श्रीनगर अस्पताल में हुए आतंकी हमले में शहीद दो कश्मीरी पुलिसकर्मियों बाबर अहमद खान और मुश्ताक अहमद की शवयात्रा में मंगलवार की शाम बड़ी संख्या लोगों का शामिल होना पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के प्रति लोगों के गुस्से को जाहिर करता है। दोनों पुलिसकर्मी अपने साथियों के साथ आतंकवादियों को मेडिकल चेकअप के लिए SMHS अस्पताल ले जा रहे थे। उसी समय आतंकवादियों ने उनपर हमला कर दिया। एक पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद नवीद जट हमलावरों के साथ फरार हो गया। नवीद कश्मीर घाटी में लश्कर-ए-तायबा का कमांडर था। वह घाटी में हिंसा भड़काने के लिए पाकिस्तान से आया था।
हमें जम्मू-कश्मीर के पुलिसकर्मियों के साहस को सलाम करना होगा जिन्होंने अस्पताल के अंदर उत्पात मचाने के आतंकवादियों के मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया। नोट करने की बात ये है कि पुलिस के लोग आतंकवादियों को मेडिकल चेकअप के लिए लेकर आए थे और यह जानकारी लीक हो गई और हमलावर उनके अस्पताल पहुंचने का इंतजार कर रहे थे। किसी ने सोचा भी नहीं था कि आतंकवादी अस्पताल पर भी हमला कर सकते हैं।
मंगलवार की रात अपने शो 'आज की बात' में मैंने कश्मीर घाटी में आतंकवादियों के वेश में घुसे पाकिस्तान आर्मी के सेवारत सैनिकों की तस्वीरें दिखाई थी। कश्मीर में आतंकवाद को उकसाने में पाकिस्तान की भूमिका अब खुले तौर पर साबित हो चुकी है। पाकिस्तान की सेना खुले तौर पर आतंकवादियों को प्रशिक्षण देने, लॉन्च पैड तैयार करने और फिर उन्हें अपने संरक्षण में रखकर नियंत्रण रेखा पर भारत में घुसपैठ में मदद करती है।
अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी यह महसूस किया कि पाकिस्तान की सेना खुले तौर पर अफगानिस्तान और भारत की सीमा पर आतंकियों की मदद करती है। ट्रंप ने पाकिस्तान को पहले चेतावनी दी और फिर अमेरिकी मदद बंद कर दी और फंड्स रोक दिए। अमेरिका इस बात को जान गया है कि पाकिस्तान आतंकवादियों को तैयार करने की फैक्ट्री बन गया है। पूरी दुनिया भारत की इस बात को मानती है कि पाकिस्तान इस पूरे क्षेत्र में दहशतगर्दी और खून-खराबे के लिए जिम्मेदार है। अब समय आ गया है कि दुनिया इस तथ्य को समझे और एक असफल राष्ट्र के खिलाफ सुधारात्मक उपाय अपनाए। (रजत शर्मा)