Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. Rajat Sharma’s Blog: कोरोना के मामले में सियासत न करके मिलकर इस चुनौती का सामना किया जाए

Rajat Sharma’s Blog: कोरोना के मामले में सियासत न करके मिलकर इस चुनौती का सामना किया जाए

दिल्ली के एम्स, सर गंगाराम हॉस्पिटल और केजीएमयू हॉस्पिटल जैसे बड़े-बड़े अस्पतालों के 100 से ज्यादा डॉक्टर्स पॉजिटिव पाए गए हैं।

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published : April 10, 2021 18:32 IST
Rajat Sharma Blog, Rajat Sharma Blog on Coronavirus, Rajat Sharma Blog on Coronavirus Vaccine
Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि शुक्रवार को भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के रिकॉर्ड 1,45,384 नए मामले सामने आए हैं। यह एक दिन में कोविड-19 के नए मामलों में आया अब तक का सबसे बड़ा उछाल है। शुक्रवार को कोरोना वायरस के कारण 794 और लोगों की मौत हो गई, जिससे इस बीमारी के चलते अपनी जान गंवाने वाले मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 1,68,436 हो गई है। कोरोना वायरस के ऐक्टिव मामलों की संख्या ने 6 महीने के गैप के बाद एक बार फिर 10 लाख के आंकड़े को पार कर लिया है।

भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई शुक्रवार की शाम वीरान नजर आई, और इसने मार्च 2020 की यादें ताजा कर दीं जब पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया था। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस का कहर जारी है, और यहां शुक्रवार को 58,993 नए संक्रमित मिले हैं। मुंबई के धारावी, दादर और माहिम जैसे इलाकों में बीते कुछ हफ्तों में कोरोना के लगभग 20,000 मामले सामने आए हैं।

देश की राजधानी दिल्ली में भी कोरोना के नए मामलों में उछाल जारी है और यहां 8,521 नए केस मिले हैं जबकि 39 मरीजों की मौत हो गई। बाकी के राज्यों की बात करें तो शुक्रवार को केरल में 5,063, कर्नाटक में 7,955, राजस्थान में3,970, तमिलनाडु में 5,441, गुजरात में 4,541, बिहार में 2,174, पंजाब में 3,459, हरियाणा में 2,994, और मध्य प्रदेश में 4,882 नए मामले सामने आए हैं।

राजस्थान की सरकार ने सूबे के 9 शहरों, अजमेर, अलवर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, जयपुर, जोधपुर, कोटा और अबु रोड में 30 अप्रैत तक रात के 8 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगा दिया है। लखनऊ में 2 पब्लिक स्कूलों को कोविड-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के आरोप में सील कर दिया गया है। भोपाल के एम्स अस्पताल में 53 स्वास्थ्यकर्मी कोरोना संक्रमित मिले हैं जिनमें 2 डॉक्टर, 38 मेडिकल स्टूडेंट्स और 13 हेल्थकेयर वर्कर्स शामिल हैं।

कुल मिलाकर तस्वीर डराने वाली है। दिल्ली के एम्स, सर गंगाराम हॉस्पिटल और केजीएमयू हॉस्पिटल जैसे बड़े-बड़े अस्पतालों के 100 से ज्यादा डॉक्टर्स पॉजिटिव पाए गए हैं। मुंबई और नागपुर जैसे बड़े शहरों में हॉस्पिटल भरने लगे हैं, ICU बेड कम पड़ रहे हैं, मरीजों को वेंटिलेटर नहीं मिल रहे हैं और ऑक्सीजन की शॉर्टेज हैं। मध्य प्रदेश में मरीजों के परिवार वाले डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन लेकर एक मेडिकल शॉप से दूसरी शॉप पर घूम रहे हैं लेकिन रेमडेसिवीर इंजेक्शन नहीं मिल रहा है। इस इंजेक्शन का इस्तेमाल कोरोना के मरीजों में फेफड़ों के इंफेक्शन को कंट्रोल करने में होता है, लेकिन केमिस्ट की दुकानों से यह दवाई गायब है।

