नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में हजारों लोगों ने गुरुवार को गुवाहाटी में कर्फ्यू का उल्लंघन किया। वहां हिंसा और आगजनी की घटनाएं हुईं। गुवाहाटी में पुलिस की गोलीबारी में 2 लोगों की मौत हो गई और 9 अन्य घायल हो गए। असम के कई जिलों में कर्फ्यू लगाया गया है और ट्रेन सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है। अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए असम, मेघालय और त्रिपुरा के अधिकांश हिस्सों में इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं को सस्पेंड कर दिया गया है। गुवाहाटी में पुलिस आयुक्त और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) का तबादला कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंग्रेजी और असोमिया भाषाओं में पोस्ट किए गए ट्वीट में असम के लोगों को यह दृढ़ विश्वास दिलाया कि वह खुद और उनकी केंद्र सरकार भी पूरी तरह से असम अकॉर्ड के क्लॉज-6 की भावनाओं के अनुरूप ही असमिया लोगों के संवैधानिक, राजनीतिक, भाषाई, सांस्कृतिक और भूमि अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने लिखा, ‘मैं असम के अपने भाइयों और बहनों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सीएबी के पारित होने के बाद उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। मैं उन्हें आश्वस्त करना चाहता हूं कि कोई भी आपके अधिकार, आपकी विशिष्ट पहचान और आपकी सुंदर संस्कृति को आपसे नहीं छीन सकता है। यह निरंतर फलती-फूलती और बढ़ती रहेगी।’
पीएम ने झारखंड में अपनी चुनावी रैलियों में इन आश्वासनों को दोहराया और आरोप लगाया कि कांग्रेस कैब पर उत्तर पूर्व के मुसलमानों और लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। इस बात में कोई शक नहीं कि देश के अधिकांश लोग नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर भरोसा करते हैं, इसलिए उनकी अपील का असर नॉर्थ ईस्ट में जरूर होगा। शांति के लिए पीएम की अपील के अलावा नॉर्थ ईस्ट के लोगों को बताया जाना चाहिए कि इनर लाइन परमिट सिस्टम की वजह से पूर्वोत्तर के राज्यों पर CAB का व्यावहारिक रूप से कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस सिस्टम के चलते पूर्वोत्तर के अधिकांश राज्यों में देश के अन्य राज्यों के लोग स्थायी निवास नहीं कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को बताया कि आजादी के बाद से अब तक के सारे प्रधानमंत्री मिलाकर जितनी बार नॉर्थ ईस्ट गए हैं, उससे ज्यादा बार वह अकेले ही देश के इस हिस्से का दौरा कर चुके हैं। वह हर हफ्ते कम से कम 2 कैबिनेट मंत्रियों को नियमित तौर पर नॉर्थ ईस्ट भेजते रहे हैं ताकि वहां चलने वाली परियोजनाओं पर नजर रखी जा सके।
मैं नॉर्थ ईस्ट के लोगों से, और खासकर युवाओं से अपील करूंगा कि वे प्रधानमंत्री की बात पर भरोसा करें, धैर्य रखें और तोड़फोड़, हिंसा एवं आगजनी से दूर रहें। असम की संपत्ति वहां के लोगों की अपनी संपत्ति है और उसे नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। आगजनी और संपत्तियों की तोड़फोड़ से कोई फायदा नहीं होने वाला है। उन्हें अपनी राय व्यक्त करने की पूरी स्वतंत्रता है, लेकिन इस काम को शांतिपूर्ण तरीके से करना चाहिए। विवेक से काम लें। (रजत शर्मा)
देखें, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 12 दिसंबर 2019 का पूरा एपिसोड