बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) की छात्राओं पर शनिवार की रात पुलिसकर्मियों द्वारा लाठीचार्ज की घटना एक गलत कदम है और इसकी निंदा करनी चाहिए। इस घटना के बाद यूपी सरकार ने तीन मजिस्ट्रेट और दो पुलिस अधिकारियों का तबादला कर ठीक काम किया लेकिन अभी तक इस सवाल का जवाब नहीं मिला कि अगर वो लोग असामाजिक तत्व थे तो वो बीएचयू में पहुंचे कैसे? बीएचयू के कैंपस को देखें तो कैंपस के अंदर हॉस्पिटल भी है जहां लोग इलाज के लिए आते हैं। यहां खुले रास्ते भी हैं और कैंपस के अंदर बाहरी लोगों के आने-जाने पर रोक भी नहीं है। कभी भी बाहरी लोग आकर हंगामा कर सकते हैं और कानून-व्यवस्था को लेकर प्रॉब्लम खड़ी कर सकते हैं। इस तरह की घटना पहले भी कई बार हो चुकी हैं। वाइस चांसलर यह कहकर नहीं बच सकते कि इस वजह से वो लाचार हैं। बीएचयू जैसी प्रतिष्टित यूनिवर्सिटी के लिए अलग (isolated) और शांत कैंपस होना जरूरी है। और यही, वहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की सुरक्षा की सबसे बड़ी गारंटी होगी। (रजत शर्मा)