पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शऱीफ द्वारा प्रधानमंत्री आवास में रखी 102 लग्जरी गाड़ियों में से 61 गाडि़यों की नीलामी 12 करोड़ रूपये में कर दी। यह प्रधानमंत्री निवास और गवर्नर हाउस के खर्च में कटौती करने के लिए इमरान खान द्वारा किए गए वादे का हिस्सा है। इस नीलामी से हासिल रकम बेहद कम होगी जिसे सरकारी खजाने में जमा कराया जा रहा है और इसे जनता के कल्याण पर खर्च किया जाएगा।
मौजूदा समय में पाकिस्तान भुगतान संकट के गंभीर दौर से गुजर रहा है और वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 12 बिलियन रुपये की सहायता लेने की कोशिश कर रहा है। इस देश पर 2 ट्रिलियन रुपये का भारी कर्ज है। इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री आवास में रखे चार हेलिकॉप्टर्स को भी नीलाम करेंगे। हालांकि इन चारों हेलीकॉप्टर्स में एक भी उड़ान भरने की स्थिति में नहीं है। इसलिए इनकी नीलामी से कितनी रकम मिलेगी ये कहना मुश्किल है। अगर इन्हें बेच भी दिया गया तो बेहद कम रकम हासिल होगी।
मौजूदा आर्थिक संकट के इस दौर में दुनिया का कोई भी बड़ा विकसित देश पाकिस्तान की मदद नहीं करना चाहता। पाकिस्तान की छवि पूरी दुनिया में खराब है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पाकिस्तान को दुनिया भर में आतंकवाद की 'नर्सरी' माना जाता है। इसलिए आर्थिक मदद प्राप्त करने के लिए इमरान खान की सरकार और वहां की सेना को सबसे पहले आतंकी संगठनों को दी जानेवाली मदद बंद करनी होगी जो कि पूरे पाकिस्तान में मशरूम की तरह फैले हुए हैं। पाकिस्तान की हालत सुधारने के लिए उन्हें सबसे पहले आंतकवाद की 'नर्सरी' को खाद-पानी देना बंद करना पड़ेगा। हालांकि इमरान खान ऐसा कर पाएंगे इसकी उम्मीद मुझे तो कम है क्योंकि उनकी सरकार पाकिस्तान की सेना से प्रेरित है।
इसी संदर्भ में गृह मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मामलों के राज्यमंत्री रिटायर्ड जनरल वी.के. सिंह ने कहा कि सत्ता परिवर्तन के बावजूद भारत को व्यावहारिक तौर पर पाकिस्तान से कोई उम्मीद नहीं है क्योंकि इमरान खान की सरकार पाकिस्तान की सेना द्वारा प्रेरित है। पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने खुले तौर पर नियंत्रण रेखा पर बहे 'खून का बदला' लेने की बात कही थी।
वहीं दूसरी तरफ घाटी में आतंकियों के कई कमांडर्स के मारे जाने के बाद आतंकवादियों ने सॉफ्ट टारगेट पर हमला बोलना शुरू कर दिया है। सोमवार को आतंकवादियों ने टेरिटोरियल आर्मी जवान की हत्या कर दी जो अपने बेटे के अंतिम संस्कार में शामिल होने कुलगाम स्थित अपने घर पहुंचा था। घाटी में मौजूद आतंकवादी अब बेहद हताशा में हैं और वे बड़ी तेजी से आमलोगों की सहानुभूति खो रहे हैं। (रजत शर्मा)