प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एएनआई को दिए अपने विस्तृत इंटरव्यू में बगैर किसी सवाल पर अटके सभी मुख्य मुद्दों का खुलकर बात की। एक भी सवाल को नहीं टाला। कुछ महीने बाद देश भर में होनेवाले लोकसभा चुनाव के लिए एक तरह से मोदी ने बिगुल फूंक दिया है । ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्होंने कल कहा कि इस इंटरव्यू में पीएम आक्रामक नहीं दिख रहे थे, लेकिन व्यक्तिगत तौर पर मेरा मानना है कि पीएम मोदी की सरकार ने अबतक जो कुछ भी किया, वह केवल उसका ब्यौरा दे रहे थे। इंटरव्यू के दौरान नरेंद्र मोदी ने जब-जब अपने काम के बारे में सवालों के जवाब दिए, हर जबाव के साथ लगे हाथ कांग्रेस पर हमला भी किया। वे कांग्रेस पर हमला करने से अपने आपको रोक नहीं पाए और निश्चित तौर पर उनका लहजा आक्रामक था।
राम मंदिर के मुद्दे पर मोदी ने कहा, कांग्रेस को सुप्रीम कोर्ट से अपने वकील हटा लेने चाहिए जो जल्द सुनवाई की प्रक्रिया को लटका रहे हैं। सीबीआई, रिज़र्व बैंक और न्यायपालिका पर उन्होंने विस्तार से बताया कि कैसे पिछले 70 वर्षों से कांग्रेस इन संस्थानों को कमजोर कर रही थी। किसानों के मुद्दे पर उन्होंने आरोप लगाया कि कर्ज से दबे किसानों के लिए कैसे राहुल गांधी का कर्ज माफी का आइडिया किसानों के साथ धोखा है। सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में मोदी ने याद दिलाया कि कैसे राहुल गांधी ने सर्जिकल स्ट्राइक की सच्चाई पर सवाल उठाकर उसका राजनीतिकरण करने की कोशिश की। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पीएम मोदी ने बताया कि कैसे सोनिया गांधी और राहुल गांधी जमानत पर बाहर हैं। ये सभी टिप्पणियां आक्रामक ही तो थी ।
आने वाले सौ दिनों में अपने प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी देश की जनता जनार्दन को अपने काम का हिसाब-किताब देंगे। वे विस्तार से बताएंगे कि उनकी सरकार ने कैसे गरीब लोगों को गैस और बिजली कनेक्शन मुहैया कराई। मुद्रा स्कीम के तहत लाखों करोड़ रुपए का कर्ज़ दिया गया, चीजें सस्ती हुईं और मध्यम वर्ग को फायदा हुआ। लेकिन साथ-साथ पीएम मोदी अपनी रैलियों में कांग्रेस पर हमला भी करेंगे। वे कांग्रेस के 'डबलस्पीक' के बारे में और उसके दोहरे मापदंड के बारे में लगातार हमले करेंगे। पीएम मोदी ने अपने विस्तृत इंटरव्यू के जरिए ये काम शुरू कर दिया है और अब वे अपने संदेश लोगों तक पहुंचाने के लिए 100 रैलियों को संबोधित करेंगे। विपक्ष के लिए मोदी का संदेश साफ है - इब्तिदा-ए-इश्क में रोता है क्या, आगे आगे देखिए, होता है क्या।
और अब वे मुख्य मुद्दे, जिनपर प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बात रखी।
पहला, राम मंदिर के मुद्दे पर नरेंद्र मोदी के समर्थक, बीजेपी के कार्यकर्ता, आरएसएस के स्वयंसेवक और रामभक्त तो बार-बार कहते हैं कि यूपी में योगी और दिल्ली में मोदी की सरकार है। अगर अब राम मंदिर नहीं बना, तो कब बनेगा? आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और भैय्या जी जोशी अध्यादेश के जरिए राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करने की मांग कर चुके हैं। इनका कहना था, यदि तीन तलाक पर प्रतिबंध के लिए अध्यादेश लाया जा सकता है तो फिर