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Rajat Sharma’s Blog: भारतीय सेना के जवानों को हनीट्रैप में फंसाने के लिए पाकिस्तानी लड़कियों को दी जा रही है ट्रेनिंग

आईएसआई ने ऐसे कई कॉल सेंटर बनाए हैं जहां से पाकिस्तानी लड़कियां हिन्दू बनकर सोशल मीडिया के जरिए भारतीय सेना के जवानों को लुभाने की कोशिश करती हैं।

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: September 24, 2021 16:43 IST
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Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.

पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई सोशल मीडिया के ज़रिए भारतीय सेना के जवानों को हनीट्रैप में फंसाने की कोशिश कर रही हैं। भारतीय सेना की सीक्रेट जानकारी हासिल करने के लिए बड़ी संख्या में लड़कियों को बहाल किया गया है। कराची और रावलपिंडी में बैठी लड़कियां हनीट्रैप के जरिए यहां की खुफिया जानकारी हासिल करने की कोशिश में जुटी हैं। इसलिए हर देशवासी को अलर्ट रहने की जरूरत है। अपने प्राइम टाइम शो 'आज की बात' में हमने गुरुवार की रात आपको कराची, हैदराबाद और रावलपिंडी में बैठी पाकिस्तानी लड़कियों के वीडियो और चैट दिखाए। इन वीडियो और चैट के जरिए ये लड़कियां खुद को भारतीय बताकर सेना के जवानों, सैन्य प्रतिष्ठानों, सैन्य गतिविधियों और मिसाइल प्रक्षेपण स्थल से जुड़ी संवेदनशील जानकरी हासिल करने की कोशिश करती हैं।

आईएसआई की इस प्लानिंग को लेकर भारतीय सेना के हर जवान और उसके परिवार के सदस्यों को अलर्ट रहना चाहिए। इस बात को लेकर बेहद अलर्ट रहना चाहिए कि वे व्हाट्सएप, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किसके साथ चैट कर रहे हैं। यह सब पाकिस्तानी सेना की एक बड़ी साजिश का हिस्सा मालूम पड़ता है जो हमारे सैन्य प्रतिष्ठानों, सेना की प्लानिंग के बारे में सोशल मीडिया के जरिए सीक्रेट जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रही है।

आईएसआई ने ऐसे कई कॉल सेंटर बनाए हैं जहां से पाकिस्तानी लड़कियां हिन्दू बनकर सोशल मीडिया के जरिए भारतीय सेना के जवानों को लुभाने की कोशिश करती हैं। इस खतरनाक गेम को अंजाम देने के लिए आर्टीफीशियल इंटैलीजेंस और इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा रहा है।

मेरे पास इस खतरनाक साजिश के सबूत के दौर पर कई वीडियो और ऑडियो हैं जिससे पता चलता है कि पाकिस्तान में बैठी ये लड़कियां कैसे जासूसी एजेंसी के लिए काम करती हैं। सबसे पहले ये लड़कियां सोशल मीडिया पर नकली प्रोफाइल बनाती हैं और खुद को भारतीय सेना के जवानों की महिला रिश्तेदार के तौर पर पेश करती है। माथे पर बिंदी लगाकर, हाथ में कलावा बांध कर और मंगल-सूत्र पहन कर ये अपनी फोटो प्रोफाइल पर लगाती हैं। इनके बैकग्राउंड में गांधी या फिर हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीर होती है। ये लड़कियां बिल्कुल पारंपरिक भारतीय कपड़े पहनती हैं ताकि किसी भी तरह से इनके पाकिस्तानी होने का शक न हो। इससे पहले कि सामने वाले को कोई शक हो ये महिला जासूस छल, छद्म, सौंदर्य को हथियार बनाकर फौज और देश की रक्षा से जुड़ी अहम जानकारियां हासिल कर लेती हैं।