AIIMS में 26 स्वास्थ्यकर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए जिनमें 20 डॉक्टर और 2 फैकल्टी मेंबर शामिल हैं जबकि बाकी रेजिडेंट डॉक्टर्स हैं। इसी तरह वाराणसी के BHU अस्पताल के 17 डॉक्टरों को कोरोना का इंफेक्शन हो गया और फिलहाल ये सभी आइसोलेशन में हैं। लखनऊ के KGMU हॉस्पिटल में 40 कोरोना की चपेट में आ गए। इसी तरह दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में एक मार्च से लेकर अब तक, यानी पिछले 9 दिनों में 37 डॉक्टरों को इस वायरस ने अपनी चपेट में लिया।

इतने सारे डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के बीमार पड़ने की वजह से हेल्थ केयर सिस्टम की हालत खराब होनी तय है। राहत की बात सिर्फ इतनी सी है कि बीमार हुए ज्यादातर डॉक्टरों को हल्के लक्षण हैं, वे आइसोलेशन में हैं और इलाज चल रहा है। कोरोना की वैक्सीन लेने की वजह से वे सुरक्षित हैं।

नागपुर के अस्पतालों में अब बिस्तर खाली नहीं हैं और कोरोना से संक्रमित मरीज इलाज के लिए अमरावती जा रहे हैं। नागपुर से अमरावती ले जाने के लिए ऐम्बुलेंस के ड्राइवर मरीजों से मनमानी कीमत वसूल रहे हैं और प्रति ट्रिप 10 से 12 हजार रुपये तक चार्ज कर रहे हैं। पुणे, मुंबई और नासिक अस्पतालों में लगभग सभी बेड भरे हुए हैं। कुछ अस्पतालों में तो कोरोना के मरीज फर्श पर लेटे हुए हैं। अस्पतालों में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की भारी कमी है।

अकेले मुंबई में कोविड के 90 हजार से ज्यादा ऐक्टिव केस हैं, और 8-10 हजार नए मरीज रोज सामने आ रहे हैं। ऐसी रिपोर्ट्स आई हैं कि अस्पतालों में कई ऐसे कोरोना मरीज इलाज करा रहे हैं, जो एसिम्टोमैटिक हैं। ऐसे मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत ही नहीं है। ये मरीज घर पर रहकर और फोन पर डॉक्टरों की सलाह से इलाज के द्वारा 2 हफ्ते में ठीक हो सकते हैं। इसके चलते गंभीर रूप से बीमार उन मरीजों की मदद हो जाएगी जिन्हें आईसीयू बेड की सख्त जरूरत है। 

हमने अपने प्राइम टाइम प्रोग्राम ‘आज की बात’ में दिखाया था कि पड़ोस के गुजरात में कोरोना के मरीजों को लेकर आईं 42 ऐम्बुलेंस उनको ऐडमिट कराने के लिए राजकोट के अस्पताल के बाहर लाइन लगाकर खड़ी थीं। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व्यक्तिगत तौर पर प्रयागराज, वाराणसी और लखनऊ में बनाए गए कोविड सेंटर्स के हालात का जायजा ले रहे हैं।

मुनाफाखोरों द्वारा रेमडेसिवीर इंजेक्शन की जमाखोरी की जा रही है और वे लोगों को इसे मनमानी कीमत पर बेच रहे हैं। आमतौर पर 5 हजार रुपये में मिलने वाली इसकी एक शीशी के 1.5 लाख रुपये तक वसूले जा रहे हैं। भोपाल में 28 हजार से ज्यादा ऐक्टिव केस हैं, और वहां मरीजों के परिजन रेमडेसिवीर इंजेक्शन खरीदने के लिए एक जगह से दूसरी जगह दौड़भाग कर रहे हैं। कुछ ऐसे ही हालात इंदौर में भी हैं। मुंबई पुलिस ने शुक्रवार को कालाबाजारी करने वाले 2 लोगों को जोगेश्वरी इलाके से गिरफ्तार किया। इनके पास से रेमडेसिवीर इंजेक्शन की 284 शीशियां मिलीं, जिनकी कीमत 14 लाख रुपये होगी।

