26 फरवरी को जब भारतीय वायुसेना के मिराज विमानों ने पाकिस्तानी सीमा में 50 किमी से ज्यादा अंदर जाकर खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप पर बमबारी की तो पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने दुनिया को बताया कि वहां कोई कैम्प नहीं था और भारतीय वायुसेना के विमानों ने खाली मैदान में बम गिराया, जिससे कुछ पेड़ों को नुकसान पहुंचा। अगले दिन पाकिस्तानी सेना प्रेस के लोगों को उस जगह पर ले गई और वहां कुछ ऐसे ग्रामीणों से मिलवाया जिन्हें पहले से समझा दिया गया था कि क्या बोलना है। इन लोगों ने बताया कि इस इलाके में बमबारी से कोई नुकसान नहीं हुआ। अब सवाल ये है कि यदि वहां बड़े पैमाने पर कोई नुकसान नहीं हुआ तो पाकिस्तान की वायुसेना ने अगले दिन नियंत्रण रेखा पर काउंटर स्ट्राइक करने की कोशिश क्यों की?
एक-एक कर पाकिस्तान के झूठ का खुलासा होता जा रहा है। जैश चीफ मसूद अजहर के भाई का एक ऑडियो क्लिप जारी हुआ है जिसमें वह स्वीकार कर रहा है कि भारतीय वायुसेना के विमानों ने उसके कैंप पर हमला किया। इधर प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के अंदर काम करने वाली टेक्निकल इंटेलिजेंस एजेंसी नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (एनटीआरओ) के सूत्रों के मुताबिक जिस रात भारतीय वायुसेना ने हमला किया उस रात हमले वाली जगह पर 300 मोबाइल फोन 'एक्टिव' थे। यह साफ सूबत है कि उस रात जैश-ए-मोहम्मद के 300 आतंकवादी कैम्प के अंदर मौजूद थे और पाकिस्तान की सेना ने एयर स्ट्राइक के बाद सारे सबूत मिटा दिए।
पाकिस्तान का दूसरा झूठ ये था कि बालाकोट एयर स्ट्राइक के अगले दिन नियंत्रण रेखा पर उनके एफ-16 विमान को भारतीय वायुसेना के विमानों ने नहीं गिराया था। गुरुवार को भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने दिल्ली में आमराम (AMRAAM) मिसाइल के टूटे हुए टुकड़ों को दिखाया जिसे केवल एफ-16 विमानों में ही फिट किया जाता है। पाकिस्तान खुद अपने पायलट की मौत को छिपा रहा है जो उस एफ-16 विमान को उड़ा रहा था। वह इस बात से इनकार कर रहा है कि उसके पायलट की मौत भी हुई है। इससे एक दिन पहले पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने दावा किया था भारतीय वायुसेना के दो विमानों को गिराया गया है, एक पायलट को गिरफ्तार किया गया है जबकि एक घायल हुआ है जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। बाद में पाक सेना के प्रवक्ता ने ट्वीट किया कि भारत का एक पायलट उनकी हिरासत में है।
तीसरा झूठ पाकिस्तानी सोशल मीडिया ने चार मार्च को फैलाया कि भारतीय वायुसेना के विमानों ने पाकिस्तान के फोर्ट अब्बास इलाके में मिसाइल से हमला किया। मिसाइल के चित्र और वीडियो प्रसारित किए गए। बाद में भारतीय वायुसेना ने ऐलान किया कि सुखोई विमान ने भारतीय सीमा में दाखिल होने की कोशिश कर रहे पाकिस्तान के ड्रोन (मानव रहित विमान) को मार गिराया जो कि पाकिस्तान की तरफ गिरा है।
झूठ पर झूठ बोलना और फिर उसे मीडिया के जरिए आगे बढ़ाना पाकिस्तानी सेना का एक मानक लक्षण बन रहा है। पाकिस्तान बड़ी तादाद में आतंकियों और उनके रहनुमाओं का पनाहगाह है और वह खुद को आतंकवाद से पीड़ित बताता है, तो उसके इस तर्क पर कोई क्या कह सकता है? पाकिस्तान के बारे में आप क्या कह सकते हैं जो भारत में हमले के लिए 'नॉन स्टेट एक्टर्स' को भेजता है और उसके बाद 'कार्रवाई योग्य सबूत' मांगता है?
मेरा मानना है कि पाकिस्तान जैसे दुष्ट देश को कभी शांति से रहने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए, जब तक कि उसकी सेना उन सभी आतंकी शिविरों को उखाड़ नहीं फेंकती जिसका वह पोषण कर रही है। यह बात इस संदर्भ में है जिसे भारतीय वायुसेना प्रमुख बी.एस. धानोआ ने 4 मार्च को कहा कि पाकिस्तान स्थित आतंकी कैम्पों के खिलाफ ऑपरेशन जारी है। (रजत शर्मा)
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