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Rajat Sharma's Blog: युद्धस्तर पर टीकाकरण ही कोरोना महामारी को रोक सकता है

युद्धस्तर पर टीकाकरण ही इस महामारी की दूसरी लहर को रोक सकता है। टीकाकरण जितना तेज होगा, कोरोना की स्पीड उतनी कम होगी।

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Updated on: March 19, 2021 13:41 IST
India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma

देश में कोरोना की दूसरी लहर खतरनाक होती जा रही है। गुरुवार को देशभर में  कोरोना के 39,670 नए मामले सामने आए। यह पिछले साल 28 नवंबर के बाद एक दिन में संक्रमण का सबसे ज्यादा मामला है। महाराष्ट्र में गुरुवार को सबसे ज्यादा 25,833 नए मामले आए जबकि दिल्ली में कोरोना के 607 नए मामले आए। पंजाब में 2,387, कर्नाटक में 1,488, छत्तीसगढ़ में एक हजार से ज्यादा, गुजरात में 1,276, तमिलनाडु में 989, मध्य प्रदेश में 917, हरियाणा में 633, यूपी में 321, राजस्थान में 327 और चंडीगढ़ में कोरोना के 211 नए मामले आए। यह महामारी तेजी से फैल रही है। 

 
महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, केरल और पंजाब जैसे राज्यों में पिछले पांच दिनों से कोरोना वायरस के नए मामले लगातार बढ़ रहे हैं। गुरुवार को पूरे देश में कोरोना संक्रमण से 154 लोगों की मौत हो गई। पिछले तीन दिनों में रोजाना इस संक्रमण से मरनेवालों की संख्या 150 से ज्यादा रही है। पंजाब और गुजरात के कई शहरों में नाइट कर्फ्यू की अवधि बढ़ा दी गई है। लुधियाना, जालंधर, अमृतसर, गुरदासपुर, पटियाला, मोहाली, रोपड़, कपूरथला और होशियारपुर में रात का कर्फ्यू दो घंटे बढ़ा दिया गया है। पंजाब और गुजरात में सभी मॉल और सिनेमा हॉल को शनिवार और रविवार को बंद करने का आदेश दिया गया है। गुजरात के अहमदाबाद, सूरत, राजकोट और वडोदरा में नाइट कर्फ्यू लगाया गया है।
 
मध्य प्रदेश सरकार ने महामारी फैलने की आशंका को देखते हुए महाराष्ट्र से आने-जानेवाली अंतरराज्यीय बसों के परिचालन पर 20 मार्च से 31 मार्च तक रोक लगा दी है। महाराष्ट्र से आनेवाले सभी यात्रियों को एक हफ्ते के लिए क्वारंटीन किया जाएगा। उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, रतलाम, सागर, बैतूल और अन्य शहरों में बाजार और व्यापारिक प्रतिष्ठान रोजाना रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक बंद रहेंगे। इंदौर और भोपाल में पहले से ही नाइट कर्फ्यू लगा हुआ है।
 
कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ही लोगों के अंदर इस बात का डर है कि कहीं फिर ल़ॉकडाउन ना लग जाए। सैकड़ों लोगों ने मुझसे मैसेज करके पूछा। इंडिया टीवी की फोन लाइन पर हजारों कॉल आए। लोग यही पूछ रहे हैं कि कोरना के बढ़ने की रफ्तार तो पिछले साल मार्च-अप्रैल से भी ज्यादा हो गई है और अब इसे रोकने के लिए क्या फिर से लॉकडाउन लग जाएगा? लोगों को लग रहा है कि करीब 8 महीने के बाद कारोबार थोड़ा पटरी पर लौटा है, डर थोड़ा कम हुआ है, रोजगार फिर मिलने लगा है। ऐसे में अगर एक बार फिर लॉकडाउन लगा तो मुश्किल हो जाएगी। जिंदगी कैसे चलेगी? सबसे ज्यादा डर रोज कमाने खाने वाले,  रेहड़ी पटरी वाले और छोटे दुकानदारों को है। मैं इस डर को समझता हूं। लॉकडाउन का गरीब लोगों पर कैसा असर हुआ और उन पर क्या बीती, ये पूरे देश ने देखा है। मैंने सरकार के बड़े-बड़े मंत्रियों से बात की, अर्थशास्त्रियों से बात की, अफसरों की राय जानने की कोशिश की। एक स्पष्ट तस्वीर उभरकर आना बाकी है लेकिन ऐसे लगता है कि लोगों को अब कोरोना से उतना डर नहीं लग रहा है जितना कोरोना के कारण होने वाले नुकसान से लग रहा है। लोगों को अब इस बात खौफ नहीं है कि कोरोना फिर बहुत तेजी फैल रहा है, लोगों को चिंता इस बात की है कि कहीं दोबारा लॉकडाउन तो नहीं लग जाएगा।
 
