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Rajat Sharma Blog: पर्रिकर से शिष्टाचार भेंट के बाद राहुल ने किस तरह जनता को गुमराह करने की कोशिश की

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को बिना किसी पूर्व सूचना के गोवा के बीमार मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर से उनका हालचाल जानने के लिए मुलाकात की।

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: January 31, 2019 16:25 IST
Rajat Sharma Blog- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Rajat Sharma Blog

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को बिना किसी पूर्व सूचना के गोवा के बीमार मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर से उनका हालचाल जानने के लिए मुलाकात की। वह पर्रिकर के यहां पांच मिनट के लिए रुके। इसके बाद राहुल कोच्चि के लिए रवाना हुए, जहां घंटों बाद उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं की एक सभा में कहा कि पर्रिकर ने साफ-साफ कहा है कि उन्हें राफेल विमान के नए सौदे के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और इससे उनका कोई लेना-देना नहीं था।

इसके बाद नाराज पर्रिकर ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर कहा कि उनकी संक्षिप्त मुलाकात के दौरान राफेल सौदे पर दोनों के बीच कोई बात ही नहीं हुई। उन्होंने लिखा, ‘शिष्टाचार भेंट के बहाने मुझसे मिलना, फिर इतने निम्न स्तर का झूठ आधारित राजनीतिक बयान देना, आपकी इस मुलाकात के उद्देश्यों एवं इरादों को लेकर मेरे मन में कई सवाल पैदा करता है।’ बुधवार देर शाम, राहुल गांधी ने मनोहर पर्रिकर को एक पत्र भेजकर साफ किया कि उनके संदर्भ ‘राजनीतिक पटल से आए थे, न कि उनकी बैठक से।’

राहुल ने शायद सोचा होगा कि पैंक्रिएटिक कैंसर का इलाज करा रहे मनोहर पार्रिकर जबाव नहीं देंगे, लेकिन गोवा के मुख्यमंत्री ने सारी बातें साफ करने के लिए तुरंत पत्र लिखा और इसे मीडिया में जारी कर दिया। पर्रिकर ने यह भी लिखा कि वह आखिरी सांस तक गोवा और भारत के लोगों के लिए काम करते रहेंगे। इस हिम्मत के लिए मनोहर पार्रिकर की जितनी तारीफ की जाए कम है। हम सभी को ईश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए कि वह जल्द से जल्द स्वस्थ हों, लेकिन राहुल ने जो किया वह माफी के काबिल नहीं है। 

यह पहला मौका नहीं है जब राहुल ने सार्वजनिक तौर पर गलतबयानी की हो। वो कई बार ऐसा कर चुके हैं। आपको याद होगा कि राहुल ने लोकसभा में खड़े होकर कहा था कि वह फ्रांस के राष्ट्रपति से मिले थे और उन्होंने उनसे कहा था कि राफेल डील में एयरक्राफ्ट की कीमत को सीक्रेट रखने का कोई क्लॉज नहीं है, लेकिन अगले ही दिन फ्रांस के राष्ट्रपति ने राहुल गांधी के बयान को झूठा बता दिया। इसी तरह, डोकलाम के मुद्दे पर राहुल दिल्ली में चुपके से चीन के राजदूत से मिलने गए, लेकिन कांग्रेस के प्रवक्ताओं ने कहा कि ऐसी कोई मुलाकात नहीं हुई। हालांकि जब मीटिंग की तस्वीरें मीडिया में आईं तो झूठ उजागर हो गया।

राहुल गांधी तिब्बत में मानसरोवर के पास स्थित कैलाश पर्वत की तीर्थयात्रा पर गए थे, और तब उन्होंने बयान दिया था कि यात्रा के दौरान उनकी चीन के किसी मंत्री से मुलाकात नहीं हुई। लेकिन कुछ दिन पहले उड़ीसा में राहुल ने रैली में खुद कह दिया कि मानसरोवर यात्रा के दौरान उनकी चीन के कुछ मंत्रियों से मुलाकात हुई थी। ये सारे झूठ ऐसे थे, जो राजनीति में मंजूर किए जा सकते हैं, उन्हें इग्नोर किया जा सकता है, लेकिन राहुल ने मनोहर पर्रिकर से मुलाकात के बाद जो कहा, उसको माफ नहीं किया जा सकता। बीमार नेता को देखने के लिए जाने के बाद बाहर आकर सियासी फायदे के लिए इसका इस्तेमाल करना नैतिकता और सभ्यता के सिद्धांतों के खिलाफ है। (रजत शर्मा)

देखें, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 30 जनवरी 2019 का एपिसोड

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