आज राष्ट्रपति भवन में नरेंद्र मोदी की नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के लिए तैयारी पूरी हो चुकी है। इसमें लगभग 8,000 मेहमान शामिल होंगे, जिनमें बिम्सटेक देशों के साथ-साथ किर्गिस्तान एवं मॉरीशस के राष्ट्राध्यक्ष एवं सरकारों के प्रमुख शामिल हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एवं उनकी मां सोनिया गांधी भी इस कार्यक्रम में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने वाले नेताओं में से हैं।
हालांकि इस बार वित्त मंत्री अरुण जेटली परिदृश्य से गायब रहेंगे क्योंकि वह स्वास्थ्य के मोर्चे पर लड़ाई लड़ रहे हैं। बुधवार को जेटली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर स्वास्थ्य कारणों के कारण नई सरकार में शामिल होने में असमर्थता व्यक्त की। अपने पत्र में जेटली ने लिखा कि ‘मुझे अपने लिए, अपने इलाज के लिए और अपनी सेहत के लिए कुछ वक्त चाहिए।’ जेटली ने यह भी लिखा कि ‘मेरे पास इस दौरान निश्चित तौर पर काफी समय होगा जिसमें मैं सरकार और पार्टी की अनौपचारिक तौर पर मदद कर सकूंगा।’
जेटली को डॉक्टरों ने सर्जरी के बाद के संक्रमण से बचने और बाहरी लोगों से कम से कम मुलाकात करने की सलाह दी है। पिछले साल उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था और तबसे उनका इलाज चल रहा है। बुधवार की रात जब बीजेपी के वरिष्ठ नेता और सरकारी अधिकारी मंत्रियों की सूची तैयार करने में व्यस्त थे, प्रधानमंत्री मोदी जेटली के आवास पर उनसे मुलाकात करने के लिए गए। जेटली के स्वास्थ्य को लेकर प्रधानमंत्री बहुत चिंतित रहते हैं। वह चाहते हैं कि उनके सहयोगी जल्दी से स्वस्थ हो जाएं ताकि वह जल्द से जल्द पार्टी और सरकार के लिए काम कर सकें।
मैं जेटली को अपने छात्र जीवन के दिनों से जानता हूं। उनके पास बीमारी से लड़ने के लिए जरूरी दृढ़ संकल्प और इच्छा शक्ति है। यहां तक कि जब वह चुनाव प्रचार के दौरान अस्वस्थ थे, तब भी उन्होंने पूरे जोश के साथ पार्टी के लिए काम किया। मेरा मानना है कि जेटली ज्यादा समय तक राजनीति से दूर नहीं रहेंगे। वह जल्द ही ठीक हो जाएंगे और सक्रिय राजनीति में नजर आएंगे। (रजत शर्मा)