प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को इंदौर की एक घटना पर कड़ी नाराजगी जताई जिसमें स्थानीय भाजपा विधायक और वरिष्ठ पार्टी नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे ने नगर निगम अधिकारी को बल्ले से पीटा, और जब वो जेल से बाहर आया तो उसके समर्थकों ने उसका स्तुतिगान किया।
भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने किसी का नाम तो नहीं लिया लेकिन ‘इंदौर की घटना’ का जिक्र करते हुए कहा: ‘’क्या आप सोचते हैं कि लोगों ने इस वजह से हमें वोट दिया है?... वह कोई भी हो, किसी का भी बेटा क्यों न हो, चाहे कोई विधायक या सांसद हो.. इस तरह का अहंकार, दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है...।
‘’मैं जानना चाहता हूं कि वीडियो में उस शख्स ने ऐसी क्या बहादुरी दिखाई कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने उसका इतना बड़ा स्वागत किया। इसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और अगर जरूरत हो तो स्थानीय इकाई को भंग किया जाना चाहिए।’’
प्रधानमंत्री ने गुंडागर्दी के ऐसे काम की निंदा करके सही कदम उठाया है। अबतक वीवीआईपी लोगों के बिगड़ैल लड़के खुलेआम कानून तोड़ते थे और उन्हें सुरक्षा तथा संरक्षण दिया जाता था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने इस प्रवृति को रोका है। उन्होंने देश को सही संदेश दिया है।
आकाश विजयवर्गीय ने बल्ले से नगर निगम अधिकारी पर जिस तरह की कार्रवाई की, उसके पिता कैलाश विजयवर्गीय ने जिस तरह से उसका बचाव किया और मीडिया कर्मियों को डांटा और जिस धूमधाम से पार्टी कार्यकर्ताओं ने आकाश का स्वागत किया और फूलों की माला पहनाई, उससे देशभर में लोगों के मन में व्याकुलता बढ़ गई थी। स्वाभाविक है, जब वीवीआईपी लोगों के बिगड़ैल लड़के इस तरह का काम करते हैं तो लोग गुस्सा होते हैं।
यह सिर्फ भारतीय जनता पार्टी तक ही सीमित नहीं है। तेलंगाना में सत्ताधारी पार्टी के विधायक के भाई ने हाल ही में एक महिला वन रक्षक को डंडों से पीटा। इस तरह के कई और उदाहरण मिल जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने आकाश विजयवर्गीय और उसके समर्थकों की गुंडागर्दी की निंदा करके निश्चित रूप से कड़ा संदेश दिया है। मुझे उम्मीद है कि न केवल भाजपा बल्कि अन्य राजनीतिक दलों के नेता इससे सीख लेंगे और अपने परिवार के सदस्यों को कानून का उल्लंघन करने से रोकेंगे। (रजत शर्मा)
देखिए, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 02 जुलाई 2019 का पूरा एपिसोड