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Rajat Sharma Blog: दोस्ती का हाथ बढ़ाने के बाद पीठ में छुरा घोंपना पाकिस्तान की पुरानी आदत है

इमरान खान इस सभा में खुद को शांति के दूत की तरह पेश करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है।

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Updated on: November 29, 2018 17:28 IST
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Image Source : INDIA TV Rajat Sharma Blog: दोस्ती का हाथ बढाने के बाद पीठ में छुरा घोंपना पाकिस्तान की पुरानी आदत है

करतारपुर साहिब गलियारे के शिलान्यास के मौके पर बुधवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत के साथ बेहतर ताल्लुकात की बात की और दावा किया कि भारत-पाक संबंधों को लेकर राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व 'एकमत' हैं। उन्होंने कहा कि परमाणु हथियार से संपन्न दोनों देश युद्ध नहीं कर सकते क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो 'हम सभी की हार होगी।' उन्होंने कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के बारे में कहा, 'इसके लिए दोनों देशों के नेताओं को तय करना होगा।' 

जाहिर है, इमरान खान ने लोकप्रियता बटोरने की पूरी कोशिश की क्योंकि इस धार्मिक समारोह में पीआईए के विशेष विमान से खासतौर से बुलाए गए विदेशी राजदूतों ने भाग लिया। इमरान खान इस सभा में खुद को शांति के दूत की तरह पेश करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है। 

पाकिस्तान लगातार हथियार और आतंकियों को भारत भेजने में लगा हुआ है और इस समारोह में खालिस्तानी अलगाववादी गोपाल सिंह चावला की वीआईपी के बीच मौजूदगी और आर्मी चीफ से हाथ मिलाने का दृश्य इस बात का संकेत है कि पाकिस्तानी नेतृत्व की प्राथमिकता क्या है। चावला ने बाद में जनता की सहानुभूति पाने के लिए अपने ट्विटर हैंडल पर पंजाब के मंत्री नवजोत सिद्धू से मुलाकात की तस्वीर पोस्ट की। 

भारत की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाना और फिर पीठ में छुरा घोंपना पाकिस्तान की पुरानी आदत है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी दोस्ती का पैगाम लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मिलने बस में बैठकर लाहौर गए थे। एक महीने के भीतर पाकिस्तानी सैनिकों ने करगिल पर हमला कर दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को दिल्ली में आमंत्रित किया और फिर नवाज शरीफ के जन्मदिन की पार्टी में शामिल होने के लिए अचानक रास्ता बदलकर लाहौर गए, बदले में पाकिस्तान ने पठानकोट का हमला दिया। हथियारों से लैस पाकिस्तानी आतंकवादियों ने पठानकोट एयरबेस को निशाना बनाया।

जाहिर तौर पर पाकिस्तान की सेना राजनीतिक नेतृत्व को दिशा-निर्देश दे रही है कि भारत से कैसे निपटना है। एक धार्मिक कार्यक्रम जिसमें भारत के दो केंद्रीय मंत्री हिस्सा ले रहे हों वहां खालिस्तानी अलगाववादी की मौजूदगी पाकिस्तानी आर्मी के शीर्ष नेतृत्व की सोच को रेखांकित करती है।

करतारपुर कॉरिडोर शिलान्यास समारोह में पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भी आकर्षण के केंद्र में रहे। सिद्धू और इमरान खान के भाषण और उनके एक्शन साफ तौर पर दोनों पूर्व क्रिकेटरों के बीच मिलीभगत की ओर इशारा कर रहे थे।  समारोह में जब सिद्धू ने इमरान खान की तारीफ की तो इमरान खान काफी खुश नजर आ रहे थे। वहीं जब इमरान खान ने सिद्धू की तारीफ की तो सिद्धू ने ताली बजाकर उनका अभिवादन किया। 

दरअसल, आधिकारिक आमंत्रण पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को भेजा गया था लेकिन कैप्टन ने कहा करतारपुर साहिब तभी जाएंगे जब पाकिस्तान से आतंकवाद का एक्सपोर्ट बंद हो जाएगा। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ऑन रिकॉर्ड यह बात कह चुके हैं कि उन्होंने सिद्धू को समझाया कि वो खुद को इस समारोह से अलग रखें और पाकिस्तान नहीं जाएं, लेकिन सिद्धू ने अपने मुख्यमंत्री की बात मानने के बजाए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की बात मानी। इससे पंजाब के लोगों में अच्छा संदेश नहीं जा रहा है और सिद्धू को राजनैतिक तौर पर इसका नुकसान हो सकता है। (रजत शर्मा)

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