एक खाली ट्रक ने, जिसके नंबर प्लेट पर काला पेंट पुता हुआ था, रविवार को रायबरेली में एक कार को टक्कर मार दी। इस कार को उन्नाव रेप पीड़िता के वकील चला रहे थे। इस दुर्घटना में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई, जबकि उसकी और उसके वकील की हालत गंभीर बनी हुई है। यूपी पुलिस ने शुरुआत में इसे सड़क दुर्घटना का मामला करार दिया, लेकिन पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि रेप केस में मुख्य आरोपी और उन्नाव के बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उसके साथियों ने इस दुर्घटना की प्लानिंग की है।
हैरान करने वाली बात यह है कि दुर्घटना के समय रेप पड़िता के सुरक्षाकर्मी उसके साथ कार में मौजूद नहीं थे। पुलिस का कहना है कि पीड़िता ने खुद ही कार में जगह कम होने की बात कहकर सुरक्षाकर्मियों को साथ आने से मना कर दिया था। ट्रक के मालिक ने पुलिस को बताया कि उसके नंबर प्लेट को लोन फाइनेंसर से बचने के लिए काला कर दिया गया था। उसने बताया कि फाइनेंसर पैसों के लिए तगादा कर रहा था। पुलिस ने कहा कि बारिश और अंधेरे के चलते काले रंग से पुती नंबर प्लेट वाले ट्रक को कहीं भी रोका नहीं गया।
मीडिया के हंगामे के बाद यूपी पुलिस ने अपना रुख बदल लिया और कहा कि 'यदि पीड़िता के परिजन आग्रह करते हैं' तो वह मामले की जांच CBI को सौंपने के लिए तैयार है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि CBI पहले ही रेप केस और पीड़िता के पिता की हत्या के मामले की जांच कर रही है। कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव समेत अन्य विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि दुर्घटना रेप पीड़िता को अदालत में अपनी गवाही देने से रोकने की साजिश थी। उन्होंने आरोपी के अभी भी बीजेपी का सदस्य होने पर सवाल उठाए।
जाहिर है, इन विपक्षी नेताओं को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार को घेरने का मौका इसलिए मिला क्योंकि सेंगर को अभी भी बीजेपी से निकाला नहीं गया है। सेंगर इस समय जेल में है। यह एक गंभीर मामला है क्योंकि सारे परिस्थितिजन्य सबूत पुलिस की कहानी में खामियों की तरफ इशारा करते हैं। इसे सड़क दुर्घटना नहीं कहा जा सकता है क्योंकि ट्रक एक चौड़ी सड़क पर चल रहा था और उसने रॉन्ग साइड में आकर कार को टक्कर मारी है। ट्रक की नंबर प्लेट पर लगे काले पेंट और सुरक्षाकर्मियों के मौजूद न होने को भी संयोग नहीं माना जा सकता।
इस केस में शुरू से ही विधायक कुलदीप सेंगर के रसूख का असर साफ दिखाई दे रहा है। रेप पीड़िता के परिवार को लगातार धमकाया जा रहा था, उसके पिता को मार दिया गया, उसके चाचा को आर्म्स ऐक्ट के तहत जेल में बंद कर दिया गया। रेप पीड़िता पर बलात्कार के मामले को वापस लेने के लिए अनुचित दबाव डाला गया। रेप पीड़िता की मां ने सोमवार को साफ कहा कि यह दुर्घटना उनकी बेटी और परिवार के सदस्यों को मारने की एक साजिश थी।
अब जबकि यूपी सरकार इस सड़क दुर्घटना की जांच सीबीआई को सौंपने के लिए तैयार हो गई है, हम केवल गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती और अपनी जिंदगी के लिए जूझ रही पीड़िता और उसके वकील के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना और आशा कर सकते हैं। (रजत शर्मा)
देखिए, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 29 जुलाई 2019 का पूरा एपिसोड