अपनी दो शिष्याओं के साथ बलात्कार के मामले में 20 साल की सजा मिलने के बाद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम रोहतक की जेल में सजा काट रहा है। जिस दिन गुरमीत राम रहीम को रोहतक जेल भेजा गया उसके बाद से उसकी गोद ली हुई बेटी हनीप्रीत भगोड़े की तरह जिंदगी जी रही है। वह आखिरी बार फर्जी बाबा के साथ हेलिकॉप्टर में उस वक्त रोहतक जाते हुए देखी गई थी जब गुरमीत को न्यायिक हिरासत के लिए ले जाया जा रहा था। उसके बाद अचानक वह गायब हो गई। हनीप्रीत का नाम उन डेरा समर्थकों की लिस्ट में टॉप पर है, जिन्हें पंचकूला और अन्य स्थानों पर हिंसा फैलाने के लिए लोगों को उसकाने और देशद्रोह का आरोपी ठहराया गया है। देश के सभी हिस्सों के साथ-साथ पड़ोसी देश नेपाल तक हनीप्रीत की खोज का दायरा बढ़ाने के बाद भी पुलिस उसे पकड़ पाने में नाकाम रही और सोमवार को उसके वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की। मंगलवार को हाईकोर्ट जज ने कार्यक्षेत्र के अधिकार की सीमा का हवाला देते हुए उसकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर कहा कि हनीप्रीत को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में जाना चाहिए। महिला जज ने अपनी टिप्पणी में कहा कि हनीप्रीत को चाहिए कि वह पुलिस के सामने सरेंडर कर दे। हनीप्रीत को अग्रिम जमानत लेने के लिए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में जाना चाहिए था। उन्हें शायद यह डर था कि रास्ते में उन्हें पंजाब या हरियाणा की पुलिस गिरफ्तार कर लेगी। इसलिए उनके वकीलों ने दिल्ली हाईकोर्ट का रास्ता चुना। अब हनीप्रीत को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में जाना पड़ेगा। लेकिन जिस तरह की चर्चा इस केस को लेकर हुई है। जिस तरह का केस हरियाणा पुलिस ने बनाया है, इस बात की उम्मीद कम है कि हनीप्रीत को वहां के हाईकोर्ट से भी कोई राहत मिलेगी। बेहतर तो ये होगा कि हनीप्रीत पुलिस के सामने सरेंडर करें और जांच में सहयोग करें। उसे पुलिस के सारे सवालों का जवाब देना चाहिए। (रजत शर्मा)