हरियाणा के सिरसा स्थित राम रहीम के डेरा (आश्रम) में जब कोई दाखिल होता है तो आश्चर्य थमने का नाम नहीं लेता। पुलिस और हाईकोर्ट की तरफ से गठित टीम के दाखिल होने से पहले इंडिया टीवी के रिपोर्टर अभिषेक उपाध्याय पहले शख्स थे जो कि मंगलवार और बुधवार को डेरा परिसर में दाखिल हुए। डेरे का राज खोलते-खोलते अभिषेक थक गए। डेरा सच्चा सौदा का फैलाव इतना ज्यादा है कि चलते-चलते अभिषेक हांफने लगे। मंगलवार और बुधवार को हमने जो तस्वीरें दिखाईं, उसने डेरा सौदा सच्चा के बहुत सारे राज खोले।
डेरा परिसर के दृश्यों को गौर से देखने के बाद कोई भी इस निष्कर्ष पर पहुंच सकता है कि डेरा सच्चा सौदा के दो रूप दिखाई देते हैं। एक तो वो जो गुरमीत उर्फ राम रहीम से पहले के दो गुरूओं ने किया। उन्होंने डेरे में स्कूल बनवाए, हॉस्पिटल खोले, लोगों को अच्छी बातें सिखाने के लिए मेडिटेशन सेंटर बनवाए। एक तरह का आश्रम बनाने की कोशिश की। लेकिन राम रहीम ने डेरे को वंडरलैंड बना दिया। एफिल टावर से लेकर ताजमहल तक के रैप्लिका खड़े कर दिए। क्रिकेट का स्टेडियम बना दिया, सिनेमा हॉल और मॉल बनवाया। राम रहीम ने अपने एशो आराम के लिए हर साधन जुटा लिया। उसने अरबों खर्च करके दुनिया को चकाचौंध करनेवाली विलासिता के सारे साधन को जमा किया।
राम रहीम ने उन पैसों को विलासिता पर खर्च किया जिसे वह विशेषकर अपने अनुयायियों से प्राप्त करता था। उसने एक गुफा बनाई और गुफा में क्या-क्या होता था वो सब जानते हैं। असल में राम रहीम ने आश्रम को पैसा कमाने और अय्याशी करने का अड्डा बना दिया था। भोले-भाले लोग कभी इलाज के लिए तो कभी बच्चों को पढ़ाने के लिए तो कभी धर्म के नाम पर सीखने के लिए जाते थे। लेकिन वे मूर्ख बनते रहे और राम रहीम ने इसे अपना सपोर्ट बेस मान लिया। राम रहीम को लगने लगा कि वो भगवान है और इसीलिए उसका अंत इतना बुरा हुआ कि वो बीस साल के लिए जेल की सलाखों के पीछे है। (रजत शर्मा)