कोरोना वायरस पीड़ितों के लिए अपनी ट्रैवल हिस्ट्री छिपाने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। भारत में कोरोना वायरस से ग्रसित 64 वर्षीय जिस तीसरे शख्स की मंगलवार को मुंबई में मौत हुई वह दुबई लौटा था। यहां सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बात ये है कि इस मरीज ने अपने इलाज के दौरान डॉक्टर्स को भी नहीं बताया को वो इसी महीने दुबई से लौटा था। महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि 12 दिन पहले जब वह दुबई से लौटा तो शुरुआती दो दिनों तक उसमें इस वायरस के कोई लक्षण नजर नहीं आए, लेकिन बाद में उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी। इलाज के लिए वह एक प्राइवेट अस्ताल में गया। लेकिन वहां पर उसने डॉक्टर्स से अपनी ट्रैवल हिस्ट्री की बात छिपा ली और ये नहीं बताया कि वह दुबई से लौटा है।
डॉक्टर्स ने शुरुआत में सांस की समस्या को लेकर दवा दी लेकिन जब मरीज की हालत बिगड़ने लगी तो फिर कोरोना वायरस की जांच के लिए सरकारी अस्पताल में भेजा गया। जांच में पता चला कि बुजुर्ग को कोरोना वायरस का इंफेक्शन था। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। मंगलवार को इस शख्स की मौत हो गई।
इंडिया टीवी के रिपोर्टर सचिन चौधरी ने इस शख्स का ब्यौरा जुटाया। यह शख्स उस 40 लोगों के ग्रुप में शामिल था जो पिछले 5 मार्च को दुबई से वापस लौटा था। अपनी पत्नी और बेटे के साथ यह शख्स देश वापस लौटा और उसने घाटकोपर जाने के लिए एक टैक्सी ली थी। अब अधिकारी उन लोगों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं जो इस मरीज के निकट संपर्क में आए थे।
इस घटना से यह सबक लेने की जरूरत है कि डॉक्टर्स से आप कभी भी अपनी ट्रैवल हिस्ट्री नहीं छिपाएं और क्वारंटाइन से घबराए नहीं, इससे दूर नहीं भागें। क्योंकि ऐसा करके आप अनजाने में दूसरों को जोखिम में डाल देंगे।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किये गए गाइडलाइंस के मुताबिक जो लोग भी पिछले 14 दिनों में कोरोना प्रभावित देशों की यात्रा से लौटे हैं, उन्हें अगले 14 दिनों तक होम क्वारंटाइन में रहना होगा। यानि अगले 14 दिनों तक उन्हें खुद को अलग रखना होगा।
इसी तरह, जो लोग विदेश से लौटे हैं उनके निकट संपर्क में आने वाले लोगों को भी अगले 14 दिनों तक होम क्वारंटाइन में रहना चाहिए ताकि इस वायरस को फैलने से रोका जा सके। होम क्वारंटाइन में रहने के दौरान इसकी प्रक्रिया और नियमों का सख्ती से पालन करना जरूरी है। इस दौरान आप अलग रूम में रहें और घर के दूसरे सदस्यों से कम-से-कम संपर्क करें। अगर आपको खांसी, तेज बुखार और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत है, तो फिर कोरोना वायरस के लिए टेस्ट कराना चाहिए। अगर ऐसे लक्षण नजर नहीं आते हैं तो फिर ये टेस्ट करवाने की कोई जरूरत नहीं है।
यहां मैं आपको ये भी बता दूं कि किसी को भी सामान्य सर्दी-जुकाम, खांसी या सांस लेने में तकलीफ हो तो फिर उसका टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। कोरोना की जांच सिर्फ उन लोगों को कराने की जरूरत है जो पिछले कुछ दिनों में चीन, इटली, ईरान, साउथ कोरिया, फ्रांस, स्पेन जर्मनी, यूएई, ओमान, कतर या कुवैत से लौटे हों। इन लोगों से कोरोना वायरस फैलने का खतरा सबसे ज्यादा है इसलिए ऐसे मामलों की जांच प्राथमिकता के आधार पर की जाती है। (रजत शर्मा)
देखें, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 17 मार्च 2020 का पूरा एपिसोड