लंदन की कोर्ट ने शुक्रवार को दूसरी बार भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि इस बात के पर्याप्त प्रमाण हैं कि भगोड़ा हीरा कारोबारी आत्मसमर्पण नहीं करेगा और वह भागना चाहता है।
चीफ मजिस्ट्रेट एम्मा अर्बथनॉट ने कहा, भारत के बैंकों में 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर (14 हजार करोड़ रुपये) के धोखाधड़ी के आरोप हैं। भारत सरकार ने बहुत ही असामान्य रूप से आरोप लगाया है कि गवाहों का हस्तक्षेप हुआ है और सबूत नष्ट किये गए हैं। मैं जमानत के उनके अधिकार को लेकर सचेत हूं लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि जमानत की शर्तें मेरे डर को शांत नहीं करती हैं, इसलिए इन्हें जमानत नहीं दी जा सकती।'
भारत सरकार के वकील ने कहा कि नीरव मोदी ने गवाहों को जान से मारने की धमकी दी थी, सबूतों को नष्ट कर दिया था और यहां तक कि 2 लाख डॉलर देकर वानूआतू में नागरिकता खरीदने की कोशिश की थी। वकील ने कहा, नीरव मोदी ने एक गवाह आशीष लाड को जान से मारने की धमकी दी और झूठी गवाही देने पर 20 लाख रुपये देने की पेशकश की।
जज एम्मा अर्बथनॉट ने कहा, जहां एक अरब डॉलर का नुकसान हुआ है वहां एक मिलियन पाउंड के जमानत बॉन्ड प्रस्ताव में पर्याप्त सुरक्षा नहीं है।
कुछ दिन पहले जब नीरव मोदी लंदन में पकड़ा गया था तो मैंने आपको बताया था कि नीरव मोदी छुप कर लंदन में रह रहा था और एक डायमंड कंपनी में 20 हजार पाउंड की नौकरी कर रहा था। लेकिन चौंकाने वाली बात ये थी कि वह लंदन में जिस घर में किराए पर रहा था उसका हर महीने का किराया 17 हजार पाउंड था। अब उसकी नौकरी भी चली गई और उसे किराया भी नहीं देने पड़ेगा क्योंकि फिलहाल वो जेल में हैं। अब उसे जमानत मिलने की उम्मीद भी कम है।
इस बात की काफी ज्यादा संभावना है कि उसे जल्दी भारत लाया जाएगा और अगर सीबीआई नीरव मोदी को वापस भारत लाने में कामयाब हो जाती है तो फिर राहुल गांधी का 'चौकीदार चोर है' का नारा भी बेकार हो जाएगा। फिर राहुल गांधी को नरेन्द्र मोदी पर हमला करने के लिए नया नारा ढूंढना पड़ेगा। (रजत शर्मा)
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