पाकिस्तान की इंटेलिजेंस एजेंसी आईएसआई द्वारा शुरू किए गए 'ऑपरेशन हैदराबाद' के तहत पाकिस्तान में दो कॉल सेंटर बनाए गए हैं और वहां लड़कियों को बहाल किया गया है। एक कॉल सेंटर हैदराबाद में है और दूसरा रावलपिंडी में। आईएसआई ने लड़कियों को डेटा माइनिंग के काम में लगाया है। इसमें उन प्रोफाइल्स को सर्च किया जाता है जिसमें आर्मी से जुड़े लोग हों। इसके लिए कुछ कीवर्ड्स डालकर पहले सेना के लोगों की पहचान की जाती है। कई बार तो फौजियों के हेयर कटिंग के स्टाइल से ही उन्हें पहचान लिया जाता है और उनसे संपर्क करने की कोशिश होती है। एक-एक लड़की रोजाना कम से कम 50 प्रोफाइल हैंडल करती है। इंडिया टीवी के रिपोर्टर राजेश कुमार और डिफेंस एडिटर मनीष प्रसाद ने सेना के सूत्रों से इन वीडियो और चैट को वेरिफाई किया। ये वीडियो और चैट पूरी तरह वेरिफाइड और ऑथेंटिकेटेड हैं।

इन लिंक्स को डिकोड करने वाली मिलिट्री इंटेलिजेंस के मुताबिक, लड़कियां अपना नाम और पहचान बदलकर फौज से जुड़े शख्स या उसके रिश्तेदार को वीडियो कॉल्स करती हैं। पहले उसकी पर्सनल लाइफ के बारे में जानने की कोशिश करती हैं। धीरे-धीरे नजदीकियां बढ़ाने की कोशिश की जाती है। इस दौरान कई बार इंटिमेट बातें की जाती हैं। सीक्रेट जानकारी हासिल करने से पहले वो वीडियो कॉल और चैट पर काफी समय बिताती हैं। जब सामने वाले शख्स को यह अहसास हो जाता है कि लड़की जेनुइन है तो फिर धीरे-धीरे सीक्रेट जानकारियां हासिल करने का खेल शुरू हो जाता है।

'आज की बात' में हमने आपको एक ऐसी ही पाकिस्तानी लड़की के बारे में दिखाया जिसका कोड नेम पूजा राजपूत है। यह सिंध प्रांत के हैदराबाद से ऑपरेट करती है। इसने खुद को मिलिट्री नर्सिंग सर्विस में काम करने वाली बताया है और भारत में सिक्योरिटी पर्सनल्स और दूसरे टारगेट्स को निशाना बनाने की कोशिश करती है। चैट के दौरान शुरुआती मजाक, चुटकुलों और हल्की नोंकझोंक के बाद पर्सनल लाइफ की बात करती थी और उसकी समस्याओं को सुनकर अपने टारगेट को भरोसे में लेने की कोशिश करती थी। अक्सर हवाला के जरिए या बैंक खाते से पैसे ट्रांसफर करके पैसे की पेशकश करती थी। इस दौरान लड़की का व्यवहार ऐसा रहता था ताकि किसी को यह पता नहीं चले कि वह भारतीय हिंदू लड़की नहीं बल्कि एक पाकिस्तानी है।

मिलिट्री इंटेलिजेंस ने इन वीडियो कॉल और चैट के लिए कई आईपी एड्रेस की लोकेशन पाकिस्तान में ढूंढी है। नेहा शर्मा, संजना जोशी, सोनिया पटेल, अन्या शर्मा, प्रियांशी राजपूत, टीना अग्रवाल, सृष्टि दीक्षित (सभी हिंदू लड़कियों के नाम) के नाम से फर्जी प्रोफाइल बनाई गई है। आर्मी कमांडर की विजिट, संवेदनशील जगहों की तस्वीरें और आर्मी कम्यूनिकेशन से जुड़ी जानकारी उनकी प्राथमिकता रहती है।

