उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोमवार को रायबरेली के जेल अधीक्षक, जेलर, डिप्टी जेलर, हेड वार्डन और दो जेल वार्डन को निलंबित कर दिया। यह कार्रवाई एक वीडियो के वायरल होने के बाद की गई जिसमें जेल के अंदर अपराधी डिनर पार्टी कर रहे थे और एक गैंगस्टर जेल के अंदर से सेलफोन पर किसी को धमकी दे रहा था। जैसे ही ये वीडियो वायल हुआ रायबरेली के डीएम और एसपी ने जेल पर छापा मारकर चार सेलफोन एक सिम कार्ड जब्त किया। ठीक इसी तरह की घटना का एक और वीडियो सामने आया है जो गुजरात के सुरेंद्र नगर डिस्ट्रिक्ट जेल का है।
पूरी जेल व्यवस्था आपराधिक न्याय प्रणाली का एक हिस्सा है जिसमें बड़े पैमाने पर सुधार की जरूरत है। पूर्व में भी ऐसी खबरें आती रही हैं कि पटना के बेऊर जेल में कैदी जेल मैन्युल का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं और तिहाड़ जेल में दिल्ली के बड़े बिल्डर को पांच सितारा सुविधाएं दी जा रही हैं। ऐसी भी खबरें है कि जेसिका लाल हत्याकांड के दोषी जेल में समय बिताने से ज्यादा जेल के बाहर समय बिता रहे हैं।
ये सभी ऐसी घटनाएं है जो हमारी न्याय व्यवस्था का मजाक उड़ाती हैं। ये बात सबलोग जानते हैं कि जो कैदी चुपके से रिश्वत दे देता है उसे जेल के अंदर ज्यादा सुविधाएं दी जाती हैं और कुछ मामलों में तो अपराधी जेल के अंदर से सेलफोन के जरिए अपना गिरोह चलाते हैं।
रायबरेली का ताजा वीडियो हमारी आंखें खोलनेवाला है। यह सच है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद अपराधियों में खौफ तो पैदा हुआ है। बहुत से अपराधी मुठभेड़ में मारे गए हैं। बहुत से अपराधियों ने मुठभेड़ के डर से सरेंडर कर दिया। यूपी में अपराधियों को पिछली सरकारों के वक्त जो राजनीतिक संरक्षण मिलता था, अब वो नहीं मिल रहा है। लेकिन अब योगी आदित्यनाथ को जेलों की हालत सुधारने पर भी ध्यान देना चाहिए।
ये जमीनी हकीकत है कि यूपी और अन्य राज्यों की जेलों में क्षमता से कई गुना ज्यादा कैदी हैं और जेलकर्मियों की संख्या कम है। लेकिन इसके कारण जेलों में मोबाइल फोन पहुंच जाएं, अपराधी डिनर पार्टी करते दिखाई दें और सेलफोन के जरिए किसी धमकी दें, इससे निश्चित रूप से चिंता बढ़ जाती है। ये सब काम जेल में तैनात वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत के बगैर नहीं हो सकता। इसलिए ऐसे अफसरों की पहचान करके उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। (रजत शर्मा)