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Rajat Sharma's Blog: वकीलों को हिंसा की प्रवृत्ति से बचना चाहिए

अगर पुलिस का मनोबल गिरेगा, अगर पुलिस के इकबाल में कमी आएगी तो फिर इस शहर, इस राजधानी और इस देश को सुरक्षित कौन रखेगा?

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: November 05, 2019 18:01 IST
Lawyers must curb the tendency to resort to violence- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Rajat Sharma's Blog: Lawyers must curb the tendency to resort to violence

दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट के बाहर शनिवार को एक पुलिसकर्मी और एक वकील के बीच पार्किंग को लेकर मामूली से झगड़े ने कोर्ट परिसर के अंदर पुलिसकर्मियों और वकीलों के बीच हिंसक झड़प का रूप ले लिया। पुलिस ने लाठीचार्ज और फायरिंग की, वकीलों की पिटाई की और वकीलों ने गाड़ियों में आग लगा दी। 

दिल्ली हाईकोर्ट ने रविवार को पुलिस अधिकारियों के तत्काल तबादले और निलंबन का निर्देश देने के साथ ही घटना की जांच का आदेश भी दिया। इसके बाद सोमवार को, दिल्ली में वकील हड़ताल पर चले गए, लेकिन सोशल मीडिया पर जो वीडियो क्लिप उपलब्ध है वह एक अलग कहानी बयान करती है। एक वीडियो क्लिप में वकीलों के एक समूह को साकेत कोर्ट में पुलिस कंट्रोल रूम में दाखिल होते हुए और तोड़फोड़ करते हुए दिखाया गया है। एक अन्य क्लिप में एक वकील को एक पुलिसकर्मी की पिटाई करते दिखाया गया जो कुछ अदालती काम के लिए वहां गया था। कुछ वकीलों ने अदालत में केस के सिलसिले में आए लोगों की भी पिटाई की थी।

कम से कम कहने के लिए ये सभी वीडियो चौंकाने वाले हैं। अगर अगर आप वकीलों के बनाए हुए वीडियो को देखेंगे तो लगेगा कि पुलिस ने बहुत ज्यादती की और पुलिस के साथ हुई मारपीट के वीडियो देखेंगे तो लगेगा कि वकीलों ने कानून हाथ में लिया, पुलिस कंट्रोल रूम में तोड़फोड़ की और पुलिस वालों को बेरहमी से मारा। दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने रविवार को कोर्ट लगाई और पुलिस के खिलाफ निर्देश दिए। किसी वकील को गिरफ्तार नहीं किया गया लेकिन पुलिस के कई अधिकारियों का तबादला और निलंबन हुआ। तीस हजारी कोर्ट में हुई हिंसा की जांच के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र समिति का गठन किया गया है।

अब इतना होने के बाद वकीलों को धैर्य रखना चाहिए था और जांच रिपोर्ट आने का इंतजार करना चाहिए था। जहां तक मेरी जानकारी है, दिल्ली के ज्यादातर वकील हाईकोर्ट के इस फैसले से संतुष्ट हैं। वहीं दूसरी तरफ इस फैसले को लेकर पुलिस का मनोबल बेहद गिरा हुआ नजर आ रहा है। आईपीएस ऑफिसर्स एसोसिएशन ने ट्वीट किया कि मारपीट और अपमान का सामना कर रहे पुलिसकर्मियों के साथ भारत भर के पुलिस अधिकारी एकजुटता के साथ खड़े हैं। 

सोमवार को साकेत कोर्ट के बाहर जिस तरह की घटना हुई उसे टाला जा सकता था। वकीलों द्वारा एक पुलिसकर्मी की पिटाई वाले वीडियो से पूरी वकील कम्यूनिटी बदनाम होती है और इस तरह के व्यवहार को कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता है। संयोग से, बार काउंसिल के चुनाव अब होने जा रहे हैं, और ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ वकील इन घटनाओं की आड़ में लोगों को उकसा रहे हैं ताकि वो अपने पक्ष में ज्यादा से ज्यादा मत बटोर सकें। 

मेरी कई सीनियर वकीलों से बात हुई और सबने साफ तौर पर कहा कि इस तरह की प्रवृत्तियों पर अंकुश लगाने की जरूरत है। वकीलों के हाथों पुलिस को पिटते देख आम आदमी भी हैरान है। इस घटना के बाद बड़ी संख्या में लोग ऐसे हैं जिनकी सहानुभूति पुलिस के साथ है। उनका तर्क ये है कि अगर पुलिस का मनोबल गिरेगा, अगर पुलिस के इकबाल में कमी आएगी तो फिर इस शहर, इस राजधानी और इस देश को सुरक्षित कौन रखेगा? (रजत शर्मा)

देखें, 'आप की अदालत' रजत शर्मा के साथ, 04 नवंबर 2019 का पूरा एपिसोड

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