मैं आपको इस मामले का एक उदाहरण देता हूं। राजस्थान के बाड़मेर के एक कपड़ा व्यापारी जितेंद्र सिंह को हाल ही में बेंगलुरु में गिरफ्तार किया गया था। वह पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहा था और भारतीय सेना की वर्दी पहना करता था। इसी तरह जयपुर के एक रेलवे कर्मचारी भरत और राजस्थान के झुंझनू में गैस एजेंसी चलाने वाले संदीप को भी गिरफ्तार किया गया। इन तीनों आरोपियों द्वारा इस्तेमाल किए गए सेलफोन के कॉल डेटा रिकॉर्ड की जांच करने पर यह पाया गया कि ये लोग हैदराबाद और रावलपिंडी के फोन नंबरों पर पाकिस्तानी लड़कियों के संपर्क में थे। इनके सेलफोन से पाकिस्तानी लड़कियों की तस्वीरें भी बरामद की गईं।

ओडिशा पुलिस ने 15 सितंबर को बालासोर जिले के चांदीपुर में डीआरडीओ के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से चार कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया। वे हनीट्रैप का शिकार हो गए थे और विदेशी एजेंटों को सीक्रेट जानकारियां लीक कर रहे थे। क्राइम ब्रांच ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है। इन चारों ने इस बात को स्वीकार किया है कि गिरफ्तार होने से पहले कई दिनों तक ये लोग यूपी की एक महिला के साथ व्हाट्सएप और फेसबुक पर चैट करते थे। इस मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिया गया है। एनआईए उस महिला की प्रोफाइल की जांच कर रही है जिसके साथ ये लोग चैट करते थे। इन चारों पर मिसाइल मूवमेंट और आईटीआर में काम करने वाले वैज्ञानिकों के नाम के बारे में संवेदनशील जानकारी देने का आरोप है। पता चला है कि इन्हें कराची से ऑर्डर मिल रहे थे और ये लोग कराची स्थित आईएसआई एजेंट्स के संपर्क में थे।

कुछ मामलों में ये पाकिस्तानी लड़कियां ये कहती हैं कि वो हिंदुस्तानी तो हैं लेकिन अमेरिका या लंदन में मौजूद हैं इसलिए फिजिकली मिलना तो मुमकिन नहीं मगर वीडियो कॉल, व्हाट्स एप कॉल पर उपलब्ध हैं। इसी तरह एक और वीडियो का खुलासा हुआ। आईएसआई के लिए काम करनेवाली एक और लड़की ने खुद को इंडियन आर्मी का क्लर्क बताकर परिचय दिया था। इसने अपनी फेसबुक और इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर अपना नाम इशानिका अहीर लिखा। और ये बताया कि वो इंडियन क्लर्क है और डेस्क जॉब करती है। कई चैट में तो बेहद अश्लीलता होती है जिसे दर्शकों से शेयर नहीं किया जा सकता।

इशानिका नाम की एक लड़की अलग-अलग पहचान का इस्तेमाल करते हुए एक बार में लगभग 50 टारगेट को संभाल रही थी। वह किसी के लिए इशानिका थी तो किसी के लिए नव्या चोपड़ा। सोशल मीडिया पर लड़की की तस्वीरें एक जैसी हैं। वह एक आईएसआई हैंडलर है जो मिलिट्री इंटेलिजेंस के अनुसार वेस्ट रिज रोड, रावलपिंडी में एक सेफहाउस के लिए काम करती है। हमारी इंटैलीजेंस एजेंसीज को इस बात के भी सबूत मिले है कि आर्मी के जवानों को लड़कियों के जाल में फंसाने के लिए आईएसआई के एजेंट्स ने हमारे देश में फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज तक लगा दिए हैं। इंटरनेट कॉलिंग के जरिए इस साजिश को अंजाम दिया जा रहा है जिससे इन कॉल्स की लोकेशन को ट्रैस नहीं किया जा सके।

