बुधवार को पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह ऐलान किया कि उनका देश कश्मीर के लिए 'अपने आखिरी सैनिक, आखिरी गोली और आखिरी सांस तक' लड़ेगा। जाहिर है कि यह अलगाववादियों के गिरते मनोबल को बढ़ाने के लिए आक्रामक राष्ट्रवाद का सहारा लेने का प्रयास है। अलगाववादियों ने कभी यह उम्मीद नहीं की थी कि धारा 370 के खत्म होने के बावजूद घाटी में शांति बनी रहेगी।
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने यह भी कहा: 'आपने यह सोच भी कैसे लिया कि हम कश्मीर को लेकर किसी तरह का सौदा करेंगे? कश्मीर पर किसी तरह का सौदा हमारी लाश पर होगा... हम भारत को यह बताना चाहते हैं कि युद्ध केवल हथियारों और अर्थव्यवस्था से नहीं बल्कि देशभक्ति से लड़े जाते हैं।'
अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद पिछले एक महीने से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री, उनके मंत्रियों और सेना की तरफ से जो बयान आ रहे हैं, उससे एक बात तो साफ है कि पाकिस्तान में सरकार हो या फौज, सबके सब कन्फ्यूज हैं। किसी को समझ नहीं आ रहा है कि नरेंद्र मोदी से निपटा कैसे जाए और क्या किया जाए।
अब तक, पाकिस्तान अपने हर अगले कदम को लेकर असमंजस में है। वह यह तय नहीं कर पा रहा है कि अगले कदम के लिए क्या किया जाए। कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को दुनिया का समर्थन नहीं मिला। अधिकांश देशों ने साफ तौर पर पाकिस्तान को बताया है कि कश्मीर की स्थिति भारत का एक आंतरिक मुद्दा है।
यही वजह है कि पाकिस्तान के नेता अलग-अलग समय पर अलग-अलग सुरों में बात कर रहे हैं। कभी वे युद्ध के बारे में बोलते हैं, कभी उनके प्रधानमंत्री शांति और गरीबी से लड़ने के बारे में बोलते हैं, और कभी-कभी कुछ अन्य लोग भारत से 'आखिरी गोली, आखिरी सैनिक और आखिरी सांस' के बारे में बोलते हैं। तस्वीर बिल्कुल साफ है। पाकिस्तान में राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व, दोनों अब कन्फ्यूज और आशंकित हैं।
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था मौजूदा समय में बेहद निराशाजनक दौर से गुजर रही है और एक लंबी लड़ाई के लिए उसके पास साधन नहीं हैं। जंग करना पाकिस्तान के बस की बात नहीं है। वो सिर्फ दहशतगर्दों को भेजकर कश्मीर में माहौल को खराब करने की कोशिश कर सकता है, और वो ऐसा कर भी रहा है। हाल में हमारी सेना ने कश्मीर में दो आतंकवादियों को पकड़ा, जिन्होंने यह खुलासा किया है कि कैसे उन्हें पाक अधिकृत कश्मीर में ट्रेनिंग दी गई और नियंत्रण रेखा के पार भेजा गया।
अब जबकि पाकिस्तान पूरी दुनिया में और संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में कूटनीतिक लड़ाई हार चुका है, उसने अपनी खुफिया एजेंसी आईएसआई से कहा है कि वह लंदन, न्यूयॉर्क जैसे शहरों में कश्मीर के मुद्दे पर हंगामा और शोर-शराबे के साथ ही भारतीय दूतावासों के बाहर हिंसक प्रदर्शन कराए।
लंदन स्थित भारतीय दूतावास पर पाकिस्तानी पत्थरबाजों ने दो बार हमला किया और भारत ने ब्रिटेन के अधिकारियों से कहा है कि वह इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे। इस तरह की हरकतें अंतत: पाकिस्तान के हितों के लिए नुकसानदायक होंगी।
पूर्व अमेरिकी रक्षा सचिव और रिटायर्ड मरीन कॉर्प्स जनरल जेम्स मैटिस ने अपनी नई किताब 'कॉल साइन कैओस' में लिखा है कि 'पाकिस्तान दुनिया का सबसे खतरनाक देश है'। मैटिस ने चेतावनी दी है: 'हम दुनिया में तेजी से विकसित हो रहे परमाणु हथियारों को वहां पनप रहे आतंकवादियों के हाथों में पड़ने नहीं दे सकते।' (रजत शर्मा)
देखें, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 04 सितंबर 2019 का पूरा एपिसोड