पंजाब में पिछले तीन दिनों में कोरोना के 100 से ज्यादा मरीजों की मौत हो चुकी है। अकेले जालंधर में 500 से ज्यादा नए मरीज़ मिले हैं। पंजाब के अस्पतालों में करीब 300 लोग ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं और कई लोग वेटिंलेटर पर भी हैं। ये बेहद गंभीर स्थिति है और इसे पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी समझते हैं। इसलिए गुरुवार को उन्होंने कहा कि  चाहे लोगों को पसंद हो या ना हो, लेकिन वो बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर कोविड गाइडलाइंस के पालन के लिए दोबारा से सख्ती करेंगे। अगर इसके बाद भी हालात नहीं सुधरे तो फिर और कड़े उपाय अपनाएंगे।
 
उधर, गुजरात में भी कमोबेश इसी तरह के हालात हैं। अहमदाबाद में बस सेवाएं बंद कर दी गई हैं। सभी जिम और पार्क अगले आदेश तक बंद कर दिए गए हैं। सभी मॉल और सिनेमा हॉल वीकेंड पर बंद रहेंगे। राज्य के अधिकांश शहरों में सभी स्कूल और कॉलेज 10 अप्रैल तक बंद रहेंगे। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने पूरे राज्य में लॉकडाउन से इनकार किया लेकिन इस बात पर जोर दिया कि सख्ती तो बरती जाएगी।
 
दिल्ली और पंजाब के मुख्यमंत्रियों ने कोविड वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने और मास वैक्सीनेशन की बात कही है। गुरुवार रात तक देशभर में 3.89 करोड़ वैक्सीनेशन हुआ। यह आंकड़ा भले ही बड़ा दिखाई दे, लेकिन 137 करोड़ लोगों के देश में यह एक बूंद के समान है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र से अनुरोध किया है कि वह बिना किसी बंदिश के सभी को वैक्सीन लगाने की अनुमति प्रदान करे। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मांग की है कि कोरोना की दूसरी लहर के फैलाव को रोकने के लिए सभी उम्र के लोगों को वैक्सीन लगनी चाहिए।
 
चाहे कैप्टन अमरिन्दर सिंह हों या अरविन्द केजरीवाल, मैं इन दोनों मुख्यमंत्रियों की राय से सहमत हूं। देश में वैक्सीन की कमी नहीं है, उत्पादन बढ़ गया है, इसे और तेजी से बढ़ाया भी जा सकता है। कोरोना को रोकने का एक ही उपाय है- युद्धस्तर पर वैक्सीनेशन। वैक्सीनेशन की रफ्तार को तेजी से बढ़ाने की जरूरत है। शुरुआत में 45 वर्ष से ज्यादा के लोगों को वैक्सीन लेने की छूट दी जा सकती है। इसके लिए किसी तरह के रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं होनी चाहिए। ये लोग वैक्सीनेशन सेंटर पर जाएं और टीका लगवाएं। किसी तरह की बंदिश नहीं होनी चाहिए। न डॉक्टर का सर्टिफिकेट, न रजिस्ट्रेशन का चक्कर और न अप्वाइंटमेंट का झंझट। मुझे तो लगता है कि अगर संभव हो और वैक्सीन की उपलब्धता हो तो 18 साल से ऊपर के सभी नागरिकों को कोरोना वैक्सीन लेने की छूट मिलनी चाहिए।
 
बड़ी संख्या में लोग वैक्सीन लगवाना चाहते हैं लेकिन सरकार की इजाजत नहीं है, क्योंकि नियमों की पाबंदी है इसलिए वो वैक्सीन नहीं लगवा पा रहे हैं। फिलहाल सरकार ने सिर्फ 60 साल से ज्यादा के लोगों को वैक्सीन देने की छूट दी है और 45 से ऊपर कोमॉर्बिड लोग ही टीका लगवा सकते हैं। 45 वर्ष से ऊपर की उम्र के कई लोगों ने मुझसे संपर्क किया और इस संबंध में पूछा। ये बात साबित करती है कि बड़ी संख्या में लोग वैक्सीन लगवाना चाहते हैं, लेकिन सरकार की तरफ से इजाजत नहीं  होने के कारण टीका नहीं लगवा पा रहे हैं। अगर18 वर्ष से ज्यादा उम्र के सभी भारतीयों को वैक्सीन लेने की अनुमति दी जाती है तो वैक्सीन बर्बाद होने की संभावना खत्म हो जाएगी, जिसकी चिंता प्रधानमंत्री भी जता चुके हैं। 
 
युद्धस्तर पर वैक्सीनेशन ही इस महामारी की दूसरी लहर को रोक सकता है। वैक्सीनेशन जितना तेज होगा, कोरोना की स्पीड उतनी कम होगी। एक बात का ध्यान रखना होगा कि सिर्फ वैक्सीनेशन से भी भला होने वाला नहीं है, इसके साथ-साथ लोगों को सावधानी बरतनी होगी। हर शख्स को कोविड गाइडलाइंस का पालन करना होगा। लापरवाही बिल्कुल नहीं होनी चाहिए, ना सरकारी स्तर पर और ना ही आम लोगों के लेवल पर। इसलिए मास्क लगाएं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, दो गज की दूरी रखें और बार-बार हाथ धोएं। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 18 मार्च, 2021 का पूरा एपिसोड

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