पंजाब पुलिस की एक काउंटर-इंटेलिजेंस टीम ने 13 सितंबर को लुधियाना से जसविंदर सिंह नाम के एक व्यक्ति को एक पाकिस्तानी लड़की के साथ संबंधों के आरोप में गिरफ्तार किया। उस लड़की ने खुद को बठिंडा की जसलीन बरार बताकर उससे दोस्ती की थी। लुधियाना के पुलिस आयुक्त ने कहा कि जसलीन बरार के रूप में पेश पाकिस्तानी लड़की ने जसविंदर द्वारा दिए गए एक ओटीपी का इस्तेमाल एक व्हाट्सएप नंबर को एक्टिवेट करने के लिए किया और कम से कम सात डिफेंस पर्सनल से बातचीत की।

सूत्रों ने बताया कि सेना के जवानों के फोन तक पहुंच बनाने के लिए आईएसआई के ये हैंडलर अपनी फर्जी तस्वीरों को डाउनलोड करने के लिए एक लिंक भेजते हैं और एक खास मालवेयर का इस्तेमाल करते हैं। जब इस लिंक पर क्लिक किया जाता है तो संबंधित शख्स के फोन का सभी डेटा खतरे की जद में आ जाता है। इसके बाद सभी गुप्त या संवेदनशील जानकारी, वीडियो या चैट आईएसआई हैंडलर को के पास चले जाते हैं या फिर इसे दूसरे शब्दों में कहें तो सॉफ्टवेयर क्लोनिंग हो जाती है।

आईएसआई भी अब डार्क नेट का इस्तेमाल कर रही है। भारतीय सेना ने 20 विशेष ईमेल आईडी शेयर कर अपने सभी कर्मियों को सतर्क कर दिया है। इसके साथ ही सभी यूनिट को स्पूफिंग का विवरण भेज दिया गया है। सेना ने सभी रैंकों को किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करने की चेतावनी दी है, नहीं तो उनके सेलफोन की सभी सूचनाएं लीक हो जाएंगी। सेना के जवानों से कहा गया है कि वे अपने परिवार के सदस्यों को भी अलर्ट करें, किसी अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें। जवानों और अधिकारियों से कहा गया है कि वे सेना की वर्दी पहने लेकिन अपनी तस्वीरें सेलफोन या सोशल मीडिया पर अपलोड न करें।

हमने विषकन्याओं की कहानियां तो बहुत सुनी हैं। कौटिल्य (चाणक्य) के काल में जासूसी और दुश्मनों की हत्या के लिए 'विषकन्या' का इस्तेमाल किया जाता था। पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी की तरफ से इस्तेमाल की जा रही पाकिस्तानी लड़कियां इसी श्रेणी में हैं। उन्हें इस बात की ट्रेनिंग दी जाती है कि कैसे सेना के जवानों को हनीट्रैप किया जाता है। मैं भारतीय मिलिट्री इंटेलीजेंस को बधाई देना चाहता हूं, जिन्होंने पाकिस्तानी फौज की इस खतरनाक साजिश को नाकाम कर दिया। इसके पहले भी कई बार पाकिस्तान की हर चाल को हमारी फोर्सेज ने हमारी इंटेलीजेंस ने नाकाम किया है। ये कोई हैरत की बात नहीं है कि पाकिस्तान अब इन्फॉर्मेशन हासिल करने के लिए बड़ी बेशर्मी से अपने यहां की लड़कियों का इस्तेमाल कर रहा है।

दुनिया में शायद ही कोई ऐसा मुल्क होगा जो अपने देश की लड़कियों को इतने बड़े पैमाने पर जासूसी के लिए इस्तेमाल करने में लगाता हो, लेकिन पाकिस्तान चाहे जो भी करे हमारे देश में फौज के लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। और उससे भी ज्यादा उन लोगों को सावधान रहने की जरूरत है, जो किसी ना किसी तरीके से फौज के लोगों से जुड़े हैं। हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि हमारे देश का कोई सीक्रेट, हमारी फौज की कोई इन्फॉर्मेशन चाहे वो छोटी हो या बड़ी, इस हनीट्रैप रैकेट के जरिए बाहर ना जाए। ये हम सबकी जिम्मेदारी है। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 23 सितंबर, 2021 का पूरा एपिसोड

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