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Rajat Sharma's Blog: तिहाड़ जेल जाने से बचने की चिदंबरम की कोशिश यूं नाकाम हो गई

चिदंबरम ने कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और सलमान खुर्शीद जैसे देश के बड़े वकीलों को मैदान में उतारा, लेकिन जेल जाने से बच नहीं पाए। पूर्व केंद्रीय मंत्री के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर हैं, और सीबीआई की जांच पूरी होने के बाद ईडी भी उनका इंतजार कर रही है।

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: September 06, 2019 16:14 IST
Rajat Sharma Blog, Chidambaram, Tihar jail - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Rajat Sharma's Blog: How Chidambaram failed in his bid to avoid going to Tihar jail 

पूर्व वित्त एवं गृह मंत्री, वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य पी. चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरुवार को 2 सप्ताह के लिए तिहाड़ जेल भेज दिया। उन्हें जेल नंबर 7 में रखा गया है, और अदालत के आदेश पर उन्हें अपने चश्मे और दवाओं को अपने साथ ले जाने की इजाजत दी गई है। चिदंबरम और उनकी तरफ से तैनात देश के टॉप के वकीलों ने उन्हें जेल जाने से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट, और उसके बाद स्पेशल कोर्ट में अपना पूरा जोर लगा दिया, लेकिन सीबीआई के स्पेशल जज अजय कुमार कुहाड़ ने उन्हें 15 दिन की सीबीआई हिरासत पूरी होने के बाद जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया।

स्पेशल सीबीआई जज का यह आदेश जस्टिस आर. भानुमति और जस्टिस ए. एस. बोपन्ना की सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच द्वारा आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत देने से इनकार करने के बाद आया। इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘यह अग्रिम जमानत देने के लिए उपयुक्त मामला नहीं है। जांच एजेंसी को जांच के लिए पर्याप्त स्वतंत्रता दी जानी जरूरी है। यदि आरोपी को जमानत दी जाएगी तो जांच प्रभावित हो सकती है।’

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘अग्रिम जमानत, विशेषकर आर्थिक अपराधों में, देने से निश्चित ही प्रभावी तरीके से जांच को प्रभावित करेगी। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा एकत्र की गई सामग्री और जांच के चरण को ध्यान में रखते हुए यह अग्रिम जमानत देने योग्य मामला नहीं है।’चिदंबरम के वकीलों ने ईडी के सामने आत्मसमर्पण की पेशकश कर एक और चाल चली, ताकि वह हिरासत में चले जाएं और कम से कम जेल जाने से बच जाएं, लेकिन ईडी के वकील ने कहा कि उन्हें इस स्टेज पर पूर्व केंद्रीय मंत्री की हिरासत की आवश्यकता नहीं है।

चिदंबरम को गुरुवार को सीबीआई की गाड़ी में स्पेशल कोर्ट लाया गया था, और शाम को उन्हें जेल की वैन में तिहाड़ जेल ले जाया गया। जेल वैन के अंदर अकेले बैठे पूर्व वित्त मंत्री और गृह मंत्री की यह तस्वीर लंबे समय तक याद रखी जाएगी। एक समय था जब बड़े राजनीतिक नेता, गंभीर आरोप होने के बावजूद कानूनी दांव-पेच का इस्तेमाल करके जेल जाने से बच जाते थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने हिरासत की परिभाषा को ही बदल दिया है।

चिदंबरम ने कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और सलमान खुर्शीद जैसे देश के बड़े वकीलों को मैदान में उतारा, लेकिन जेल जाने से बच नहीं पाए। पूर्व केंद्रीय मंत्री के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर हैं, और सीबीआई की जांच पूरी होने के बाद ईडी भी उनका इंतजार कर रही है। अगर जेल जाने के बाद चिदंबरम को किसी तरह इस केस में बेल मिल भी गई तो ईडी उन्हें अरेस्ट कर लेगी। इसलिए आने वाले दिन चिंदबरम के लिए मुश्किल भरे होंगे।

किस्मत का खेल देखिए कि जब भारतीय जनता पार्टी के नेता अमित शाह को जेल भेजा गया था, तब चिदंबरम गृह मंत्री थे। उस समय चिंदबरम ने कहा था कि एजेंरियां अपना काम आजादी से करती हैं, और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजे जाने का फैसला कोर्ट का है, और इसमें सरकार का कोई रोल नहीं है। अब जबकि भूमिकाएं बदल चुकी हैं, तो वही चिदंबरम और उनके दोस्त इसे बदले की भावना से की गई कार्रवाई कह रहे हैं। हालांकि सच्चाई यही है कि लोअर कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उन्हें जेल भेजा गया और केस उन्हीं आजाद एजेंसियों ने फाइल किया। (रजत शर्मा)

देखिए, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 05 सितंबर 2019 का पूरा एपिसोड

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