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Rajat Sharma’s Blog: दिल्ली, मुंबई, यूपी में सीरियल ब्लास्ट की नापाक साजिश कैसे हुई नाकाम

बड़ी बात ये है कि आईएसआई की इस पूरी साज़िश में 1993 मुंबई ब्लास्ट के बाद पहली बार दाऊद के अंडरवर्ल्ड का एक्टिव रोल नज़र आया है।

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published : September 15, 2021 13:31 IST
India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma
Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और इंटेलिजेंस ब्यूरो ने उत्तर प्रदेश एटीएस की मदद से देश को दहलाने की एक बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया है। मंगलवार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने यह खुलासा किया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और दाऊद इब्राहिम गैंग दशहरा उत्सव, रामलीला या नवरात्रि उत्सव के दौरान दिल्ली, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में सीरियल ब्लास्ट की साजिश रच रहे थे। ये भीड़-भाड़ वाली जगहों को निशाना बनाना चाहते थे। 

 
इससे पहले कि ये लोग अपने मंसूबों में कामयाब हो पाते, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस आतंकी मॉड्यूल के छह गुर्गों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को इनके पास से आरडीएक्स वाली आईईडी, ग्रेनेड, बेरेटा पिस्टल और कारतूस मिले हैं। अब तक एक किलो आरडीएक्स जब्त किया जा चुका है।
 
जिन छह आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है उनके नाम हैं-जान मोहम्मद शेख उर्फ समीर कालिया, यह मुंबई का रहनेवाला है। दिल्ली के जामिया नगर का ओसामा उर्फ सामी, रायबरेली का मूलचंद उर्फ शाजू, प्रयागराज का जीशान कमर, बहराइच का मोहम्मद अबु बकर और लखनऊ के बख्शी तालाब का रहनेवाला मोहम्मद आमिर जावेद। इन सभी को दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में हुई छापेमारी के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया। हथियार और विस्फोटक प्रयागराज से बरामद हुए हैं। 
 
पूछताछ में यह पता चला कि ओसामा 22 अप्रैल को सलाम एयर की फ्लाइट पकड़कर लखनऊ से मस्कट (ओमान) के लिए रवाना हो गया था। मस्कट में ओसामा की मुलाकात जीशान से हुई। जीशान भी ट्रेनिंग लेने आया था। मस्कट में इन दोनों की मुलाकात 15 से 16 बांग्लादेशियों से हुई। बाद में इन्हें छोटे-छोटे ग्रुप में बांट दिया गया। ओसामा और जीशान को एक ग्रुप में रखा गया था।
 
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ओसामा और जीशान को ओमान के मस्कट से छोटी-छोटी नावों के जरिए ग्वादर बंदरगाह के पास जिवानी शहर ले जाया गया। वहां एक पाकिस्तानी अधिकारी ने इनका स्वागत किया और इन्हें सिंध प्रांत के थट्टा स्थित एक फॉर्म हाउस में ले जाया गया। इस फॉर्म हाउस में तीन पाकिस्तानी थे। इनमें दो, हमजा और जब्बार पाकिस्तानी सेना का यूनिफॉर्म पहने हुए था। ओसामा और जीशान को यहां पर 15 दिन तक दोनों को एके 47 चलाने और बम धमाके करने और रोजाना इस्तेमाल की जानेवाली चीजों का उपयोग कर विस्फोटक बनाने की ट्रेनिंग दी गई। 
 
ये दोनों पाकिस्तानी सैनिक एक लेफ्टिनेंट या मेजर रैंक के आईएसआई अधिकारी के निर्देश पर काम कर रहे थे। इन दोनों ट्रेंड आतंकवादियों को ब्लास्ट वाली जगह की टोह लेना, आईईडी लगाने के लिए जगह का चुनने का काम सौंपा गया था। ओसामा को ओखला से और मोहम्मद अबू बकर को सराय काले खां से गिरफ्तार किया गया। जीशान कमर, आमिर जावेद और मूलचंद उर्फ साजू को यूपी एटीएस की मदद से गिरफ्तार किया गया।
 
अधिकारियों ने बताया कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के भाई अनीस इब्राहिम का इसमें एक्टिव रोल रहा है। अनीस इब्राहिम ने अपने गुर्गों के जरिए   आईईडी, ग्रेनेड, पिस्तौल और कारतूस को देश के अंदर तक पहुंचाया। पाकिस्तान से विस्फोटक हिंदुस्तान में पहुंचाने औऱ ब्लास्ट किए जाने तक बम को छिपाकर रखने की जिम्मेदारी अनीस इब्राहिम और उसके गुर्गों पर थी। अंडरवर्ल्ड की मदद से ये आरडीएक्स औऱ आईईडी प्रयागराज तक पहुंचे जहां इसे छिपाकर सुरक्षित रखा गया था। 
 
दिल्ली, मुंबई और यूपी के शहरों में ब्लास्ट के लिए इन विस्फोटकों और हथियारों को आतंकवादियों को सौंपने का काम जान मोहम्मद शेख और मूलचंद उर्फ शाजू को दिया गया था। पुलिस ने बताया कि त्योहारों के दौरान भीड़-भाड़ वाली जगहों पर इन विस्फोटकों का इस्तेमाल किया जाना था।
 
अधिकारियों ने बताया कि कराची के पूर्व में थट्टा वही जगह है जहां 26/11 मुंबई हमले के आरोपी अजमल कसाब को आईएसआई और पाकिस्तान नेवी की ऐलीट फोर्स, स्पेशल सर्विस ग्रुप ने ट्रेनिंग दी थी। इससे पहले पाकिस्तान आतंकी ट्रेनिंग के लिए दुबई रूट का इस्तेमाल करता था, इसी रास्ते सेआतंकियों को लाया और वापस भेजा जाता था। लेकिन पहली बार ओमान के रूट का इस्तेमाल किया गया है। इसके साथ ही बड़ी बात ये है कि त्योहारी सीजन में सीरियल ब्लास्ट की आईएसआई की इस पूरी साज़िश में 1993 मुंबई ब्लास्ट के बाद पहली बार दाऊद के अंडरवर्ल्ड गिरोह का एक्टिव रोल नज़र आया है। 
 
सुरक्षा अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर इस टेरर मॉडयूल से दो बातें सामने आती हैं। पहला ये कि आईएसआई कैसे आसानी से दिल्ली और यूपी के 22 साल से 30 साल के लड़कों को रेडिक्लाइज करके उन्हें मस्कट के जरिए पाकिस्तान पहुंचा रही है। चूंकि पिछले कुछ साल में एलओसी (नियंत्रण रेखा) पर सेना ने काफी सख्ती कर बढ़ा दी है इसलिए आईएसआई ने फ्लाइट के जरिेए लड़कों को पाकिस्तान में ट्रेनिंग के लिए भेजने का नया रास्ता निकाला है। 
 
दूसरी बात ये है कि जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के स्लीपर सेल का नेटवर्क कमजोर पड़ा है। ऐसे में आईएसआई ने दाऊद के अंडरवर्ल्ड नेटवर्क को एक्टिव किया है। लेकिन अच्छी बात ये रही कि इंटेलीजेंस एजेंसीज़ औऱ पुलिस की मुस्तैदी से ब्लास्ट के प्लान को वक्त रहते फेल कर दिया गया। इसके लिए दिल्ली पुलिस, यूपी पुलिस के साथ-साथ इंटेलीजेंस एजेंसीज की तारीफ होनी चाहिए। (रजत शर्मा

‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 14 सितंबर, 2021 का पूरा एपिसोड

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