करतारपुर साहिब कॉरिडोर के मुद्दे पर पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू मंगलवार को ओलाचनाओं में घिर गए जब केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर और शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि सिद्धू ने दो देशों के बीच के मसले में 'हस्तक्षेप' कर देश का सिर शर्म से झुका दिया है। पाकिस्तान के आर्मी चीफ को गले लगाने पर सुखबीर सिंह बादल ने उन्हें 'गद्दार' बताया और कहा कि राजनीति कोई 'लाफ्टर चैनल नहीं है।' हरसिमरत कौर ने कहा कि सिद्धू को दो देशों के बीच के मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। वहीं सिद्धू ने अपनी तरफ से कहा कि उन्हें विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर के मुद्दे पर वे पाकिस्तान को चिट्ठी लिखेंगी।
करतारपुर साहिब वह जगह है जहां सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने आखिरी सांस ली थी। यह भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और प्रतिदिन हजारों सिख श्रद्धालु बार्डर के इस तरफ से इस धार्मिक स्थल को प्रणाम करते हैं। पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने यह संकेत दिया था कि सिख श्रद्धालुओं के लिए एक कॉरिडोर खोला जाएगा।
मंगलवार का यह घटनाक्रम धार्मिक मुद्दे पर राजनीतिक लाभ उठाने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। करतारपुर साहिब से 10 करोड़ सिखों और सिंधी समुदाय की आस्था और उनकी भावनाएं जुड़ी हुई हैं। सिखों के मन में करतारपुर साहिब के लिए अपार श्रद्धा है और इनकी दिली तमन्ना है कि वे बेरोकटोक करतारपुर साहिब तक जा सकें। जो शख्स ये काम करेगा निश्चित तौर पर उसे सिख श्रद्दालुओं का भरपूर स्नेह मिलेगा।
जिस दिन से सिद्धू ने पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष को गले लगाया उस दिन से वे इस मुद्दे पर राजनीतिक लाभ बटोरने की कोशिश कर रहे हैं और अकाली दल नेता ऐसा बिल्कुल नहीं चाहते। इसीलिए इतनी बयानबाजी हो रही है। बेहतर होगा इस तरह के मामले को , जिससे लोगों की श्रद्धा जुड़ी है, सियासत से दूर रखा जाए। (रजत शर्मा)