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Rajat Sharma’s Blog:क्या जेवर एयरपोर्ट से बदलेगी पश्चिमी यूपी की किस्मत?

जेवर में दुनिया का चौथा सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनेगा। इसका निर्माण 30 हजार करोड़ की लागत से होगा और यह पश्चिमी यूपी के एक लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराएगा। 

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: November 26, 2021 16:05 IST
India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के जेवर में एशिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का भूमिपूजन किया। इस मौके पर मोदी को सुनने के लिए नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़, बुलंदशहर, आगरा, मेरठ से आए लाखों लोग मौजूद थे। मोदी ने अपने भाषण में बताया कि कैसे यह एयरपोर्ट पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रहनेवाले लोगों की किस्मत बदल देगा। आपको बता दें कि दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर जो किसान धरने पर बैठे हैं उनमें बड़ी संख्या पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों की है। इसीलिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपने भाषण में लोगों को बताया कि जेवर में एयरपोर्ट बनने से सबसे ज्यादा फायदा पश्चिमी यूपी के लोगों को होगा और यह एयरपोर्ट इस क्षेत्र का भविष्य बदल देगा।

 
पीएम मोदी ने कहा कि 6,200 हेक्टेयर जमीन पर बननेवाले इस अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण 30 हजार करोड़ की लागत से होगा और यह पश्चिमी यूपी के एक लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराएगा। जेवर में दुनिया का चौथा सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनेगा। इस एयरपोर्ट के बनने के बाद दिल्ली-एनसीआर देश का पहला शहर होगा जहां 70 किलोमीटर के दायरे में तीन एयरपोर्ट होंगे। मौजूदा समय में दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट और गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट से उड़ानें संचालित हो रही हैं। हिंडन एयरपोर्ट को घरेलू उड़ानों को लिए शुरू किया गया था। जेवर एयरपोर्ट के चालू होने से पश्चिमी यूपी के 30 जिलों और हरियाणा के फरीदाबाद, पलवल और बल्लभगढ़ में रहने वाले लोगों को फायदा होगा।
 
इस एयरपोर्ट के निर्माण के पहले चरण में वर्ष 2024 तक 1,334 हेक्टेयर में एक टर्मिनल और एक रनवे का निर्माण किया जाएगा। इसके बाद अलग-अलग चरण में पांच और रनवे बनाए जाएंगे। केंद्र सरकार का यह लक्ष्य है कि सितंबर 2024 से देश के 9 शहरों के साथ-साथ दुबई के लिए फ्लाइट शुरू हो जाए। इस एयरपोर्ट को स्विस कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशल एयरपोर्ट एजी (Zurich International Airport AG) डेवलप कर रही है। 
 
बड़ी बात ये है कि जेवर में देश का सबसे बड़ा एयरक्राफ्ट मेंटिनेंस सेंटर यानी एमआरओ (Maintenance, Repair and Operations)भी बनेगा। अभी तक देश में सिर्फ एक एमआरओ सेंटर महाराष्ट्र के नागपुर में है जो बहुत छोटा है। फिलहाल देश के विमानों को मेंटिनेंस, रिपेयर और ओवरहालिंग के लिए विदेश भेजा जाता है जिसपर हर साल करीब 15 हजार करोड़ रुपये खर्च होते हैं। लेकिन जब जेवर एयरपोर्ट बनकर तैयार हो जाएगा तो वहां हैंगर में एक साथ 178 विमानों को पार्क किया जा सकेगा। 
 
मोदी ने कहा जेवर एयरपोर्ट पश्चिमी यूपी को पूरी दुनिया से जोड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस एयरपोर्ट को बहुत पहले बन जाना चाहिए था लेकिन यूपी की पहले की सरकारें डेडलाइन पूरा करने में नाकाम रहीं। मोदी ने याद दिलाया कि कैसे यूपी के लोग अपनी गरीबी और पिछड़ेपन के कारण दूसरे राज्यों के लोगों के ताने सुनते थे। उन्होंने कहा, लोग पूछते थे कि क्या कभी यूपी की इमेज बदल पाएगी या नहीं। 
 
