अमृतसर में दशहरे की शाम रावण दहन कार्यक्रम के दौरान पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी डॉ. नवजोत कौर ने वहां मौजूद भीड़ संबोधित किया था। जैसे ही रावण का पुतला जलाया गया उसी वक्त एक बड़ा हादसा हुआ। एक ट्रेन पास के रेलवे ट्रैक से गुजरी जिससे कुचलकर 61 लोगों की मौत हो गई। ये लोग रावण दहन देखने के लिए आए थे। इस दर्दनाक हादसे के बाद मची चीख-पुकार के बीच सिद्धू की पत्नी अपनी कार में बैठीं और कार्यक्रम स्थल से चली गईं।
जैसे ही अस्पताल में ज्यादा से ज्यादा घायल लोग पहुंचने लगे, यह कहने के लिए वो टीवी पर नजर आईं कि कार्यक्रम स्थल से रवाना होने के करीब 15 मिनट बाद उन्हें इस हादसे का पता चला। यह एक सफेद झूठ था। हादसे की जगह से प्राप्त वीडियो उनके झूठ का पर्दाफाश करता है।
सिद्धू की पत्नी डॉ. नवजोत कौर ने अगर यह झूठ नहीं बोला होता तो कोई उनपर आरोप नहीं लगाता। सबसे पहले तो वे कार्यक्रम स्थल पर देरी से पहुंची, उन्होंने अपना भाषण दिया और जैसे ही हादसा हुआ वो वहां से गायब हो गईं। डॉ. नवजोत कौर को कार्यक्रम स्थल पर बताया गया कि ट्रेन से कई लोग कट गए हैं। ये जानने के बाद भी वो अपनी कार में बैठीं और वहां से निकल गईं।
यह कोई नहीं कहता कि नवजोत कौर ने जानबूझकर ऐसा किया होगा। कई बार गलती हो जाती है। बेहतर होता कि नवजोत कौर अपनी गलती मान लेतीं। क्योंकि उनके एक झूठ को छिपाने के लिए उन्हें और उनके पति पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को सौ झूठ बोलने पड़ रहे हैं। पूरे ब्लेमगेम का उन्हें ड्रामा तैयार करना पड़ रहा है। पत्नी की गलतियों को छिपाने के लिए पूर्व क्रिकेटर अब पूरी जिम्मेदारी रेलवे पर मढ़ रहे हैं। (रजत शर्मा)