मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के अभेद्य समझे जाने वाले गढ़ सेंट्रल कोलकाता की सड़कों पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को एक बड़ा रोड शो किया। रोड शो में जुटी भारी भीड़ पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के अधिपत्य को चुनौती का साफ संकेत था।
रोड शो को असफल बनाने के लिए मंगलवार सुबह से तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने कोई कसर नहीं छोड़ी। टीएमसी समर्थकों के साथ स्थानीय पुलिस ने कोलकाता की सड़कों पर पोस्टर और बैनर फाड़े और खुलेआम मोदी समर्थकों को डराया धमकाया।
उकसावे के बावजूद एस्प्लांडे और धर्मतल्ला से रोड शो शांतिपूर्ण तरीके से शुरू हुआ। मोदी समर्थकों ने बंगाल की विविध संस्कृति को दर्शाती झांकियों के साथ भारी संख्या में रोड शो में भाग लिया। भाजपा कार्यकर्ताओं के ‘जय श्रीराम’ और ‘अमित शाह का स्वागत है’ के नारों के साथ रोड शो कई किलोमीटर तक फैला।
पश्चिम बंगाल के इतिहास में भाजपा ने कभी भी इतनी बड़ी संख्या में अपने समर्थकों को जुटाने का आयोजन नहीं किया था। स्थानीय भाजपा नेताओं ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि इतनी भारी संख्या में लोग रोड शो में शामिल होंगे। रथ पर खड़े हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और अन्य वरिष्ठ भाजपा नेताओं के ऊपर लोग फूल बरसा रहे थे और कोलकाता की सड़कें भगवा हो गई थीं।
भीड़ को देखकर उत्साहित अमित शाह ने इंडिया टीवी के संवाददाता को बताया कि यह पश्चिम बंगाल में बदलाव का स्पष्ट संकेत है। शाह ने संवाददाता को बताया ‘पहले हमने सोचा था कि बंगाल में 23 सीटों पर हमारी जीत होगी, लेकिन इस भीड़ को देखते हुए मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि हम इस आंकड़े को भी पार कर जाएंगे।’
रोड शो जहां खत्म हो रहा था, वहां हताश टीएमसी समर्थकों ने अमित शाह के रथ पर डंडे तथा बोतलें फेंकी और सैन्य बल भाजपा नेताओं को तुरंत सुरक्षित स्थान पर ले गए।
कोलकाता विश्वविद्यालय के नजदीक झड़पें हुईं जहां टीएमसी और भाजपा समर्थकों ने जमकर एक दूसरे के साथ लड़ाई की। विद्यासागर कॉलेज के सामने कई मोटरसाइकलों को आग लगा दी गई। इन झड़पों के बारे में सुनकर प्रधानमंत्री मोदी ने चंडीगढ़ में इंडिया टीवी संवाददाता को बताया कि ‘’बंगाल की जनता इस हमले के लिए ममता बनर्जी को उपयुक्त जवाब देगी।’’
स्थानीय समाचार पत्रों के संपादकों और राजनीतिक पंडितों ने हमारे संवाददाताओं को बताया कि उन्हें रोड शो में इतनी भारी भीड़ की उम्मीद कभी नहीं थी। मंगलवार को हुए इस शक्ति प्रदर्शन ने स्पष्ट कर दिया कि बंगाल के मतदाताओं में मोदी के पक्ष में एक बड़ी लहर चल रही है। अंतिम चरण का मतदान 19 मई को होगा और यह लहर अगर वोटों में बदल जाती है तो आने वाले हफ्तों में ममता बनर्जी के लिए बड़ा सिरदर्द बनेगा।