उन्होंने कहा-' लोगों को कभी गरीबी, कभी जात-पात की राजनीति, कभी हजारों करोड़ के घोटाले, कभी खराब सड़कें, कभी उद्योग तो कभी राजनीति में माफिया नेताओं को लेकर ताने सुनने पड़ते थे। लेकिन अब हालात बेहतर हो रहे हैं। मोदी ने कहा कि झूठे सपने दिखाकर लोगों को गुमराह किया गया।
 
यह बात तो सही है कि नरेन्द्र मोदी के काम करने का तरीका अलग है। वह खुद कहते हैं कि जिस परियोजना की आधारशिला मैं रखता हूं, उसका उद्घाटन भी करता हूं। बीस साल से मोदी संवैधानिक पद पर हैं और अब तक उनका जो रिकॉर्ड है उसमें यह बात साबित भी होती है। 
 
मोदी किसी प्रोजेक्ट को शुरू करने से पहले उसके पूरा होने की तारीख तय कर लेते हैं और फिर उसी डेडलाइन के हिसाब से काम करते हैं। गुरुवार को मोदी ने इस बात का जिक्र किया कि यूपी में पहले की सरकारें बिना किसी जमीनी काम किए प्रोजेक्ट की आधारशिला रख देती थी और फिर भूल जाती थी। जेवर एयरपोर्ट का प्रोजेक्ट भी इसका सबूत है। लेकिन अब 'भूमि पूजन' का फैसला तब किया गया जब भूमि अधिग्रहण जैसे सारे ग्राउंड वर्क कर लिए गए।
 
मोदी ने कहा, योगी चाहते तो तो 2017 में ही भूमि पूजन करा देते लेकिन उन्होंने ऐसा तबतक नहीं किया जब तक सारा ग्राउंड वर्क पूरा नहीं कर लिया गया। उन्होंने कहा, पहले राजनीतिक लाभ के लिए आनन-फानन में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की घोषणा होती थी और इसके लिए कोई ग्राउंड वर्क नहीं किया जाता था जिसका नतीजा ये होता था कि प्रोजेक्ट की लागत बढ़ जाती थी और काम लटक जाता था। उन्होंने कहा-'इंफ्रास्ट्रक्चर हमारे लिए राजनीति नहीं, राष्ट्रनीति का हिस्सा है'। उन्होंने कहा-हम यह तय कर रहे हैं कि प्रोजेक्ट लटके नहीं। हमने देरी होने पर जुर्माने का प्रावधान किया है।
 
मोदी की बात सुनकर आपको शायद समझ आ गया हो कि उन्होंने यह बात क्यों कही। असल में गुरुवार को यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने एक ट्वीट कर दावा किया कि उनके कार्यकाल में जेवर एयरपोर्ट प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई थी और बीजेपी एक अधूरे काम को शुरू करने का क्रेडिट ले रही है। मायावती ने कहा कि उनके कार्यकाल में किसानों से भूमि अधिग्रहण शुरू हुआ था और बीजेपी अब रैलियां कर इसे अपनी उपलब्धि बता रही है। मोदी जानते थे कि पूर्व मुख्यमंत्रियों की ओर से ऐसे दावे किए जाएंगे। 
 
इसलिए मोदी ने ये भी बता दिया कि यह सही है कि जेवर एयरपोर्ट का प्रोजेक्ट नया नहीं है। यह बीस साल पुराना प्रोजक्ट है। इसका प्लान सबसे पहले उस वक्त बना था जब राजनाथ सिंह यूपी के मुख्यमंत्री थे। इसके बाद मोदी ने यह भी बता दिया कि इस बीच मायावती, मुलायम सिंह, और अखिलेश यादव की सरकार आई लेकिन एयरपोर्ट के लिए एक ईंट भी नहीं रख पाई, क्योंकि कभी राज्य सरकारों ने ढिलाई की तो कभी केन्द्र की यूपीए सरकार ने अड़ंगा लगा दिया।  मोदी ने कहा-'चूंकि यूपी में डबल इंजन की सरकार है इसलिए अब तेजी से काम हो रहा है और एयरपोर्ट वक्त पर बनकर तैयार हो जाएगा।'
 
