सबसे पहले मैं ईश्वर का शुक्रिया अदा करना चाहूंगा कि मंगलवार को मुंबई के अंधेरी स्टेशन पर अचानक फुट ओवरब्रिज ढहने से एक भी शख्स की जान नहीं गई। भारी बारिश के चलते इस फुट ओवरब्रिज पर हादसे के वक्त लोगों की संख्या काफी कम थी। पिछले साल एलफिंस्टन फुट ओवरब्रिज पर भगदड़ मचने से 23 लोगों की मौत हो गई थी।
एलफिंस्टन ओवरब्रिज हादसे के बाद रेल मंत्री पीयूष गोयल ने तेजी से कार्रवाई करते हुए सेना की मदद से काफी कम समय में नया ओवरब्रिज तैयार कराया। गोयल ने उस समय भरोसा दिलाया था कि यात्रियों की सुरक्षा पर और ज्यादा ध्यान दिया जाएगा।
लेकिन यह केवल यात्रियों की सुरक्षा से ही जुड़ा सवाल नहीं है। ऐसे कई ब्रिज हैं जो काफी पुराने और जर्जर हो चुके हैं। इनमें से अधिकांश का निर्माण अंग्रेजों के जमाने में हुआ था। इनकी आयु पूरी हो चुकी है और इन्हें पहले ही खतरनाक ठहराया जा चुका है।
अब पीयूष गोयल ने मुंबई में ऐसे 450 ब्रिज की जांच के आदेश दिए हैं। यह जांच आईआईटी डायरेक्टर की निगरानी में होगी। यह उम्मीद की जानी चाहिए कि जांच रिपोर्ट आने के बाद कमजोर पुलों की मरम्मत या फिर उनकी जगह नए ब्रिज युद्धस्तर पर बनाए जाएंगे।
मैं मुंबईकरों की निष्ठा और दृढ़ता की तारीफ करूंगा जो कि भारी बारिश के बावजूद अपने रोजमर्रा के काम जारी रखते हैं। भारत में मुंबई को एक ऐसे शहर के रूप में जाना जाता है जो कभी नहीं सोता। यह दुखद विडंबना है कि अपने कर्तव्य के प्रति जागरूक और बहादुर मुंबईकरों को हर साल बारिश के दौरान हादसों का सामना करना पड़ता है। पिछले साल शहर का एक नामी डॉक्टर खुले मेनहॉल में गिरकर बारिश के पानी में बह गया। कई बार पानी में बिजली के तार गिर जाने और करंट फैलने से हादसे हुए हैं। फिर भी इस शहर में जीवन की गति कभी धीमी नहीं हुई है। (रजत शर्मा)
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