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Rajat Sharma’s Blog: सोशल प्लेटफॉर्म्स पर आपत्तिजनक वीडियो डालने के मामलों से कड़ाई से निपटना चाहिए

जो लोग सोचते हैं कि सरकार को मुट्ठीभर नौजवानों द्वारा सोशल मीडिया पर की गईं इन शरारतों को हल्के में लेना चाहिए, उन्हें समस्या की भयावहता को समझना होगा।

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published : April 04, 2020 13:59 IST
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India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma | India TV

असामाजिक तत्व टिकटॉक और व्हाट्सऐप पर लगातार आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट कर रहे हैं और लोगों से कोरोना वायरस से बचाव के लिए बरती जाने वाली सावधानियों को धता बताने को कह रहे हैं। वे लोगों से कह रहे हैं कि गले मिलकर और हाथ मिलाकर सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों की धज्जियां उड़ा दो। उनमें से कुछ लोग यह दावा करते हुए कि मास्क पहनना गैर-इस्लामी है, लोगों को इस्लाम के नाम पर भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ ऐसे भी हैं जो कोरोना वायरस को एनआरसी के मुद्दे से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट करने वालों में से अधिकांश TikTok पर सक्रिय नजर आते हैं। महाराष्ट्र के नाशिक के पास स्थित मालेगांव में पुलिस ने 3 ऐसे अपराधियों को गिरफ्तार किया, जो अपने टिकटॉक वीडियो में कोरोना वायरस को ‘अल्लाह का गुस्सा’ और ‘रब का एनआरसी’ बता रहे थे। अब्दुल रहीम, सूफियान शेख और सैयद हुसैन अली नाम के इन अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

अब इन गुमराह नौजवानों को कौन समझाएगा कि कोरोना वायरस धर्म या नस्ल के आधार पर लोगों में भेदभाव नहीं करता है? इनमें से अधिकांश टिकटॉक वीडियो नफरत और अंधविश्वास का पैगाम फैलाते हुए बुरी तरह वायरल हुए हैं। इनमें से अधिकांश वीडियो कोरोना वायरस को NRC के साथ जोड़ने की कोशिश करते हैं, और वह भी ऐसे समय में जब राष्ट्रीय एकता समय की मांग है। यह साफ है कुछ राष्ट्र-विरोधी तत्व हमारे देश के लोगों के स्वास्थ्य पर मंडरा रहे गंभीर खतरे से फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। यह पूरी तरह से अमानवीय है।

टिकटॉक ने हालांकि इस तरह के सभी आपत्तिजनक वीडियो को हटाने का वादा किया है, लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि यदि लोग इन वीडियो को वॉट्सऐप और इसी तरह के अन्य सोशल प्लैटफॉर्म्स के जरिए सर्कुलेट करते हैं तो वह कुछ नहीं कर पाएगा। शुक्रवार को गृह मंत्रालय की एक बैठक में यह फैसला किया गया है कि इस तरह के आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी, जिनका मकसद निराधार अफवाहों के जरिए सांप्रदायिक तनाव पैदा करना है। राज्य सरकारों को ऐसे तत्वों पर कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। इस तरह की राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को पूरी ताकत के साथ फलने-फूलने से पहले ही तबाह कर देना चाहिए।

जो लोग सोचते हैं कि सरकार को मुट्ठीभर नौजवानों द्वारा सोशल मीडिया पर की गईं इन शरारतों को हल्के में लेना चाहिए, उन्हें समस्या की भयावहता को समझना होगा। इस तरह के प्रैंकस्टर्स या बदमाशों की संख्या कम हो सकती है, लेकिन उनके वीडियो बेहद तेजी से वायरल होते हैं और ज्यादातर अनपढ़ और निम्न मध्यम वर्ग के लोगों तक पहुंच जाते हैं। ऐसे समय में जब हमें लॉकडाउन को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए अनुशासन और संयम की जरूरत है, इस तरह की गैरजिम्मेदार हरकतों का बहुत ही विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता है और ऐसे में यह खतरनाक वायरस लाखों लोगों तक फैल सकता है।

दुनिया ने देखा है कि हालात का सही से आंकलन न कर पाने के चलते चीन, इटली, स्पेन और अब अमेरिका में कैसे तमाम लोगों की मौत हो रही है। भगवान न करें, अगर यह महामारी भारत में कम्युनिटी स्टेज पर पहुंच जाती है, तो सड़कों के किनारे लावारिस लाशें बिछी हुई नजर आएंगी। हमें ऐसे शरारती एवं बदमाश लोगों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। वे ऐसे समय में आग भड़का रहे हैं जब देश को अनुशासन की जरूरत है। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 03 अप्रैल, 2020 का पूरा एपिसोड

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