जेवर में एक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट और एविएशन हब की योजना 2001 में तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह की सरकार द्वारा तैयार की गई थी। 2002 में मायावती मुख्यमंत्री बनीं। तब मायावती बीजेपी के साथ मिलकर सरकार चला रही थीं। उन्होंने इस परियोजना को तेज गति से पूरा करने की कोशिश की। 2004 में यूपी में सरकार बदल गई और मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने इस प्रोजेक्ट को आगरा ले जाने की कोशिश की। बात आगे बढ़ी तो कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार ने दूरी को लेकर फाइल लटका दी। अब करीब 20 साल बाद जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने का सपना पूरा हो रहा है।
 
मोदी ने एक और बात कही कि हजारों हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करना कोई आसान काम नहीं है। उन्होंने कहा, किसानों को जमीन देने के लिए राजी करना, उन्हें उचित मुआवजा देना, सबको खुश रखना और बिना किसी बाधा के प्रोजेक्ट को शुरू कराना कोई छोटी बात नहीं है। 
 
यह वह इलाका है जहां कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 2015 में भट्टा परसौल किसान आंदोलन शुरू किया था और गिरफ्तारी दी थी। आंदोलन के बाद सरकार को जमीन अधिग्रहण कानून वापस लेना पड़ा था। इसके बाद सरकार ने जमीन अधिग्रहण कानून में बदलाव किए और इस बदलाव के बाद ही भट्टा परसौल के किसानों ने अपनी जमीनें एयरपोर्ट के लिए दी। बदले में सरकार ने उम्मीद से ज्यादा मुआवजा दिया। इसीलिए मोदी ने कहा कि पिछली सरकारें जो काम 14 साल में नहीं करा सकीं वह काम योगी ने चार साल में कर दिखाया। उन्होंने किसानों को धन्यवाद दिया और मुख्यमंत्री को 'कर्मयोगी' बताया।
 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपने भाषण में किसानों को धन्यवाद दिया और कहा कि पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश गन्ने की मिठास के लिए प्रसिद्ध था लेकिन पिछली सरकारों के राज में यह इलाका दंगों के लिए बदनाम हो गया। लेकिन अब ये इलाका प्रदेश के गन्ने की मिठास को बढ़ाएगा, जिन्नावादियों और दंगा कराने वालों को भगाएगा।
 
मोदी और योगी की कैमिस्ट्री कैसी है यह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया। दरअसल सोशल मीडिया पर एक तस्वीर तेजी से वायरल हुई जिसमें पीएम मोदी ने अपना बायां हाथ योगी के कंधे पर रखा हुआ है। इसी तस्वीर का जिक्र राजनाथ सिंह ने सीतापुर में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में की। उन्होंने कहा,'इस तस्वीर में मोदी, योगी आदित्यनाथ के कंधे पर हाथ रखकर उनके कान में तेज गति से बैटिंग करने को कह रहे हैं। अगर योगी तेजी से बैटिंग करते रहे तो बीजेपी की जीत निश्चित है।' 
 
राजनाथ सिंह ने जो बात कही वह सही है। योगी आदित्यनाथ आजकल T20 के बैट्समैन की तरह बल्लेबाजी कर रहे हैं। लगातार चौके-छक्के मार रहे हैं और उनको प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लगातार शाबाशी भी मिल रही है। नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि जो काम पिछली सरकारें 14 साल में नहीं कर पाई वो यूपी ने चार साल में कर दिया। 
 
नरेंद्र मोदी की हर बात में योगी के लिए एक पॉलिटिकल मैसेज था। जब उन्होंने कहा कि पहले पिछड़ेपन के लिए यूपी के लोगों को ताने सुनने पड़ते थे तो उन्होंने यह भी इशारा किया कि योगी आदित्यनाथ की वजह से यूपी की छवि पॉजिटिव बनी। जब मोदी ने कहा कि यूपी में डबल इंजन की सरकार है इसलिए काम तेजी से हो रहे हैं तो इसका मतलब था कि योगी को फिर से वोट दो तो मोदी की मदद से काम तेजी से होगा। 
 
असल में मोदी और योगी ने मिलकर यूपी में एक माहौल बनाया है और अपने विरोधियों को डिफेंसिव खेलने के लिए मजबूर कर दिया है।  जेवर में एयरपोर्ट का शिलान्यास इसी दिशा में एक बड़ा कदम है। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 25 नवंबर, 2021 का पूरा एपिसोड

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