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Rajat Sharma's Blog: चीन से मदद मांगने वाले फारूक के बयान को देश कभी बर्दाश्त नहीं करेगा

अगर फारुक अब्दुल्ला अपनी बात पर कायम रहते हैं तो हर शहीद का परिवार उनसे सवाल पूछेगा। हर देशभक्त उनसे सवाल पूछेगा।

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: October 13, 2020 14:52 IST
Rajat sharma blog- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Rajat Sharma's Blog: चीन से मदद मांगने वाले फारूक के बयान को देश कभी बर्दाश्त नहीं करेगा

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने आर्टिकल 370 को लेकर बेहद हैरान करने वाला बयान दिया है। एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में डॉ. अब्दुल्ला ने कहा, चीन ने कभी भी आर्टिकल 370 (जो जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करता है और जिसे संसद ने पिछले साल 5 अगस्त को खत्म कर दिया था) को खत्म करने के फैसले को स्वीकार नहीं किया है। उन्होंने कहा-'जब तक आप आर्टिकल 370 को बहाल नहीं करते तब तक हम रुकने वाले नहीं हैं, क्योंकि अब यह एक खुल्ला मामला हो गया है। इंशाल्लाह,मैं चाहता हूं कि हमारे लोगों को उनकी मदद मिले और आर्टिकल 370 और 35-A बहाल हो।' 

फारूक अब्दुल्ला ने ऐसी बात कही है जिसे किसी कीमत पर कोई हिन्दुस्तानी बर्दाश्त नहीं करेगा और करना भी नहीं चाहिए। फारूक अब्दुल्ला कह रहे हैं कि वो चीन की मदद से जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 फिर से लागू करवाएंगे। चीन की कृपा से जम्मू-कश्मीर में फिर से पुरानी स्थिति बहाल होगी। फारूक अब्दुल्ला का कहना है कि सरहद पर टेंशन की वजह आर्टिकल 370 है। चूंकि चीन आर्टिकल 370 को हटाने से नाराज है, इसलिए लद्दाख में तनाव बना हुआ है। चीन आर्टिकल 370 की वापसी चाहता है। फारूक भी 370 को फिर से लागू करवाना चाहते हैं और इस काम में चीन की मदद लेंगे। कोई भी भारतीय इस बात को कैसे कबूल कर सकता है? कैसे हजम कर सकता है? और फारूक अब्दुल्ला इस तरह की बात कैसे कह सकते हैं जो कि लंबे अर्से तक अपने राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं? ये हैरान करने वाला बयान है। 

फारूक अब्दुल्ला संसद के सदस्य हैं। वे पार्लियामेंट (संसद) की सुप्रीमेसी को मानते हैं। उन्होंने संविधान की शपथ ली है और फारूक ये भी जानते हैं कि देश की संसद ने  एक मत से आर्टिकल 370 को हटाने का फैसला किया है। पार्लियामेंट ने संविधान में संशोधन किया है। क्या फारूक पार्लियामेंट को चुनौती दे रहे हैं? देश की संसद को चीन का डर दिखा रहे हैं? फारूक ने ये बात कैसे कह दी? क्या सोच कर कह दी? ये वाकई में सोचने वाली बात है। मैंने जब फारूक अब्दुल्ला के मुंह से इस तरह की बात सुनी तो यकीन नहीं हुआ। क्योंकि, फारूक अब्दुल्ला को मैंने कई मौकों पर देश के लिए जूझते देखा है। खासतौर से कारगिल युद्ध के वक्त।

बाद में नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक प्रवक्ता ने यह कहते हुए फारूक का बचाव करने की कोशिश की, कि उनके बयान को संदर्भ से अलग करके देखा गया। प्रवक्ता ने दिल्ली के एक अखबार से कहा कि फारूक ने कभी भी चीन के विस्तारवादी और आक्रामक इरादे को सही नहीं ठहराया। प्रवक्ता ने कहा- 'हमारे संरक्षक (फारूक अब्दुल्ला) केवल उस गुस्से को जाहिर कर रहे थे जो धारा 370 खत्म होने के बाद से लोगों के अंदर है।' 

नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता की सफाई भी फारूक के बयान से पैदा हुई असहजता को कम नहीं कर सकी, क्योंकि फारूक का यह इंटरव्यू कैमरे पर रिकॉर्ड किया गया था और इसमें उनके इरादे बिल्कुल साफ थे। वे अल्लाह से प्रार्थना कर रहे थे कि चीन की मदद से आर्टिकल 370 को खत्म किया जा सके। 

मुझे उम्मीद थी कि राहुल गांधी की कांग्रेस, शरद पवार की एनसीपी और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस समेत देश की सभी राजनीतिक पार्टियां फारूक अब्दुल्ला के इस बयान पर एतराज जताएंगी। फारूक अब्दुल्ला से अपना बयान वापस लेने को कहेंगी। लेकिन आश्चर्य है कि बीजेपी, जिसने फारूक के बयान को देशद्रोह बताया, को छोड़कर किसी पार्टी ने कुछ नहीं कहा। ये चिंता की बात है। 

फारूक अब्दुल्ला की बात सुनकर मैं हैरान हूं। हैरान इसलिए कि मैं फारुक अब्दुल्ला को बरसों से जानता हूं। मैंने तो फारुक साहब को 'ओ मेरे राम' भजन गाते हुए सुना है। मैंने उनके साथ श्रीनगर के प्रसिद्ध शंकराचार्य मंदिर में बैठकर पूजा की है। मैं उनके साथ मस्जिद में भी गया हूं। उन्होंने मंदिर में हाथ जोड़े तो देश के लिए मस्जिद में हाथ उठाए और मुल्क के लिए दुआ मांगी... कश्मीर में शांति बहाली के लिए दुआ मांगी। पिछले कई दशकों से फारूक ये कहते रहे हैं कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। उनको ये कहते सुना कि पाकिस्तान कश्मीर में गड़बड़ी फैलाता है, घाटी में आतंकवाद फैलाता है। इसलिए उनका ये कहना कि चीन की मदद से वो आर्टिकल 370 बहाल करेंगे, वापस लाएंगे...ये बेहद हैरान करनेवाला है। 

मेरा दिल नहीं कहता कि फारूक देशद्रोही हो सकते हैं। लेकिन कई बार वो लापरवाही में और अत्यधिक भावना में ऐसी बात कह देते हैं जिससे विवाद पैदा हो जाता है। लेकिन फारूक ने चीन से मदद लेनेवाली ये जो बात कही वह ठीक वैसा ही है जैसा देश के दुश्मन कहते हैं। अगर फारूक साहब के मुंह से गलती से ये निकल गया तो उन्हें जल्दी से जल्दी इसपर सफाई देनी चाहिए। 

फारूक आर्टिकल 370 को खत्म करने का विरोध कर सकते हैं। भारत की सरकार का विरोध कर सकते हैं, प्रधानमंत्री से लड़ सकते हैं, देश की जनता की मदद मांग सकते हैं। लेकिन चीन की मदद मांगेंगे तो फारुक साहब को उन शहीदों को जवाब देना पड़ेगा जिन्होंने गलवान में इस देश की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया। उन जवानों को जवाब देना पड़ेगा जो कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकवादियों से लड़ते हुए देश पर न्योछावर हो गए। अगर फारुक अब्दुल्ला अपनी बात पर कायम रहते हैं तो हर शहीद का परिवार उनसे सवाल पूछेगा। हर देशभक्त उनसे सवाल पूछेगा।

मुझे पूरा विश्वास है कि फारूक अब्दुल्ला इसपर अपनी सफाई देंगे और कहेंगे कि उन्होंने कभी कश्मीर के मुद्दे पर चीन की मदद नहीं मांगी। फारूक अब्दु्ल्ला कहेंगे कि वो इस देश को प्यार करते हैं और कभी इस देश के दुश्मन की मदद नहीं मांगेंगे। फारूक अब्दुल्ला को ये समझना पड़ेगा कि जब चीन के साथ तनाव है तो पूरा देश हमारे उन जवानों के साथ है जो देश की एक-एक इंच जमीन की रक्षा के लिए माइनस 50 डिग्री तापमान में बर्फ के तूफानों में खड़े हैं। फारूक अब्दु्ल्ला को ये भी समझना पड़ेगा कि एलएसी पर जो टेंशन है, वो चीन की विस्तारवादी नीति का नतीजा है। (रजत शर्मा)

देखिए, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 12 अक्टूबर 2020 का पूरा एपिसोड

 

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