हरियाणा में फरीदाबाद के पास बल्लभगढ़ में मंगलवार को एक लड़की की दिनदहाड़े हत्या से पूरे देश में आक्रोश की लहर दौड़ गई। सोशल मीडिया पर वायरल हुई 23 सेकंड की एक सीसटीवी फुटेज में तौसीफ नाम का बदमाश निकिता नाम की लड़की को पॉइंट ब्लैंक रेंज पर गोली मारते हुए नजर आ रहा है।
20 साल की निकिता तोमर फरीदाबाद के एक कॉलेज में बी. कॉम अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रही थी। मंगलवार को जब वह अपनी एक सहेली के साथ कॉलेज से बाहर आई, तभी हत्यारा तौसीफ और उसका साथी रेहान एक कार में आए और निकिता को अपनी कार में खींचने की कोशिश की। निकिता ने जब इसका विरोध किया तो तौसीफ ने अपनी पिस्तौल निकाली और गोली चला दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों कार से फरार हो गए और निकिता की सहेली भौंचक्की होकर उसे सड़क पर मरते हुए देखती रही।
थोड़ी ही देर में निकिता के परिजन घटनास्थल पर पहुंच गए और अन्य स्थानीय निवासियों के साथ मिलकर वे दिल्ली-मथुरा हाईवे पर धरना पर बैठ गए, और पूरी सड़क जाम हो गई। धरना दे रहे लोगों का समर्थन करने के लिए जल्द ही वहां हजारों लोग इकट्ठा हो गए और सभी मिलकर हत्यारों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग करने लगे।
निकिता के पिता ने आरोप लगाया कि तौसीफ पिछले 2 साल से उनकी बेटी को परेशान कर रहा था, और उसने पिछले साल सितंबर में छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज कराई थी। स्थानीय पुलिस ने तब दोनों परिवारों के बीच समझौता करा दिया था। लेकिन तौसीफ और उसकी मां पिछले कुछ हफ्तों से उसे लगातार इस्लाम कबूल करके निकाह करने के लिए दबाव डाल रहे थे। निकिता ने इससे साफ इनकार कर दिया, लेकिन तौसीफ नहीं माना और पीछा करना जारी रखा।
स्थानीय पुलिस ने निकिता को सुरक्षा प्रदान करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। निकिता के नाना ने आरोप लगाया कि हत्या के बाद जब परिवार के लोग शिकायत करने थाने गए तो SHO का बर्ताव काफी बुरा था, और उसने तौसीफ के खिलाफ FIR दर्ज करते समय परिवार की बात नहीं सुनी। उन्होंने मांग की है कि एक नई FIR दर्ज की जाए और मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में भेजा जाए।
दोनों आरोपियों की धरपकड़ के लिए क्राइम ब्रांच की 10 टीमें बनाई गईं, और इस जघन्य वारदात को अंजाम देने के कुछ ही घंटे के भीतर पुलिस ने तौसीफ और रेहान को गिरफ्तार कर लिया। निकिता का हत्यारा तौसीफ 21 साल का है और वह फिजियोथैरेपी का कोर्स कर रहा है। दोनों आरोपियों को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया जहां से इन्हें 2 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। हत्यारों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे निकिता के परिवार के सदस्यों और स्थानीय निवासियों को समझाने में पुलिस अधिकारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। पुलिस अफसरों ने उन्हें भरोसा दिलाया कि मुकदमे की सुनवाई के दौरान मामले में तेजी लाई जाएगी और जल्द न्याय मिलेगा। शाम को परिजनों ने धरना खत्म कर दिया और निकिता के शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया।
यह एक निर्मम हत्या है और किसी भी तरह से यह नहीं कहा जा सकता इसे गुस्से में अंजाम दिया गया है। इस मामले में स्थानीय पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में है क्योंकि तौसीफ एक स्थानीय कांग्रेस विधायक का चचेरा भाई है। अब जबकि सबूत के रूप में सीसीटीवी फुटेज के साथ-साथ चश्मदीद गवाह भी मौजूद हैं, तो चार्जशीट दाखिल करने और दोनों हत्यारों को सजा दिलाने में कोई देरी नहीं होनी चाहिए। बचाव पक्ष के वकील अदालतों में इस केस को लंबा खींचने की पूरी कोशिश कर सकते हैं, लेकिन इस बात को समझना होगा कि देर से मिले न्याय का कोई मतलब नहीं रह जाता। अभियोजन पक्ष को पूरी मजबूती से यह केस लड़ना चाहिए और हत्यारों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाना चाहिए।
लोगों का गुस्सा जायज़ है क्योंकि आमतौर पर कानूनी पचड़ों में काफी वक्त लगता है जिससे न्याय मिलने में देरी होती है। हालांकि बलात्कारियों और हत्यारों को सजा देने के लिए एक कड़ा कानून बनाया तो गया है, लेकिन फास्ट ट्रैक कोर्ट्स में ऐसे मामलों के निपटान के लिए एक तय समय सीमा निर्धारित होनी चाहिए। बेटियों को जितनी जल्दी न्याय मिलेगा, उतना ही अच्छा होगा। इन मामलों में जल्द सजा दी जानी चाहिए और वह ऐसी हो जिससे महिलाओं को परेशान करने वालों, हत्यारों और बलात्कारियों के मन में कानून का डर बना रहे। ऐसा होने पर ही हमारी बेटियां ऐसे अपराधियों से बैखौफ होकर एक सुरक्षित जीवन जीने का सपना देख सकती हैं। (रजत शर्मा)
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