इन पंक्तियों को लिखते समय मेरे दिल में बहुत दुख और शोक के साथ गुस्सा भी है। कश्मीर में हुए आत्मघाती हमले ने सीआरपीएफ के 44 जवानों की जान ले ली। बस में सवार ये जवान अपनी ड्यूटी पर लौट रहे थे। इन जवानों की शहादत के बाद पूरे देश में गुस्सा है। दुख की इस घड़ी में आज पूरा देश शहीद जवानों के परिवारों के साथ खड़ा है। शोक में डूबे राष्ट्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार से यह उम्मीद है कि वे इस जघन्य घटना को अंजाम देनेवाले अपराधियों से इसका बदला लें। हमारे प्रधानमंत्री ने आज साफ तौर पर कहा कि पड़ोसी देश पाकिस्तान बहुत बड़ी गलती कर चुका है और हमने सेना को पलटवार की खुली छूट दी है। सेना अपनी पसंद के मुताबिक पलटवार के लिए समय और जगह तय करेगी। मोदी ने कहा, 'हमारे शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और इस घृणित हमले के अपराधियों को कभी नहीं भूलनेवाला सबक सिखाएंगे।'
सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट समिति की बैठक के बाद सरकार ने तत्काल प्रभाव से पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लेने का फैसला किया। भारत स्थित पाकिस्तान के उच्चायुक्त को विदेश मंत्रालय ने समन किया और एक कड़ा संदेश दिया है।
अब मैं आपको बताता हूं कि गुरुवार को कश्मीर घाटी में क्या हुआ। हमारे सीआरपीएफ के जवानों का एक बड़ा काफिला जम्मू से श्रीनगर जा रहा था। भारी बर्फबारी के कारण सात दिन से जम्मू-श्रीनगर हाईवे बंद था और गुरुवार को ही इसे ट्रैफिक के लिए खोला गया था। 78 वाहनों में सीआरपीएफ के 2547 जवान जब श्रीनगर से महज 30 किमी दूर थे उसी समय आत्मघाती हमलावर ने धावा बोल दिया। वह भारी मात्रा में विस्फोटकों से भरे एसयूवी को ड्राइव कर रहा था और सीआरपीएफ की बस से जा टकराया। जैसे ही टक्कर हुई जोरदार धमाका हुआ और हमलावर के भी परखच्चे उड़ गए। बाद में मसूद अजहर की अगुवाई वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। मसूद अजहर और उसके साथी पाकिस्तान में अपना अड्डा जमाए हैं जिन्हें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से मदद और ट्रेनिंग मिलती है।
जैश ने आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार का एक वीडियो भी बनाया था जिसमें वह इस हमले के इरादे बता रहा है। आदिल पुलवामा का रहनेवाला था। इस वीडियो को हमले के कुछ मिनट बाद सोशल मीडिया पर शेयर किया गया। इंडिया टीवी ने वह चिट्ठी दिखाई थी जिसे इंटेलीजेंस ब्यूरो ने 8 फरवरी को उत्तर और दक्षिण कश्मीर के सीआरपीएफ के डीआईजी को भेजा था और इसमें यह स्पष्ट रूप से कहा गया था कि आतंकवादी उनके काफिले को आईईडी (IED) से निशाना बना सकते हैं। यह चिट्ठी जिलों के एसएसपी को भी भेजी गई थी जिसमें जैश के विस्फोटक विशेषज्ञ अब्दुल राशि गाजी की सूचना भी थी जो अपने दो सहयोगियों के साथ पुलवामा में दाखिल हुआ था।
इस हमले को कैसे अंजाम दिया गया इसकी तहकीकात राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुरू कर दी है। पूरा देश शोक में डूबा हुआ है और पाकिस्तान से बदला लेने की आवाज उठ रही है। गलियों में आम आदमी भी इस जघन्य घटना से शोकाकुल है और चाहता है कि हमारी सेना पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे। यह अनुमान लगाना अभी जल्दबाजी होगी कि सेना किस तरह के कदम उठाएगी। हमारी सेना अपनी योजना खुद तैयार करती है और उसे अपनी पसंद के मुताबिक सही समय और सही जगह पर सटीकता के साथ अंजाम देती जैसा कि उसने उरी आतंकी हमले के तुरंत बाद सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए करारा जवाब दिया था।
देश के लिए शहीद होने वाले जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी। सभी राजनीतिक मतभेदों को भूलते हुए, हमें इस बात पर ध्यान देना होगा कि कैसे हम पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाएं। अगर अब भी हमने एक्शन नहीं लिया तो आने वाली पीढ़ियां हमें कभी माफ नहीं करेंगी। (रजत शर्मा)
देखें, आज की बात रजत शर्मा के साथ, 15 फरवरी 2019 का पूरा एपिसोड