है। मंगलवार को पाकिस्तान ने सोशल मीडिया पर एक नई अफवाह उड़ाई कि हिंदुस्तान की एक पनडुब्बी ने पाकिस्तान में दाखिल होने की कोशिश की। इसे पाकिस्तान की नौसेना ने टारगेट पर ले लिया था लेकिन चूंकि पाकिस्तान टेंशन नहीं बढ़ाना चाहता इसलिए इस पनडुब्बी को चेतावनी देकर वापस जाने को कहा गया। भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के इस आरोप को खारिज करते हुए इसे आधारहीन बताया। देशवासियों को इस तरह की अफवाहों से अलर्ट रहना चाहिए क्योंकि दुश्मन अपनी गिरती हुई प्रतिष्ठा को बढ़ाने के लिए झूठ का सहारा ले रहा है। (रजत शर्मा)
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