गुरुवार को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय की तरफ से जारी आंकड़ों में यह बताया गया कि जुलाई से सितंबर की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की दर 6.3 फीसदी रही जो कि पिछली तिमाही से ज्यादा है। पिछली तिमाही में GDP की दर 5.7 फीसदी थी। उल्लेखनीय तथ्य यह है कि GDP में वृद्धि की यह दर नई GST व्यवस्था के दौर में हुई जिसे 1 जुलाई से लागू किया गया था। मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में GDP में बढ़ोतरी सराहनीय है और वित्त मंत्री अरुण जेटली यह उम्मीद जता चुके हैं कि वृद्धि का क्रम अब आगे भी बना रहेगा।
आपको यह याद होगा जब पिछली पांच तिमाही में GDP में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई थी तब पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा, पी. चिदंबरम और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने सरकार की आर्थिक नीतियों की इस अंदाज में आलोचना की थी कि जैसे अरूण जेटली ने अर्थव्यवस्था को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है और अब कुछ नहीं हो पाएगा, आगे पूरा अंधकार है। उस समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने और अरूण जेटली ने बार-बार कहा था कि यह टेंपरेरी फेज है और नीजर्क रिएक्शन (Knee-jerk reaction) की कोई जरूरत नहीं है। उनकी यह बात सही साबित हुई। जब अर्थव्यवस्था में बड़े रिफॉर्म होते हैं तो इस तरह के झटके लगते हैं जिनका असर कुछ समय के लिए होता है। गुरुवार को GDP के जो आंकड़े आए उससे साफ है कि अर्थव्यवस्था पटरी पर है। देश के लिए यह राहत की बात है और इसके लिए वित्त मंत्री अरूण जेटली को बधाई देनी चाहिए। (रजत शर्मा)