महाराष्ट्र के अहमदनगर और औरंगाबाद में कोरोना के चलते अपनी जान गंवाने वाले लोगों के दाह संस्कार में श्मशानों को पसीने छूट रहे हैं। कब्रिस्तानों में जगह की भारी कमी है। महाराष्ट्र के बीड में एक श्मशान में एक चिता पर 8 शवों का अंतिम संस्कार किया गया।

महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की वैक्सीन की कमी के कारण संकट बढ़ गया है। मुंबई के सबसे बड़े वैक्सीनेशन सेंटर BKC में वैक्सीन की डोज़ लेने आए लोगों को वापस जाना पड़ रहा है। यही नहीं नानावती, लीलावती, ब्रीच कैंडी समेत कई प्राइवेट अस्पतालों ने भी वैक्सीन देनी बंद कर दी है। नागपुर में सबसे बड़े वैक्सीनेशन सेंटर GMC हॉस्पिटल में वैक्सीन की कमी के चलते टीकाकरण को रोकना पड़ा है।

यह बात सही है कि कुछ जिलों में कोविड वैक्सीन की कमी है और इसे लगवाने आए लोगों को खाली हाथ वापस जाना पड़ रहा है। लेकिन देश में वैक्सीन की कमी नहीं है और सभी राज्यों को जरूरत के मुताबिक ये मिल रही है। कुछ मामलों में ऐसा हो सकता है कि वैक्सीन का स्टॉक समय पर टीकाकरण केंद्रों पर नहीं पहुंचा होगा जिससे वहां कमी हुई होगी। यह एक ऐसा मुद्दा है जो लोगों के जिंदगी और मौत से जुड़ा है, इसलिए इसे लेकर सियासत नहीं होनी चाहिए। वैक्सीन का स्टॉक बांटते हुए किसी भी राज्य के साथ कोई 'सौतेला व्यवहार' नहीं किया गया है।

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने शिकायत की कि उनके राज्य को गुजरात के बराबर वैक्सीन मिली, जबकि उनके राज्य की आबादी गुजरात से बहुत ज्यादा है। लेकिन उत्तर प्रदेश को भी इतनी ही वैक्सीन की सप्लाई हुई, जबकि वह देश में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला राज्य है और उसकी आबादी महाराष्ट्र से डबल है। राहुल गांधी अब वैक्सीन की ज्यादा सप्लाई की डिमांड कर रहे हैं। मुझे याद है कि जब टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था तब कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं ने इसी वैक्सीन की एफिकेसी पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि अगर वैक्सीन इतनी ही इफेक्टिव है तो सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही क्यों नहीं लगवा लेते। कांग्रेस शासित प्रदेशों के दो मुख्यमंत्रियों ने तो वैक्सीन लेने से ही मना कर दिया था।

मैं कहना चाहता हूं कि जो हुआ, सो हुआ, उसे भूल जाइए। अब कोरोना वैक्सीन पर सियासत नहीं होनी चाहिए, कोरोना पर सियासत नहीं होनी चाहिए। अगर महाराष्ट्र में कोरोना का कहर ज्यादा है, मरीज ज्यादा हैं, मुश्किलें बढ़ी हैं तो इसके लिए वहां की सरकार को दोष देना ठीक नहीं है। ऐसे ही अगर कहीं वैक्सीन की सप्लाई थोड़ी कम रह गई तो इसके लिए केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा करने की जरूरत नहीं है।

इस समय तो जरूरत है लोगों की परेशानियों को समझने की, सब तरह के लोगों को मिलकर कोरोना के खिलाफ लड़ने की, टेस्टिंग बढ़ाने की, ट्रेसिंग पर ध्यान देने की और लोगों को ये समझाने की कि बारी आने पर वैक्सीन लगावाना कितना जरूरी है। और हां, मास्क पहनने, सोशल डिस्टैंसिंग बनाए रखने और हाथों को नियमित अंतराल पर धोने जैसे कोविड प्रोटोकॉल्स का पालन जरूर करें। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 09 अप्रैल, 2021 का पूरा एपिसोड

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement