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Rajat Sharma Blog: तीन तलाक बिल का पास होना ऐतिहासिक, इस कुप्रथा पर लगेगी रोक

इस कानून का उल्लंघन करने वालों के लिए सजा का प्रावधान तो रखना होगा। जब सजा का डर होगा तो धीरे-धीरे तीन तलाक की ये कुप्रथा अपने आप समाज से खत्म हो जाएगी।

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published : July 31, 2019 17:16 IST
Rajat Sharma Blog: Historic passage of Triple Talaq Bill will act as a deterrent
Image Source : INDIA TV Rajat Sharma Blog: Historic passage of Triple Talaq Bill will act as a deterrent

मंगलवार (30 जून 2019) संसद के लिए ऐतिहासिक दिन था, जब राज्यसभा ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक को 84 के मुकाबले 99 वोटों से पारित कर दिया। इस कानून के लागू होने से मुस्लिम महिलाओं के लिए लैंगिक न्याय की राह खुलेगी जो सदियों से तत्काल मौखिक रूप से तलाक देने (तीन तलाक) की सामाजिक कुप्रथा की शिकार होती रही हैं। तीन तलाक की प्रथा को खत्म करते हुए इसे गैर-कानूनी और संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखा गया है। साथ ही इस अपराध के लिए तीन साल तक की सजा का प्रावधान भी किया गया है।

तीन तलाक के मुद्दे पर मैंने कानून और राजनीति के कई जानकारों से बात की। इसमें दो बड़ी बातें उभरकर सामने आईं। एक, ये कि धर्म के आधार पर रिचुअल (रिवाज या प्रचलित प्रथा) का हक तो हो सकता है, लेकिन अधिकार सिर्फ संविधान के तहत मिल सकते हैं। और तीन तलाक का मुद्दा रिचुअल का नहीं बल्कि हक का विषय है। ये संविधान में महिलाओं को दिए गए समानता के अधिकार का सवाल है।

दूसरी बात, ये कहना कि तीन तलाक को गैरकानूनी किया जा सकता है लेकिन इसे संज्ञेय अपराध घोषित कर सजा के दायरे में नहीं लाना चाहिए। यह तर्क इसलिए कमजोर है क्योंकि, अगर सजा नहीं होगी तो तीन तलाक का कानून सिर्फ कागज पर रह जाएगा। ऐसी स्थिति में मुस्लिम समुदाय का एक बड़ा पक्ष ऐसा है जो इस प्रथा को मान्यता देना जारी रखेगा। अगर सजा का कोई प्रावधान नहीं होगा और समाज इसे मान्यता देता रहेगा तो तीन तलाक देने वाले को न समाज का डर रहेगा और न ही कानून का। वे इस कुप्रथा को जारी रखेंगे। 

इसलिए अगर वाकई में मुस्लिम महिलाओं को सही न्याय देना है, उन्हें राहत देनी है, तो इस कानून का उल्लंघन करने वालों के लिए सजा का प्रावधान तो रखना होगा। जब सजा का डर होगा तो धीरे-धीरे तीन तलाक की ये कुप्रथा अपने आप समाज से खत्म हो जाएगी। तीन तलाक का कानून यह सुनिश्चित करेगा कि जो लोग तीन तलाक लेंगे उन्हें जेल जाना होगा और पत्नी अपने पति के घर में सम्मानजनक जीवन जीना जारी रखेगी, क्योंकि इस प्रथा को खत्म कर दिया गया है। मोदी सरकार द्वारा लाया गया यह कानून तारीफ के योग्य कदम है और हर सही सोच वाले व्यक्ति को इसका स्वागत करना चाहिए।

तीन तलाक बिल के पास होने से एक बात साफ हो गई कि अब राज्यसभा में भी सरकार के पास इतना समर्थन है कि वो विपक्ष के विरोध के बाद भी बिल पास करवा सकती है और नंबरों का जुगाड़ कर सकती है। राज्यसभा में अपर्याप्त संख्या बल की वजह से पिछले पांच वर्षों से कांग्रेस और विपक्षी दल के द्वारा राज्यसभा में सरकार के लिए बड़ा अवरोध खड़ा किया जाता रहा है। 

मंगलवार को जब तीन तालाक बिल पारित किया गया उस वक्त एआईएडीएमके, जनता दल (यू), टीआरएस, पीडीपी, बीएसपी और टीडीपी वॉकआउट कर मतदान से दूर रहे, जबकि बीजू जनता दल ने बिल का समर्थन किया। एनसीपी और कांग्रेस के कई वरिष्ठ सदस्य मतदान के दौरान गैरहाजिर थे। तीन तलाक का बिल पास होना सरकार के लिए बड़ी जीत है और राज्यसभा में कांग्रेस के लिए बड़ी हार। (रजत शर्मा)

देखिए, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 30 जुलाई 2019 का पूरा एपिसोड

 

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