INX मीडिया की पूर्व प्रमोटर इंद्राणी मुखर्जी ने सोमवार को एक न्यूज चैनल पर प्रसारित वीडियो में यह स्वीकार किया है कि FIPB से विदेशी निवेश अनुमोदन लेने के लिए उनकी कंपनी ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति की कंपनी को 10 लाख अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया था। वीडियो में इंद्राणी ने, जो कि फिलहाल भायखला जेल में हैं, साफ तौर पर यह स्वीकार किया है कि तत्कालीन वित्तमंत्री ने उनकी मीडिया कंपनी INX की मदद की। वे और उनके पति पीटर ने नॉर्थ ब्लॉक में चिदंबरम से मुलाकात की थी। इंद्राणी ने सीआरपीसी (Criminal Procedure Code) की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया है। इस बयान के आधार पर पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी के साथ आमने-सामने पूछताछ के लिए सीबीआई पिछले सप्ताह कार्ति चिदंबरम को मुंबई जेल लेकर आई थी।
इस दौरान, प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया कि तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने एयरसेल मैक्सिस के लिए कई हजार करोड़ रुपयों के FIPB अनुमोदनों को अपनी स्वीकृति दी। सोमवार को चिदंबरम ने संवाददाताओं के सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया और केवल इतना कहा कि उन्हें जवाब देने की जरूरत नहीं है क्योंकि सभी जवाब सरकारी फाइलों में है।
चिदंबरम का यह बयान INX मीडिया और एयरसेल मैक्सिस केस में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब था। CAG रिपोर्ट भी इन आरोपों का समर्थन करती हैं। कानून मंत्री ने चिदंबरम, राहुल गांधी और मनमोहन सिंह से जवाब मांगा, लेकिन आश्चर्य की बात ये है कि हर छोटी- बड़ी बात पर रिएक्ट करने वाले कांग्रेस के प्रवक्ता इस मामले में एक लफ्ज़ नहीं बोले। ये चुप्पी कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए उम्मीद तो ये है कि चिंदबरम इस मामले में जल्द ही जबाव देंगे।
पिछले दो हफ्तों में जब से नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की बैंक धोखाधड़ी सामने आई है, कांग्रेस के नेताओं ने इनके कारनामों की जिम्मेदारी मोदी सरकार पर डालने की कोशिश की और यह सवाल उठाने लगे कि कैसे इन्हें देश से भागने दिया गया। लेकिन जब कार्ति चिंदबरम को सीबीआई ने गिरफ्तार किया और पी चिंदबरम से जुड़े डिटेल्स सामने आने लगे तो कांग्रेस डिफेंसिव हो गई। कांग्रेस के नेता यह कहने लगे कि ये नीरव मोदी के मामले से ध्यान हटाने की कोशिश है। लेकिन एक के बाद एक जिस तरह से दस्तावेज सामने आ रहे हैं इन सबको देखकर लगता है कि चिंदबरम कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ी मुसीबत बन सकते हैं। मोदी सरकार पर इल्जाम लगानेवाली कांग्रेस को अब जबाव देने पड़ रहा है। (रजत शर्मा)