भारतीय जनता पार्टी के नए अध्यक्ष के तौर पर सोमवार को 59 वर्षीय जगत प्रकाश नड्डा ने कार्यभार संभाल लिया है। उन्होंने अमित शाह की जगह ली है, जो करीब साढ़े पांच साल तक पार्टी के अध्यक्ष रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी के दिग्गज नेता एल.के. आडवाणी और डॉ. मुरली मनोहर जोशी इस समारोह में शामिल हुए। पीएम मोदी ने इस अवसर पर अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि किस तरह वे हिमाचल प्रदेश में पार्टी का जनाधार तैयार करने के दौरान जेपी नड्डा के साथ स्कूटर पर जनसंपर्क के लिए जाते थे।
जेपी नड्डा के अध्यक्ष बनने की चर्चा छह महीने पहले ही शुरू हो गई थी जब उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। सोमवार को हुए कार्यक्रम के दौरान इसकी महज औपचारिक घोषणा हुई। जिस समय नड्डा को पार्टी अध्यक्ष चुना गया उस समय उन्होंने यह कल्पना भी नहीं की होगी कि मोदी सरकार को पार्टी संगठन के समर्थन की इतनी जरूरत होगी।
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी पार्टियों पर आरोप लगाया कि वे लोगों के अंदर भ्रम पैदा कर रहे हैं, हालांकि उन्होंने खासतौर से सीएए और एनआरसी का जिक्र नहीं किया। मोदी ने कहा कि सरकारी मशीनरी के बजाय पार्टी के कार्यकर्ताओं को लोगों के बीच जाने की जरूरत है ताकि वे लोगों की गलतफहमियों को दूर करें और सही स्थिति से वाकिफ कराएं।
ऐसी स्थिति में नए पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने बड़ी चुनौती है। उनके सामने इस साल दिल्ली और बिहार विधानसभा चुनाव जीतने की बड़ी चुनौती है। ऐसे निर्णायक मोड़ पर भारत की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी का संचालन करना निश्चित रूप से एक चुनौती भरा काम है। नड्डा खुद को बेहद लो-प्रोफ़ाइल रखना पसंद करते हैं, लेकिन वे अपने पार्टी संगठन की बारीकियों को अच्छी तरह से जानते हैं।
नड्डा के साथ सबसे बड़ा प्लस प्वॉइंट ये है कि जब नरेंद्र मोदी को हिमाचल प्रदेश का प्रभार दिया गया था तो उस वक्त नड्डा ने मोदी के साथ कई वर्षों तक काम किया। नरेंद्र मोदी उनकी संगठन क्षमता को जानते हैं और उन पर भरोसा भी करते हैं। यही आनेवाले दिनों में नड्डा की सबसे बड़ी ताकत बनेगी। (रजत शर्मा)
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