दिल्ली-एनसीआर में सोमवार को इस सीजन की सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई। हवा की गुणवत्ता का सूचकांक 367 पहुंच गया जिसे बेहद खराब माना जाता है। दिल्ली में वायु प्रदूषण का यह स्तर तब है जबकि दिवाली में अभी 9 दिन बाकी हैं। दिवाली के दौरान आतिशबाजी से पूरा वातावण धुएं से भर जाएगा जिससे राजधानी की हवा में प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ जाता है कि सांस लेने में परेशानी होने लगती है।
इंडिया टीवी ने सोमवार को पूरे एनसीआर में हवा की गुणवत्ता के गिरते स्तर का रियलिटी चेक किया। गाजियाबाद में हवा की गुणवत्ता का सूचकांक 430 (गंभीर) पाया गया। गुड़गांव में 389, नोएडा में 374 और फरीदाबाद में 358 पाया गया जिसे वायु गुणवत्ता सूचकांक में 'बेहद खराब' माना जाता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा हवा की गुणवत्ता का जो सूचकांक तय किया गया है उसके मुताबिक 201 से 301 के बीच की रीडिंग हवा की गुणवत्ता के स्तर को 'खराब' बताती है। 301 से 401 के बीच की रीडिंग 'बेहद खराब' और 400 से ज्यादा की रीडिंग हवा की गुणवत्ता के स्तर को 'गंभीर' बताती है। इसकी अधिकतम सीमा 500 तक रखी गई है।
इसके अलावा पंजाब और हरियाणा में भी पिछले दो दिनों में पराली बड़े पैमाने पर जलाए गए हैं। नासा सैटेलाइट से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक पराली जलाने से उठा धुएं का गुबार अगले कुछ दिनों तक दिल्ली-एनसीआर की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली और अन्य पड़ोसी राज्यों के परिवहन विभाग को निर्देश दिया है कि वे 15 साल पुराने पेट्रोल के वाहन और 10 साल पुराने डीजल के वाहनों को जब्त कर ले। सुनवाई के दौरान जब कोर्ट के संज्ञान में यह बात आई कि दिल्ली-एनसीआर में 41 फीसदी प्रदूषण वाहनों से हो रहा है तब उसने इन वाहनों को जब्त करने आदेश दिया।
विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली की हवा इतनी जहरीली हो गई है कि औसतन हर बच्चा, हर रोज साढ़े 6 सिगरेट पी रहा है। हवा इतनी खतरनाक है कि हर रोज लोगों की जिंदगी ढाई घंटे कम हो रही है।
जब न्यायपालिका और कार्यपालिका वायु प्रदूषण से निपटने के रास्ते तलाश रही हैं वहीं कंपनियां एयर प्यूरीफायर और मास्क बेचकर अपना बिजनेस चमकाने में जुटी हुई हैं। एयर प्यूरीफायर की कीमत 12 हजार से 1 लाख 30 हजार रूपये तक है, लेकिन इंडिया टीवी रियलिटी चेक में यह पता चला कि हवा में प्रदूषण के स्तर को देखते हुए ये एयर प्यूरीफायर किसी काम के नहीं हैं।
प्रदूषण से कैसे निपटें इसका एक आसान उपाय आपको बताना चाहता हूं, जिससे आप कम से कम अपने और अपने परिवार के लिए शुद्ध हवा का इंतजाम कर सकते हैं। आईआईटी कानपुर में एक रिसर्च में यह पाया गया कि तीन ऐसे पौधे हैं जिन्हें घरों में रखने से हवा में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है। ये पौधे आसानी से उपलब्ध भी हैं और सांस लेने लायक शुद्ध हवा मिल जाती है। 1-एरिका पाम (इस लिविंग रूम प्लांट के तौर पर भी जाना जाता है) फॉर्मल्डिहाइड औऱ कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैसों को अपने अंदर लेकर शुद्ध हवा देता है। 2- मदर इन लॉ टंग प्लांट (इसे स्नेक प्लांट या बेडरूम प्लांट भी कहते हैं) इसकी खासियत ये है कि यह रात में भी कार्बनडाई ऑक्साइड को ऑक्सिजन में बदलता है। 3- मनी प्लांट- आमतौर पर ये पौधा हर घर में होता है। मनी प्लांट हवा से कई तरह के जहरीले तत्वों को साफ करता है और शुद्ध हवा देता है।
आप पूरे शहर का प्रदूषण तो दूर नहीं कर सकते लेकिन ये पौधे घर में लगाकर कम से कम अपने परिवार को शुद्ध हवा दे सकते हैं। इसमें न ज्यादा खर्चा है और न ज्यादा मेहनत। बड़ी बात ये है कि अगर ज्यादातर घरों में ये पौधे होंगे तो शहर में प्रदूषण का स्तर भी कम होगा। (रजत शर्मा)