बुधवार को मैंने कैश किल्लत के संकट पर बैंकिंग सिस्टम से जुड़े विशेषज्ञों से बात की। वित्त मंत्रालय से जो जानकारी मुझे मिली उससे ऐसा लगता है कि कुछ शहरों के ATM में कैश खत्म हो गए, कई जगहों पर ATM काम नहीं कर रहा था और इसे सोशल मीडिया पर कैश किल्लत के संकट के रूप में फैलाया गया।
यह अफवाह फैलाई गई कि एक बार फिर कैश की कमी होने वाली है। इसका असर ये हुआ कि लोगों ने पैसा निकालना शुरू कर दिया। ATM से तेजी से पैसा निकाला जाने लगा जिससे ATM खाली हो गए। चूंकि पैसे की निकासी में अचानक तेजी आई और बैंक इसके लिए तैयार नहीं थे इसलिए ATM में कैश उतनी तेजी से भरा नहीं किया जा सका और इसके चक्कर में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
कुल मिला कर मुझे लगता है कि ये सोशल मीडिया पर फैलाई गई अफवाहों के जरिए पैदा किया गया संकट है। हालांकि चौबीस घंटे के भीतर ही सरकार ने तेजी दिखाई। बैंकों को कैश की सप्लाई तेज करने के निर्देश दिए गए। जिसके बाद कैश की सप्लाई और ATM में पैसा डालने के काम में तेजी आई।
अब हालात करीब-करीब सामान्य हो गए हैं। जिन दूर-दराज इलाकों में अभी-भी ATM में पैसा नहीं है वहां एक-दो दिन में कैश पहुंच जाएगा। इसलिए परेशान होने की जरूरत नहीं हैं। वैसे ये स्टैंडर्ड प्रैक्टिस (मानक अभ्यास) है कि एक वक्त में 75 से 80 प्रतिशत ATM ही काम कर रहे होते हैं, बाकी ATM में या तो कैश खत्म हो जाता है या फिर तकनीकी समस्याओं के कारण वो बंद होते हैं। इसी तरह की समान प्रक्रिया अमेरिका और अन्य देशों में भी प्रचलित है। इस लिए कैश की किल्लत जैसी कोई समस्या नहीं है। हमें थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है। सोशल मीडिया से सर्कुलेट होने वाले मैसेज पर आंख बंद करके भरोसा मत कीजिए वरना इस तरह की मुश्किलें और पैदा होंगी। (रजत शर्मा)