Sunday, November 17, 2024
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Rajat Sharma Blog: अपनी मांगों को रखते समय किसान हिंसा का रास्ता न अपनाएं

उन्हें अपनी मांगों को मनवाने के लिए विरोध करने का लोकतांत्रिक अधिकार भी है। लेकिन मंगलवार को जिस तरह का दृश्य देखने को मिला वह कुछ और ही तस्वीर बताता है।

Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Updated on: October 03, 2018 20:05 IST
Rajat Sharma Blog: Farmers should refrain from violence while pressing their demands- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Rajat Sharma Blog: Farmers should refrain from violence while pressing their demands

मंगलवार सुबह से दिल्ली-उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर लगभग 25000 किसान अपनी मांगों की लंबी लिस्ट के साथ धरने पर बैठे हुए थे। किसानों की ज्यादातर मांगों को केंद्र सरकार ने माना भी, उनकी मुख्य मांगों में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में 10 साल पुराने डीजल वाहनों, जिनमें ट्रैक्टर भी शामिल हैं, को दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में अनुमति देने के लिए पुनर्विचार याचिका दायर करना, कृषि उपकरणों की कीमतों को घटाने के लिए जीएसटी काउंसिल से दरें कम करने के लिए कहना, सभी फसलों को फसल बीमा योजना के दायरे में लाने और बीमा प्रीमियम का खर्च सरकार द्वारा उठाए जाने को लेकर पैनल का गठन करना शामिल था।

 
जिन मांगों पर सहमति नहीं बन पायी उनमें किसानों के कर्जे माफ करना, कृषि के कामों के लिए डीजल की कीमतें घटाना, ट्यूबैलों के लिए मुफ्त बिजली मुहैया करना और 60 की उम्र पार कर चुके छोटे और मध्यम किसानों के लिए मासिक5000 रुपए पेंशन का प्रावधान करना शामिल है।
 
इन तमाम मागों पर लंबी लड़ाई के लिए किसान अपने ट्रैक्टरों में खाने पीने का सामान भरकर पूरी तैयारी के साथ आए हुए थे। किसानों ने राजधानी में प्रवेश की इजाजत के इंतजार में गाजियाबाद के पास राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 24 पर धरना दे दिया और इस दौरान उनकी पुलिस के साथ झपड़ भी हुई जिसमें कई किसानों को चोटें भी आईं।
 
किसानों की मांगें जायज हो सकती हैं और उन्हें अपनी मांगों को मनवाने के लिए विरोध करने का लोकतांत्रिक अधिकार भी है। लेकिन मंगलवार को जिस तरह का दृश्य देखने को मिला वह कुछ और ही तस्वीर बताता है। विरोध में भाग ले रहे कुछेक लोगों ने अपने ट्रैक्टरों का इस्तेमाल करके उन्हें पुलिस के लगाए हुए बैरेकेड पर चढ़ा दिया और पुलिस पर पथराव भी किया। इस तरह की घटनाओं से बड़ा नुकसान हो सकता है, लेकिन पुलिस की तारीफ करनी होगी कि उन्होंने सख्ती दिखाते हुए लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल करते हुए भीड़ को तितर-बितर किया। इस तरह की हिंसक गतिविधियों का कोई भी समर्थन नहीं करेगा।
 
दिल्ली से गाजियाबाद या मेरठ रोजाना आने-जाने वाले लोगों से भी मैं अनुरोध करुंगा कि परेशानी से बचने के लिए वह इस रास्ते के बजाय कोई दूसरा वैकप्लिक रास्ता चुनें। उम्मीद करते हैं कि यह धरना जल्द खत्म होगा। (रजत शर्मा)

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