वाराणसी के पास स्थित चंदौली में गंभीर रूप से जलने के कारण एक मुस्लिम युवक की मौत हो गई। इस खबर ने गुरुवार को उस समय अलग मोड़ ले लिया जब पुलिस ने युवक के चाचा समेत 3 लोगों को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा किया। इन तीनों पर आरोप था कि इन्होंने सोशल मीडिया पर यह झूठ फैलाया कि मुस्लिम लड़के को कुछ हिंदू लड़कों ने ‘जय श्री राम’ का नारा नहीं लगाने के चलते आग के हवाले कर दिया था।
चंदौली के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संतोष कुमार सिंह ने गुरुवार को इस बात को पूरी तरह खारिज कर दिया कि 4 हिंदू युवकों ने मुस्लिम लड़के को 'जय श्री राम' का नारा लगाने से इनकार करने पर उसे आग लगा दी थी। उन्होंने कहा कि जांच के बाद पता चला कि मुस्लिम युवक अब्दुल खालिक अंसारी ने खुद ही अपने को आग लगाई थी और ‘जय श्री राम’ का ऐंगल जोड़ने के लिए अपने चाचा समेत तीन लोगों के कहने पर मनगढ़ंत कहानी बनाई थी।
पीड़ित ने पहले पुलिस को बताया था कि जब वह सुबह टहलने के लिए गया था तभी चार युवकों ने उस पर हमला किया और उसे आग लगा दी। उसने आरोप लगाया कि युवक उससे 'जय श्री राम' नारा लगाने के लिए कह रहे थे, लेकिन उसने इनकार कर दिया।
चंदौली एसपी ने कहा कि लड़के के चाचा समेत कुछ असामाजिक तत्वों ने उसे 'जय श्री राम' का ऐंगल जोड़ने के लिए कहा था। उन्होंने कहा कि पीड़ित के बयान मेल नहीं खा रहे थे, क्योंकि हर बार उसके बयान में घटना और स्थान का क्रम बदल जा रहा था। प्रत्येक स्थान पर लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच करने के बाद पीड़ित के बयान गलत पाए गए। पुलिस को अखबार बांटने वाले एक चश्मदीद ने बताया कि उसने लड़के को खुद को आग लगाते देखा और सोचा कि वह कोई पागल है।
पुलिस की जांच के दौरान यह पाया गया कि युवक के चाचा का उसके पड़ोसी, जो कि हिंदू है, से पुराना झगड़ा चल रहा था। बदला लेने के लिए उसने अपने भतीजे से कहा कि वह उस परिवार के युवकों का नाम ले और 'जय श्री राम' का ऐंगल जोड़ दे। पुलिस के मुताबिक युवक के चाचा समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है और इन लोगों ने यह कबूल किया है कि इन्होंने ही सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई थी।
जांच के दौरान पुलिस ने लोकल सोशल मीडिया ग्रुप को सर्विलांस पर रखा और गुरुवार को तीन लोगों को आईपीसी की धारा 53ए, 295ए, 420, 120बी, 182 और आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत गिरफ्तार किया।
पुलिस की तफ्तीश में जो बात सामने आई उस पर शक की कोई वजह नहीं बनती है कि पुरानी रंजिश का बदला लेने के लिए इस घटना को हिन्दू-मुस्लिम का रंग दिया गया। चूंकि माहौल ऐसा बना दिया गया है और हाल के दिनों में समुदाय के आधार पर लिंचिंग की घटनाएं भी हुई हैं, इसलिए लोग सोशल मीडिया पर चल रही इस तरह की अफवाहों पर यकीन भी कर लेते हैं।
ठीक इसी तरह महाराष्ट्र से खबर आई थी कि बाइक पर जा रहे दो मुस्लिम नौजवानों को 'जय श्रीराम' का नारा लगाने के लिए मजबूर किया गया लेकिन बाद में ये मामला फर्जी निकला। इससे पहले पश्चिम बंगाल और पश्चिमी यूपी से भी इस तरह की खबरें आई थी, जो कि गलत निकलीं।
आपको याद होगा कुछ दिन पहले मैंने 'आज की बात' में जयपुर में सांप्रदायिक तनाव की खबर दिखाई थी जिसमें सोशल मीडिया पर यह अफवाह फैलाई गई एक मुस्लिम बच्ची के साथ किसी हिन्दू ने रेप किया। अफवाह फैलने के बाद जयपुर में सैकड़ों लोग सड़क पर निकल आए थे और पुलिस स्टेशन पर प्रदर्शन किया था। बाद में पता चला कि बच्ची से रेप करनेवाला युवक मुस्लिम था और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। जयपुर पुलिस ने इस मामले में तुरंत कदम उठाकर हालात को नियंत्रित कर लिया।
पिछले हफ्ते ये अफवाह फैलाई गई कि हज यात्रियों को ले जा रही बसों पर कुछ हिन्दू युवकों ने पथराव कर दिया है। इसके बाद लोग भड़क गए और बदले की भावना से बसों में तोड़-फोड़ की गई। बाद में पता चला कि हज यात्रियों की बसों पर न कोई पथराव हुआ था, न इस तरह की कोई घटना हुई थी।
मेरे कहने का मतलब ये है कि कैसे पूरे देश में माहौल खराब करने के लिए सोशल मीडिया को हथियार बनाया जा रहा है। लोगों को भड़काने की कोशिश की जा रही है। इसलिए मेरी सभी लोगों से अपील है कि वे सोशल मीडिया के दावों पर आंख मूंदकर यकीन न करें। बल्कि, अगर इस तरह का कोई मैसेज आता है तो उसे फॉरवर्ड करने के बजाए उसको चेक करें और उसकी सच्चाई पता लगाने की कोशिश करें। यदि उनके फोन पर ऐसे फर्जी और अफवाह फैलाने वाले मैसेजे आते हैं तो स्थानीय पुलिस को इसकी खबर दें और सरकार की ये जिम्मेदारी है कि जो लोग इस तरह की अफवाहें फैलाते हैं, उनको पकड़े और सख्ती से पेश आए। (रजत शर्मा)
देखिए, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 01 अगस्त 2019 का पूरा एपिसोड