मंदिर के लिए क्यों नहीं? इन सवालों का जवाब सिर्फ नरेन्द्र मोदी दे सकते थे। उन्होंने कहा, तीन तलाक पर अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लाया गया, और राम मंदिर को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद करोड़ों हिंदुओं की इच्छा के लिए मंदिर निर्माण के लिए जो करने की जरूरत होगी, वो किया जाएगा। ये जबाव देकर नरेन्द्र मोदी ने बिल्कुल साफ कर दिया कि वो राम मंदिर को लेकर कोई फैसला करने के लिए उतावले नहीं हैं और जल्दबाजी में कुछ नहीं करेंगे। लेकिन वे भगवान राम के भक्तों की भावनाओं को समझते हैं और उसका भी ख्याल रखेंगे।
दूसरा मुद्दा पाकिस्तान और एलओसी के पार सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़ा है। मोदी ने ये नहीं बताया कि वे पाकिस्तान की इमरान खान सरकार से कैसे निपटेंगे। अगर वे इसपर कुछ कहते भी तो शायद अभी ये इम्मेच्योर जवाब होता। उन्होंने कहा कि यह भरोसा पालना बहुत बड़ी गलतफहमी होगी कि पाकिस्तान एक लड़ाई के बाद सुधर जाएगा। पाकिस्तान को सुधरने में अभी काफी वक्त लगेगा। मोदी ने विस्तार से बताया कि सर्जिकल स्ट्राइक का फैसला जल्दबाजी में नहीं लिया गया, फिर भी यह एक बहुत बड़ा राजनीतिक रिस्क था। प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि कैसे सर्जिकल स्ट्राइक पर संदेह पैदा कर राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे को सियासी रंग देने की कोशिश की और उस भाषा का इस्तेमाल किया जो पाकिस्तान को सूट करती थी।
तीसरा, राहुल गांधी का पसंदीदा मुद्दा राफेल का था जिस पर पीएम मोदी ने सवालों के जवाब दिए। राहुल गांधी देश के कोने-कोने में जाते हैं और पीएम मोदी पर तरह-तरह के आरोप लगाते हैं और उन्हें बोलने की चुनौती देते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने राफेल सौदे से जुड़ी जानकारी संसद को पहले ही दे दी थी और सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को क्लीन चिट देने से पहले राफेल सौदे की बाल की खाल निकाल ली। पीएम मोदी ने कहा कि हरेक रक्षा सौदे पर सवाल उठाने से हमारे जवानों का मनोबल गिरता है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 70 वर्षों से ज्यादातर रक्षा सौदों में बिचौलिये सक्रिय रहते थे और इसे केवल महत्वकांक्षी मेक इन इंडिया प्लान की वजह से खत्म किया जा सकता है।
चौथा, नोटबंदी और आर्थिक भगोड़ों पर पीएम मोदी ने कहा, 2016 में नोटबंदी का फैसला जल्दबाजी में नहीं लिया गया था। पूरे एक साल तक कालाधन रखने वालों को डिस्क्लोजर का मौका दिया गया और अंतिम उपाय के तौर पर नोटबंदी का ऐलान किया गया। पीएम मोदी ने कहा कि नोटबंदी के चलते रियल इस्टेट की कीमतें तेजी से गिरीं। आर्थिक भगोड़ों पर पीएम मोदी ने विस्तार से बताया कि नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या के प्रत्यर्पण के लिए कोशिशें तेजी से जारी हैं, जो बैंकों से हजारों करोड़ का लोन लेने के बाद भारत से भाग गए। उन्होंने अगस्ता वेस्टलैंड के बिचैलिये क्रिश्चियन मिशेल के प्रत्यर्पण को एक बड़ी कामयाबी बताया और यह कहा कि मिशेल के चौंकानेवाले खुलासे निश्चित तौर पर कांग्रेस को आहत करनेवाले हैं। (रजत शर्मा)
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